लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक दिन पहले कन्नौज लोकसभा सीट पर खुद के चुनाव लड़ने पर बने सस्पेंस को समाप्त करते हुए अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया था. इसके बाद कन्नौज में स्थानीय स्तर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तेज प्रताप को स्वीकार करने और सपा के लिए सेफ सेट रही कन्नौज जीतने में तेज प्रताप के सक्षम होने पर सवाल खड़े किए गए.
कन्नौज के स्थानीय नेताओं की तरफ से तेज प्रताप यादव के चुनाव जीतने पर सहमति नहीं जताई और कहा कि अखिलेश यादव के अलावा कन्नौज सीट पर कोई अन्य व्यक्ति चुनाव नहीं जीत सकता है. ऐसे में अखिलेश यादव को ही चुनाव लड़ना चाहिए. तेज प्रताप यादव के प्रत्याशी घोषित होने के बाद से कन्नौज में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच खुशी न होने की बात कही गई और तेज प्रताप यादव को कार्यकर्ताओं और नेताओं ने स्वीकार करने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया.
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरफ से लखनऊ कूच किया गया और अखिलेश यादव से मुलाकात की गई. कन्नौज सीट जीतने के लिए अखिलेश यादव के ही चुनाव मैदान में उतारने का प्रस्ताव रखा गया. इसके बाद अब सपा के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कन्नौज लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गए हैं.
वह कन्नौज में चुनाव लड़कर आसपास की सीटों पर भी समाजवादी पार्टी व इंडिया गठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे. समाजवादी पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव 25 अप्रैल को कन्नौज में अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. अखिलेश यादव ने खुद के कन्नौज लड़ने पर बने सस्पेंस को भी समाप्त करके तेज प्रताप यादव को एक दिन पहले प्रत्याशी घोषित कर दिया था.
बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों और तेज प्रताप के कन्नौज सीट जीतने को लेकर सवाल खड़े होने, कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच स्वीकार्यता नहीं होने के चलते अखिलेश यादव ने अब अपना फैसला बदलने का मन बना लिया है. तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बावजूद अब कन्नौज सीट पर अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ेंगे और वह 25 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं. इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से पूरी तरह से विचार विमर्श भी कर लिया गया है.