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पीएम मोदी को चुनाव से रोकने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से SC का इनकार - PIL seeking to bar PM Modi

SC Refuses PIL : सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव से रोकने की मांग की गई थी.

PM Modi
पीएम मोदी (ANI PHOTO)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 14, 2024, 2:54 PM IST

Updated : May 14, 2024, 3:04 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान कथित नफरत भरे भाषण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव से रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान विशेष रूप से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्यों द्वारा किए गए नफरत भरे भाषणों को संबोधित करने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश देने की मांग वाली एक अन्य याचिका भी खारिज कर दी. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता से शिकायत के निवारण के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने को कहा.

पीठ ने कहा, 'क्या आपने अधिकारियों से संपर्क किया है. परमादेश के रिट के लिए आपको पहले अधिकारियों से संपर्क करना होगा.' याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली और मामला वापस लिया गया मानते हुए खारिज कर दिया गया.

शीर्ष अदालत अधिवक्ता आनंद एस जोंधले के माध्यम से फातिमा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मोदी को छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी.

याचिका में कहा गया था कि पीएम मोदी ने मतदाताओं से 'हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों' के नाम पर भाजपा को वोट देने की अपील की. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी हाल ही में एक वकील आनंद एस जोंधले की इसी तरह की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था.

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान कथित नफरत भरे भाषण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव से रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान विशेष रूप से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्यों द्वारा किए गए नफरत भरे भाषणों को संबोधित करने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश देने की मांग वाली एक अन्य याचिका भी खारिज कर दी. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता से शिकायत के निवारण के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने को कहा.

पीठ ने कहा, 'क्या आपने अधिकारियों से संपर्क किया है. परमादेश के रिट के लिए आपको पहले अधिकारियों से संपर्क करना होगा.' याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली और मामला वापस लिया गया मानते हुए खारिज कर दिया गया.

शीर्ष अदालत अधिवक्ता आनंद एस जोंधले के माध्यम से फातिमा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मोदी को छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी.

याचिका में कहा गया था कि पीएम मोदी ने मतदाताओं से 'हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों' के नाम पर भाजपा को वोट देने की अपील की. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी हाल ही में एक वकील आनंद एस जोंधले की इसी तरह की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था.

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Last Updated : May 14, 2024, 3:04 PM IST
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