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SC में प. सरकार ने कहा, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी - Kolkata doctor rape murder case

SC hearing Kolkata doctor rape case West Bengal govt : सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर मामले की सुनवाई हुई. डॉक्टरों के आंदोलन पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2024, 1:50 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या मामले में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को पिछले निर्देश का पालन करने और अपने प्लेटफॉर्म से पीड़िता की पहचान हटाने का निर्देश दिया. वहीं डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक या प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी.

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'पीड़िता की गरिमा बनाए रखने के हित में शासन सिद्धांत यह है कि बलात्कार पीड़िता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक निषेधाज्ञा पारित करेगा जिसमें विशेष रूप से विकिपीडिया से पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप हटाने के लिए कहा जाएगा.

पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने कहा कि सभी सोशल मीडिया मंचों को पीड़िता की पहचान हटाने का निर्देश दिया गया और सभी तस्वीरें हटा दी जानी चाहिए. पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पेश किया कि विकिपीडिया पीड़िता की पहचान नहीं हटा रहा है.

वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा, 'जब विकिपीडिया से संपर्क किया गया और इसे हटाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा कि हम सेंसर किए जाने से इनकार किया. एसजी मेहता ने कहा कि पीड़िता की पहचान हटाना 'सेंसर' नहीं है, बल्कि विकिपीडिया से अपराध नहीं करने के लिए कहा गया है.

शीर्ष अदालत ने कहा, 'हम एक आदेश पारित करेंगे क्योंकि उसका (पीड़िता का) नाम और तस्वीरें उजागर नहीं की जा सकतीं. 20 अगस्त को पारित एक पूर्व आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना की मृतक पीड़िता की पहचान सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से हटाने का आदेश दिया था.

पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक या प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी. पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह महिला डॉक्टरों के लिए ड्यूटी के घंटे 12 घंटे तक सीमित करने और रात्रि ड्यूटी से बचने संबंधी अधिसूचना वापस लेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुबंध पर कर्मचारियों को नियुक्त करने के पश्चिम बंगाल के फैसले पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले में पीड़िता के माता-पिता द्वारा दी गई जानकारी की जांच करने का निर्देश दिया.

बता दें इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौटने को कहा था. हालांकि, डॉक्टरों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल डॉक्टरों की मांगों पर सहमति जताते हुए घोषणा की कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल, कोलकाता पुलिस के उत्तर उपायुक्त और स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को बदला जाएगा.

ये भी पढ़ें- कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या मामले में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को पिछले निर्देश का पालन करने और अपने प्लेटफॉर्म से पीड़िता की पहचान हटाने का निर्देश दिया. वहीं डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक या प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी.

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'पीड़िता की गरिमा बनाए रखने के हित में शासन सिद्धांत यह है कि बलात्कार पीड़िता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक निषेधाज्ञा पारित करेगा जिसमें विशेष रूप से विकिपीडिया से पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप हटाने के लिए कहा जाएगा.

पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने कहा कि सभी सोशल मीडिया मंचों को पीड़िता की पहचान हटाने का निर्देश दिया गया और सभी तस्वीरें हटा दी जानी चाहिए. पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पेश किया कि विकिपीडिया पीड़िता की पहचान नहीं हटा रहा है.

वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा, 'जब विकिपीडिया से संपर्क किया गया और इसे हटाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा कि हम सेंसर किए जाने से इनकार किया. एसजी मेहता ने कहा कि पीड़िता की पहचान हटाना 'सेंसर' नहीं है, बल्कि विकिपीडिया से अपराध नहीं करने के लिए कहा गया है.

शीर्ष अदालत ने कहा, 'हम एक आदेश पारित करेंगे क्योंकि उसका (पीड़िता का) नाम और तस्वीरें उजागर नहीं की जा सकतीं. 20 अगस्त को पारित एक पूर्व आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना की मृतक पीड़िता की पहचान सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से हटाने का आदेश दिया था.

पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक या प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी. पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह महिला डॉक्टरों के लिए ड्यूटी के घंटे 12 घंटे तक सीमित करने और रात्रि ड्यूटी से बचने संबंधी अधिसूचना वापस लेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुबंध पर कर्मचारियों को नियुक्त करने के पश्चिम बंगाल के फैसले पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले में पीड़िता के माता-पिता द्वारा दी गई जानकारी की जांच करने का निर्देश दिया.

बता दें इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौटने को कहा था. हालांकि, डॉक्टरों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल डॉक्टरों की मांगों पर सहमति जताते हुए घोषणा की कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल, कोलकाता पुलिस के उत्तर उपायुक्त और स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को बदला जाएगा.

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