हिसार: विश्व प्रसिद्ध सारंगी वादक मामन खान का बुधवार को निधन हो गया. उन्होंने हिसार के उपमंडल बरवाला के पैतृक गांव खरक पूनिया में अंतिम सांस ली. खरक पूनिया गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया. उपायुक्त प्रदीप दहिया ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि देश ने मामन खान के रूप में उच्च कोटि के कलाकार को खो दिया है. उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. मामन खान के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर है.
अभिनेता सोनू सूद ने कही थी इलाज की बात: मामन खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बताया जा रहा था कि उन्हें इलाज के लिए कहीं से मदद भी नहीं मिल पा रही थी. इंद्रजीत नाम के शख्स ने सोशल मीडिया 'X' पर मामन खान की फोटो के साथ उनकी बीमारी और आर्थिक स्थिति का जानकारी शेयर की थी. जिसके जवाब में अभिनेता सोनू सूद ने उनके इलाज करने की बात कही थी. लंबी चली बीमारी के बाद उन्होंने बुधवार को आखिरी सांस ली.
कौन थे सारंगी वादक मामन खान? सारंगी वादक मामन खान देश विदेश में सारंगी वादन की प्रस्तुति दे चुके हैं. जींद के महाराजा के दरबार में सारंगी वादक मामन खान के पितामह और पिता सारंगी वादक रहे हैं. राष्ट्रपति पदक विजेता मामन खान हिसार के खरक पूनिया गांव में रहते थे.
बचपन से बनना चाहते थे सारंगी वादक: मामन खान बचपन से ही सारंगी वादक बनना चाहते थे, क्योंकि उनके पिता जींद में राजा के दरबार में सारंगी वादक थे. उनकी सात पीढ़ियां राजा के दरबार में सारंगी वादक रहीं. उनकी मां भी सारंगी बजा लेती थीं. मामन को हरियाणा लोक संपर्क विभाग चंडीगढ़ में नौकरी भी मिल गई थी.
विदेशों में कर चुके कमाल: मामन खान ने नीविया, सीरिया, दुबई, दिल्ली, चंडीगढ़ और मोरक्को तक सारंगी वादन कर लोगों को मंत्रमुग्ध किया है. मामन खान को राष्ट्रपति पदक और 25 हजार रुपये की राशि. हरियाणा सरकार से ताम्रपत्र, 21 हजार की राशि के अलावा और भी कई पुरस्कार मिले हैं. ट्रेन टू पाकिस्तान फिल्म में उनकी ही सारंगी की धुन ली गई है.