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स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मामले में सामने आया आतंकी कनेक्शन, ईमेल की भाषा IS आतंकी संगठन की वेबसाइट जैसी - school bomb email case - SCHOOL BOMB EMAIL CASE

दिल्ली में मिले धमकी भरे ईमेल की सीबीआई और स्पेशल टीम जांच कर रही है. रूसी कनेक्शन के अलावा आतंकी कनेक्शन भी पता चला है. जांच टीम ने अब इस एंगल से भी जांच शुरू की है.

school bomb email case
school bomb email case (Photo - ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 5, 2024, 9:58 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर के सौ से अधिक स्कूलों में बम की जानकारी ईमेल के माध्यम से दिए जाने के मामले में आतंकी कनेक्शन सामने आया है. दिल्ली पुलिस के साथ-साथ स्पेशल सेल और सीबीआई भी जांच में जुटी है. इस मामले में तीन विदेशी सर्वर की जानकारी के लिए इंटरपोल से भी मदद मांगी गई है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने होम मिनिस्ट्री से अप्रोच करके कोर्ट के माध्यम से रूस को लेटर रोगेटरी भी भेजने की तैयारी कर रही है.

1 मई को दिल्ली-एनसीआर के 100 से अधिक स्कूलों में ईमेल के माध्यम से बम और एक्सप्लोसिव रखे होने की सूचना मामले में शुरू में सुरक्षा एजेंसियों को यह जानकारी मिली थी कि इस ईमेल का रूसी कनेक्शन है लेकिन अब यह बात जांच में सामने आई है कि इस ईमेल के तार तीन विदेशी सर्वर तीन वेबसाइट और तीन चैट एप पर पहुंच गई है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो ईमेल अलग-अलग स्कूलों की मेल आईडी पर भेजा गया था उस ईमेल की भाषा आतंकी संगठन आई एस द्वारा चलाई जाने वाली वेबसाइट पर लिखे गए भाषा से मिलता है.

इस मामले में जहां दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अब स्पेशल सेल और सीबीआई भी जांच कर रही है. वहीं, जांच एजेंसियां इंटरपोल से भी लगातार संपर्क में है. इस मामले में ईमेल जिस आईडी से भेजा गया था उसका आईपी ऐड्रेस बताने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है ताकि पता लग सके की तीन विदेशी सर्वर कौन-कौन से हैं.

यह भी पढ़ेंः स्कूलों में बम होने की धमकी के बाद दिल्ली में चला दो दिन का मॉक ड्रिल, जानिए- कैसी है तैयारी

ईमेल जिस आईपी एड्रेस से भेजा जाता है उसे छुपाने के लिए वीपीएन कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि असली आईपी ऐड्रेस जांच में पता ना चल सकेय यह भी जानकारी सामने आई है कि अगर इस मामले में ईमेल भेजने वाले ने डार्क वेब का इस्तेमाल किया है. डार्क वेब एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल आतंकी संगठन या ठगी करने वाले इस्तेमाल करते हैं और जांच एजेंसी के लिए भी डार्क वेब के माध्यम से भेजे गए ईमेल का आईपी एड्रेस पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा, हालांकि ईमेल भेजने वाले मामले में पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में कई फिर दर्ज कर ली थी और आगे की जांच प्रक्रिया जारी है. जानकारी के अनुसार इस मामले में जांच एजेंसी गृह मंत्रालय से निवेदन कर कोर्ट के माध्यम से रूस को लेटर रोगेटरी भी भेजने की तैयारी कर रहा है ताकि रूसी सर्वर की पूरी जानकारी मिल सके. ऐसे लेटर रोगेटरी पहले भी जांच एजेंसी द्वारा एक मामले में रूस को भेजा जा चुका है और उस मामले में पूरी जानकारी भी उपलब्ध कराई गई थी.

क्या है लेटर रोगेटरी
लेटर रोगेटरी एक अनुरोध पत्र होता है जो कानूनी मामले में किसी देश की अदालत के माध्यम से किसी विदेशी अदालत को किसी प्रकार की न्यायिक सहायता के लिए किया जाने वाला औपचारिक अनुरोध है, जिसके बाद दूसरे देश से उस संबंधित मामले में जानकारी और सबूत देने के लिए निवेदन किया जाता.

ये भी पढ़ेंः स्कूलों में बम की अफवाह को लेकर दिल्ली पुलिस ने लोगों से की अपील, कहा फेक ऑड‍ियो हो रहे वायरल, करें इग्नोर

नई दिल्लीः दिल्ली-एनसीआर के सौ से अधिक स्कूलों में बम की जानकारी ईमेल के माध्यम से दिए जाने के मामले में आतंकी कनेक्शन सामने आया है. दिल्ली पुलिस के साथ-साथ स्पेशल सेल और सीबीआई भी जांच में जुटी है. इस मामले में तीन विदेशी सर्वर की जानकारी के लिए इंटरपोल से भी मदद मांगी गई है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने होम मिनिस्ट्री से अप्रोच करके कोर्ट के माध्यम से रूस को लेटर रोगेटरी भी भेजने की तैयारी कर रही है.

1 मई को दिल्ली-एनसीआर के 100 से अधिक स्कूलों में ईमेल के माध्यम से बम और एक्सप्लोसिव रखे होने की सूचना मामले में शुरू में सुरक्षा एजेंसियों को यह जानकारी मिली थी कि इस ईमेल का रूसी कनेक्शन है लेकिन अब यह बात जांच में सामने आई है कि इस ईमेल के तार तीन विदेशी सर्वर तीन वेबसाइट और तीन चैट एप पर पहुंच गई है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो ईमेल अलग-अलग स्कूलों की मेल आईडी पर भेजा गया था उस ईमेल की भाषा आतंकी संगठन आई एस द्वारा चलाई जाने वाली वेबसाइट पर लिखे गए भाषा से मिलता है.

इस मामले में जहां दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अब स्पेशल सेल और सीबीआई भी जांच कर रही है. वहीं, जांच एजेंसियां इंटरपोल से भी लगातार संपर्क में है. इस मामले में ईमेल जिस आईडी से भेजा गया था उसका आईपी ऐड्रेस बताने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है ताकि पता लग सके की तीन विदेशी सर्वर कौन-कौन से हैं.

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ईमेल जिस आईपी एड्रेस से भेजा जाता है उसे छुपाने के लिए वीपीएन कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि असली आईपी ऐड्रेस जांच में पता ना चल सकेय यह भी जानकारी सामने आई है कि अगर इस मामले में ईमेल भेजने वाले ने डार्क वेब का इस्तेमाल किया है. डार्क वेब एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल आतंकी संगठन या ठगी करने वाले इस्तेमाल करते हैं और जांच एजेंसी के लिए भी डार्क वेब के माध्यम से भेजे गए ईमेल का आईपी एड्रेस पता लगाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा, हालांकि ईमेल भेजने वाले मामले में पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में कई फिर दर्ज कर ली थी और आगे की जांच प्रक्रिया जारी है. जानकारी के अनुसार इस मामले में जांच एजेंसी गृह मंत्रालय से निवेदन कर कोर्ट के माध्यम से रूस को लेटर रोगेटरी भी भेजने की तैयारी कर रहा है ताकि रूसी सर्वर की पूरी जानकारी मिल सके. ऐसे लेटर रोगेटरी पहले भी जांच एजेंसी द्वारा एक मामले में रूस को भेजा जा चुका है और उस मामले में पूरी जानकारी भी उपलब्ध कराई गई थी.

क्या है लेटर रोगेटरी
लेटर रोगेटरी एक अनुरोध पत्र होता है जो कानूनी मामले में किसी देश की अदालत के माध्यम से किसी विदेशी अदालत को किसी प्रकार की न्यायिक सहायता के लिए किया जाने वाला औपचारिक अनुरोध है, जिसके बाद दूसरे देश से उस संबंधित मामले में जानकारी और सबूत देने के लिए निवेदन किया जाता.

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