नई दिल्ली/नोएडाः साहित्य अकादमी ने बुधवार को अपने प्रतिष्ठित वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 की घोषणा की. पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया 21 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियो के द्वारा की गई. इन पुरस्कारों में आठ कविता संग्रह, दो कहानी संग्रह, तीन निबंध, तीन उपन्यास, तीन साहित्यिक आलोचना, एक नाटक और एक शोध की पुस्तक शामिल है. इनमें हिंदी की मशहूर कवियत्री गगन गिल का नाम भी शामिल किया गया है. इनको "मैं जब तक आई बाहर" के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 दिया जाएगा.
दरअसल, गगन गिल ग्रेटर नोएडा स्थित सोसाइटी में रहती हैं. गगन गिल के पति निर्मल वर्मा भी बड़े साहित्यकार थे जिनकी 2005 में मौत हो गई थी. कवियत्री ने "मैं जब तक आई बाहर" पुस्तक को मिलाकर 10 पुस्तक लिखी हैं. इनके द्वारा इससे अलग प्रमुख अवाक व कैलाश मानसरोवर का यात्रा संस्मरण प्रमुख किताबें हैं. उन्होंने कहा कि पुरुस्कार मिले या ना मिले लेकिन अपने काम पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
पुरस्कार की घोषणा के बाद ज्यादा हैरान व परेशान: गगन गिल ने कहा कि पुरस्कार की घोषणा के बाद उनको काफी अच्छा लग रहा है लेकिन उससे ज्यादा वह हैरान परेशान हुई है. क्योंकि मैं एकांत में रहना पसंद करती हूं और मैं सोचती थी कि पुरस्कार तो उन लोगों को ज्यादा मिलता है जो आते-जाते ज्यादा हैं. लेकिन पुरस्कार के लिए एक कोने में बैठी लेखक को भी गिना गया इसके लिए वह साहित्यिक परिवार की आभारी हूं. उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार 2018 में कविता की किताब "मैं जब तक आयी बाहर" के लिए दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मृत्यु के मेरे जीवन की कुछ दुःखद प्रसंग थे उन पर कविताएं है और प्रार्थना की कविताएं इस पुस्तक में है.
बचपन से ही कविताओं का शौक था: साहित्य के बारे में उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता भी विद्वान थे जो अब इस दुनिया में नहीं है. मेरा बचपन उन्हीं के साथ किताबों में बीता. उसके बाद कॉलिज में भी कविताएं लिखी और सफर शुरू हो गया. अब ये कोई फल कैसे बताए कि वो कच्चे से पक्का कैसे हो गया. किताबें कुछ सोचने के लिए प्रेरित करती है. हम सबके जीवन मे सुख-दुख आते जाते है, समाज मे ऊँच-नीच होती है. एक कवि इन घटनाओं को कैसे पकड़ता है ये सब इस पुरुस्कृत किताब से शायद पता चलेगा.
गगन गिल की युवा समाज से अपील: आज के युवा समाज को लेकर उन्होंने बताया कि उनको ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़नी चाहिए. युवा समाज को हम क्या दोष दे कि वह लैपटॉप और मोबाइल के द्वारा सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताता है. लेकिन उसके अंदर भी साहित्य को जानने की भूख रहती है. वो जल्दबाजी में रहता है इसी लिए कच्ची-कच्ची चीजे एक दूसरे से शेयर करता है.
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