जयपुर : शनिवार को राजस्थान विधानसभा की तस्वीर बदली नजर आई. जिस सदन में चुने हुए जनप्रतिनिधि बैठा करते हैं, वहां स्कूली बच्चे बैठे नजर आए. आसान पर सभापति भी मौजूद थे. एक-एक कर स्कूली बच्चों ने कोचिंग से लेकर करप्शन तक के मुद्दे पर बेबाकी से सवाल पूछे.
दरअसल, शनिवार को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में युवा संसद समारोह का आयोजन हुआ. इस मौके पर स्कूली छात्रों ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका निभाते हुए सदन में सवाल पूछे. किसी ने कोटा कोचिंग को लेकर सवाल किया तो कोई करप्शन के मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखता नजर आया.
राजस्थान विधानसभा में माननीय अध्यक्ष श्री @VasudevDevnani जी की पहल पर युवा संसद का आयोजन हुआ। युवा संसद में जनप्रतिनिधि की भूमिका का निर्वहन करने वाले छात्रों ने बड़ी बेबाकी और स्पष्टता से महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी। pic.twitter.com/ajPlgQeddX
— Rajasthan Vidhan Sabha (@RajAssembly) July 27, 2024
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कोटा कोचिंग और करप्शन पर पूछे सवाल : वहीं, कोचिंग को लेकर छात्रों ने सदन में इस तरह से बहस की, कि देखने वाले भी दंग रह गए. कोटा में बच्चों पर दबाव का जिक्र किया. इस पर सबसे ज्यादा टेबल बजाकर सवाल का स्वागत किया. बच्चों ने कहा कि कोटा बहुत दबाव में हैं, क्या सिर्फ कोचिंग ही प्रगति और बढ़ने का जरिया बन गया है.
इसके लिए आज की शिक्षा व्यवस्था को भी देखना होगा. बच्चों ने कहा कि ऐसी कितनी जानें जाएंगी, ऐसे कितने नुकसान के लिए हम तैयार हैं. ऐसे कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगानी होगी. इसके किए कोचिंग के साथ पैरेंट्स को भी ध्यान देना होगा. साथ ही पढ़ाई के दौरान बच्चों के मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
युवा संसद के सत्र को संबोधित करते हुए माननीय अध्यक्ष श्री वासुदेव जी देवनानी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा एवं सफल लोकतांत्रिक देश है और इसे महान बनाने में यहां की समृद्ध संवैधानिक परंपराएं, नियम और प्रक्रियाओं के महत्वपूर्ण भूमिका रही है। pic.twitter.com/Q9GUrsJcuN
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ऐसा इसलिए क्योंकि कोटा में बच्चों की आत्महत्या की घटनााएं हाल के वर्षों में बढ़ी हैं. इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार को भी ध्यान देना होगा. उसके बाद युवा संसद में कोचिंग के खिलाफ सौम्या सिंह भदौरिया ने संकल्प प्रस्ताव रखा. वहीं, इस सत्र में देशभर के 41 स्कूलों के 181 बच्चे शामिल हुए, जिन्होंने जनप्रतिनिधियों की भूमिका निभाई.
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युवाओं को हुआ विधानसभा का अनुभव : राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि वर्तमान में कई बार असंसदीय घटनाओं के कारण मन व्यथित होता है. असहनशीलता इसका प्रमुख कारण है. उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सहनशील और शिक्षित बनकर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से राष्ट्र निर्माण के लिए हमेशा कार्य करते रहे.
देवनानी ने कहा कि संविधान के आधार पर ही देश में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका कार्य करती हैं. इसलिए देश के युवाओं को संविधान में अपनी गहरी आस्था रखनी चाहिए. देश के युवा जातिवाद, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर नेशन फर्स्ट की भावना के साथ कार्य करें. राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए एक भारत श्रेष्ठ भारत की दिशा में काम करें.
देश का युवा जातिवाद व क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ कार्य करें और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। pic.twitter.com/gb1ZxKod4e
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि हमेशा दीन-दुखी, पिछड़े और गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करें और समाज में व्याप्त अंधकार और अशिक्षा को दूर करने में तन-मन-धन से सहयोग करें. उन्होंने स्वयं के शिक्षक रहते हुए अपने अनुभव भी साझा किए. सदन में उपस्थित विद्यार्थियों से स्पीकर ने कहा कि मन में जिज्ञासा और गुणात्मक कार्यों में हमेशा अपनी रूचि बनाए रखें.
जूली ने कही ये बात : इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश के विकास, कानूनों की क्रियान्विति आदि का निर्धारण विधानसभा से ही होता है. उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि सदन में बैठकर यहां की कार्यप्रणाली को बारीकी से समझ कर एक जागरूक नागरिक बनें.
उन्होंने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के सीमित उपयोग और फेक न्यूज के प्रति जागरूक रहने को कहा. इस कार्यक्रम में 41 विद्यालयों के 181 विद्यार्थियों की ओर से विधायक के रूप में सदन में बैठकर जनहित के प्रश्न पूछे गए. उनके द्वारा ही स्पीकर, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष व मंत्री की भूमिका निभाई गई.