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कोर्ट के बाहर संदीप घोष को जड़ा थप्पड़, भीड़ ने लगाए चोर-चोर के नारे, बंगाल सरकार ने भी लिया एक्शन - Sandip Ghosh

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2024, 9:06 PM IST

Sandip Ghosh Slapped Outside Court: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को आठ दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया. घोष को ले जाते समय कोर्ट के बाहर भीड़ में शामिल एक व्यक्ति ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया. वहीं, बंगाल सरकार ने भी कार्रवाई करते हुए संदीप घोष को सरकारी पद से निलंबित कर दिया है.

Ex-Principal of RG Kar Sandip Ghosh slapped outside court
संदीप घोष (ANI)

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें आठ दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया. सीबीआई के अधिकारी जब घोष को वापस ले जा रहे थे, इस दौरान कोर्ट के बाहर भीड़ में शामिल एक व्यक्ति ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया.

इससे पहले, जब कोलकाता में अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में जब घोष उन्हें लाया गया तो वहां मौजूद भीड़ ने चोर-चोर के नारे लगाए. वकीलों के एक समूह ने उन्हें घेरकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद जब जज ने घोष को आठ दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया तो उन्हें कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था तो एक शख्स ने उनके गाल पर थप्पड़ मार दिया. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रदर्शनकारी वकीलों ने उन्हें थप्पड़ मारा या नहीं.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल घोष को मंगलवार शाम छह बजे के बाद विशेष सीबीआई कोर्ट से बाहर ले जाया गया. सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें घेर लिया और कोर्ट से बाहर ले गए. थप्पड़ मारने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा में कोर्ट परिसर से बाहर ले जाया गया और कार में बिठाकर ले जाया गया.

वहीं, अदालत द्वारा घोष को 8 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया. स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को एक अधिसूचना में घोष को सरकारी पद से निलंबित किए जाने की जानकारी दी.

घोष प्रभावशाली व्यक्ति हैं...
वहीं, घोष को अदालत में पेश करने के बाद सीबीआई ने कहा कि घोष प्रभावशाली व्यक्ति हैं. जिस कारण उन्हें आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लेना जरूरी है. दूसरी ओर, घोष के वकीलों की ओर से जानकारी दी गई कि आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को जितनी बार सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है, वे उतनी बार एजेंसी के समक्ष उपस्थित हुए हैं. यानी उन्होंने पूरी जांच प्रक्रिया में सहयोग किया. दोनों पक्षों के सवाल-जवाब सुनने के बाद न्यायाधीश ने घोष को आठ दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

कोर्ट रूम के अंदर भी नारेबाजी...
घोष समेत कुल चार लोगों को मंगलवार को अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया. संदीप को मास्क पहनाकर कोर्ट रूम में ले जाया गया. हालांकि, वकील कोर्ट में मांग करते रहे कि घोष मास्क हटा दें. कोर्ट रूम के अंदर नारेबाजी शुरू हो गई. आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार अन्य तीन लोगों के साथ घोष को अलीपुर अदालत स्थित विशेष सीबीआई अदालत के पिछले दरवाजे से लाया गया.

भाजपा विधायकों ने निकाला विरोध मार्च
वहीं, भाजपा विधायकों ने मगंलवार को कोलकाता में राज्य विधानसभा से विरोध मार्च निकाला और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की.

कोलकाता में पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन
कोलकाता में रेप-मर्डर की घटना के खिलाफ डॉक्टरों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग की. डॉक्टरों ने कहा कि पुलिस आयुक्त को प्रक्रिया में चूक और 14 अगस्त को सुरक्षा प्रदान करने में विफलता के कारण इस्तीफा दे देना चाहिए.

यह भी पढ़ें- RG Kar Case: संदीप घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन हो सकता है रद्द, डॉक्टरों के महासंघ ने NMC से की अपील

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें आठ दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया. सीबीआई के अधिकारी जब घोष को वापस ले जा रहे थे, इस दौरान कोर्ट के बाहर भीड़ में शामिल एक व्यक्ति ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया.

इससे पहले, जब कोलकाता में अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में जब घोष उन्हें लाया गया तो वहां मौजूद भीड़ ने चोर-चोर के नारे लगाए. वकीलों के एक समूह ने उन्हें घेरकर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद जब जज ने घोष को आठ दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया तो उन्हें कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था तो एक शख्स ने उनके गाल पर थप्पड़ मार दिया. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रदर्शनकारी वकीलों ने उन्हें थप्पड़ मारा या नहीं.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल घोष को मंगलवार शाम छह बजे के बाद विशेष सीबीआई कोर्ट से बाहर ले जाया गया. सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें घेर लिया और कोर्ट से बाहर ले गए. थप्पड़ मारने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा में कोर्ट परिसर से बाहर ले जाया गया और कार में बिठाकर ले जाया गया.

वहीं, अदालत द्वारा घोष को 8 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया. स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को एक अधिसूचना में घोष को सरकारी पद से निलंबित किए जाने की जानकारी दी.

घोष प्रभावशाली व्यक्ति हैं...
वहीं, घोष को अदालत में पेश करने के बाद सीबीआई ने कहा कि घोष प्रभावशाली व्यक्ति हैं. जिस कारण उन्हें आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लेना जरूरी है. दूसरी ओर, घोष के वकीलों की ओर से जानकारी दी गई कि आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को जितनी बार सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है, वे उतनी बार एजेंसी के समक्ष उपस्थित हुए हैं. यानी उन्होंने पूरी जांच प्रक्रिया में सहयोग किया. दोनों पक्षों के सवाल-जवाब सुनने के बाद न्यायाधीश ने घोष को आठ दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

कोर्ट रूम के अंदर भी नारेबाजी...
घोष समेत कुल चार लोगों को मंगलवार को अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया. संदीप को मास्क पहनाकर कोर्ट रूम में ले जाया गया. हालांकि, वकील कोर्ट में मांग करते रहे कि घोष मास्क हटा दें. कोर्ट रूम के अंदर नारेबाजी शुरू हो गई. आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार अन्य तीन लोगों के साथ घोष को अलीपुर अदालत स्थित विशेष सीबीआई अदालत के पिछले दरवाजे से लाया गया.

भाजपा विधायकों ने निकाला विरोध मार्च
वहीं, भाजपा विधायकों ने मगंलवार को कोलकाता में राज्य विधानसभा से विरोध मार्च निकाला और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की.

कोलकाता में पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन
कोलकाता में रेप-मर्डर की घटना के खिलाफ डॉक्टरों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग की. डॉक्टरों ने कहा कि पुलिस आयुक्त को प्रक्रिया में चूक और 14 अगस्त को सुरक्षा प्रदान करने में विफलता के कारण इस्तीफा दे देना चाहिए.

यह भी पढ़ें- RG Kar Case: संदीप घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन हो सकता है रद्द, डॉक्टरों के महासंघ ने NMC से की अपील

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