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Lok Sabha Elections 2024: 'आप' और कांग्रेस के बीच 5 राज्यों में सीट बंटवारे का ऐलान, देखें किस सीट पर कौन सी पार्टी लड़ेगी चुनाव

Seat sharing In AAP and Congress: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे का ऐलान हो चुका है. कांग्रेस और 'आप' ने दिल्ली, गुजरात, गोवा और हरियाणा में एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पढ़ें पूरी खबर..

Seat sharing In AAP and Congress
Seat sharing In AAP and Congress
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 24, 2024, 12:43 PM IST

Updated : Feb 24, 2024, 1:59 PM IST

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम प्रयासों के बाद शनिवार को इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ कर दी है. शनिवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में दोनों ही पार्टी के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी साझा की. सीट शेयरिंग के मामले में दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ-साथ है तो पंजाब में दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली में ऐसे सीट बंटवारा: सूत्रों के हवाले से ईटीवी भारत ने इस संबंध में पहले ही खबर प्रकाशित की थी, जिसपर आज कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मोहर लगा दी. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी चार सीट- नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली पर और कांग्रेस तीन सीट- चांदनी चौक, उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली में आप-कांग्रेस के बीच  सीट शेयरिंग
दिल्ली में आप-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग

अन्य राज्यों पर भी हुई घोषणा: वहीं पंजाब में सभी 13 सीटों पर दोनों ही पार्टी अपने-अपने प्रत्याशियों को उतारेगी और वहां अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा गुजरात में दो सीट भरूच और भावनगर पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी और बाकी 24 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह हरियाणा में 9 सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उधर चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी तो गोवा की दोनों सीट पर कांग्रेस ही चुनाव लड़ेगी.

अन्य राज्यों में सीट शेयरिंग
अन्य राज्यों में सीट शेयरिंग

सीएम ने पहले ही किया था ऐलान: पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और दिल्ली में भी तैयारी पूरी है. इन सब बयानों से इतर अब दोनों ही दलों में जो तय हुआ है, उसके अनुसार दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का मामला लगभग तय हो गया है.

'आप' के लिए बड़ी चुनौती: बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. इससे पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना 'आप' के लिए चुनौती समान है. दिल्ली, पंजाब, गुजरात और हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है कि बेहतर संभावना है, वहां लोकसभा चुनाव में पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है.

यह भी पढ़ें- Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ-साथ, साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में की घोषणा

पहले नहीं दिखा 'असर': इससे पहले वर्ष 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी, दोनों बार पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. वहीं दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई थी. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसदी और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसदी वोट मिले थे.

'आप और कांग्रेस के बीच सीटों का समझौता हुआ है. दो महत्वपूर्ण राजनीतिक दल आने वाले लोकसभा चुनाव का जिम्मा संभालेंगे. मौजूदा परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए 'इंडिया' गठबंधन सशक्त तरीके से कार्य करेगा. हम अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ेंगे. सभी नेता और कार्यकर्ता पूरी ताकत से काम करेंगे. आप पंजाब की स्थिति अच्छे से समझते हैं.' -मुकुल वासनिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

'देश में चुनावों की चोरी हो रही है. इलेक्शन जीतने के लिए विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है. पूरे देश की जनता बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही है. इसी को ध्यान में रखकर और बड़े-छोटे हितों को दूर रखकर हम गठबंधन में आए हैं. देश अहम है. पार्टी हमेशा दूसरे नंबर पर है. चुनाव को 'इंडिया' लड़ेगी.'- संदीप पाठक, आप नेता

यह भी पढ़ें- लोकसभा सीटों पर AAP-कांग्रेस के बीच कैसे बनी सहमति, क्यों राजी हुए केजरीवाल ?, जानें इनसाइड स्टोरी

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम प्रयासों के बाद शनिवार को इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ कर दी है. शनिवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में दोनों ही पार्टी के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी साझा की. सीट शेयरिंग के मामले में दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ-साथ है तो पंजाब में दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली में ऐसे सीट बंटवारा: सूत्रों के हवाले से ईटीवी भारत ने इस संबंध में पहले ही खबर प्रकाशित की थी, जिसपर आज कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मोहर लगा दी. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी चार सीट- नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली पर और कांग्रेस तीन सीट- चांदनी चौक, उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ेगी.

दिल्ली में आप-कांग्रेस के बीच  सीट शेयरिंग
दिल्ली में आप-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग

अन्य राज्यों पर भी हुई घोषणा: वहीं पंजाब में सभी 13 सीटों पर दोनों ही पार्टी अपने-अपने प्रत्याशियों को उतारेगी और वहां अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा गुजरात में दो सीट भरूच और भावनगर पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी और बाकी 24 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. इसी तरह हरियाणा में 9 सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उधर चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी तो गोवा की दोनों सीट पर कांग्रेस ही चुनाव लड़ेगी.

अन्य राज्यों में सीट शेयरिंग
अन्य राज्यों में सीट शेयरिंग

सीएम ने पहले ही किया था ऐलान: पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और दिल्ली में भी तैयारी पूरी है. इन सब बयानों से इतर अब दोनों ही दलों में जो तय हुआ है, उसके अनुसार दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का मामला लगभग तय हो गया है.

'आप' के लिए बड़ी चुनौती: बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. इससे पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना 'आप' के लिए चुनौती समान है. दिल्ली, पंजाब, गुजरात और हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है कि बेहतर संभावना है, वहां लोकसभा चुनाव में पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है.

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पहले नहीं दिखा 'असर': इससे पहले वर्ष 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी, दोनों बार पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. वहीं दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई थी. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसदी और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसदी वोट मिले थे.

'आप और कांग्रेस के बीच सीटों का समझौता हुआ है. दो महत्वपूर्ण राजनीतिक दल आने वाले लोकसभा चुनाव का जिम्मा संभालेंगे. मौजूदा परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए 'इंडिया' गठबंधन सशक्त तरीके से कार्य करेगा. हम अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ेंगे. सभी नेता और कार्यकर्ता पूरी ताकत से काम करेंगे. आप पंजाब की स्थिति अच्छे से समझते हैं.' -मुकुल वासनिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

'देश में चुनावों की चोरी हो रही है. इलेक्शन जीतने के लिए विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है. पूरे देश की जनता बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही है. इसी को ध्यान में रखकर और बड़े-छोटे हितों को दूर रखकर हम गठबंधन में आए हैं. देश अहम है. पार्टी हमेशा दूसरे नंबर पर है. चुनाव को 'इंडिया' लड़ेगी.'- संदीप पाठक, आप नेता

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Last Updated : Feb 24, 2024, 1:59 PM IST
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