लखनऊ: समाजवादी पार्टी के महासचिव रहे सलीम शेरवानी के पार्टी से 5 महीने पहले दिए गए इस्तीफे का जवाब अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब दिया है. इस्तीफा देने वाले अपने प्रमुख मुस्लिम नेता को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्र के माध्यम से जवाब दिया है. इस जवाब में उन्होंने सलीम शेरवानी से गुजारिश की है कि उनको समाजवादी पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए उनके जैसे नेताओं की पार्टी को जरूरत है, इसलिए उन्हें अपना इस्तीफा अब वापस ले लेना चाहिए.
सलीम शेरवानी ने 18 फरवरी को दिया था इस्तीफा: फरवरी के महीने में अखिलेश यादव ने राज्य सभा के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा की. उस लिस्ट में सलीम शेरवानी का नाम नहीं था. उन्हें भरोसा था कि अखिलेश यादव उन्हें सासंद बनाएंगे. ऐसा नहीं हुआ, तो सलीम शेरवानी ने 18 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया. तब उन्होंने आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी में मुस्लिम नेताओं की अनदेखी हो रही है. पार्टी के कई नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की. पर वे नहीं माने.
अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को बदायू से लोकसभा का टिकट दे दिया. सलीम शेरवानी को एक बार फिर निराशा हाथ लगी. उन्हें लगा अब आगे कुछ नहीं हो सकता है. फिर 22 मार्च को अपने जन्म दिन पर उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. उन्हें लगा कि अब पॉलिटिक्स में उनके लिए कुछ नहीं बचा है.
अखिलेश यादव ने शनिवार की शाम उन्हें चिट्ठी भेजकर उन्हें पार्टी में बने रहने के लिए कहा है. जो चिट्ठी उन्होंने अखिलेश यादव को फरवरी महीने में लिखी थी, उसका जवाब उन्हें अब मिला है. अखिलेश ने उनसे कहा है कि उनके जैसे श्रेष्ठ व्यक्ति की पार्टी को जरूरत है. अखिलेश ने अपनी चिट्ठी में सलीम शेरवानी से अपना इस्तीफा वापस लेने का गुज़ारिश की.
माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2027 के दौरान सलीम शेरवानी जैसे अच्छा बोलने वाले नेताओं की समाजवादी पार्टी को बहुत जरूरत पड़ेगी और उन्हें कोई बेहतर मौका भी अखिलेश यादव दे सकते हैं. मुसलमानों में सलीम शेरवानी की पैठ को देखते हुए अखिलेश यादव उन्हें नहीं खोना चाहते हैं.