सागर: शहर का सबसे पुराना कैथोलिक चर्च सेंट टैरेसा कैथ्रेडल चर्च अपनी स्थापना के 175 साल में प्रवेश कर चुका है. इसके इतिहास की बात करें, तो चर्च का इतिहास सागर में ब्रिटिश सेना की आमद के साथ जुड़ा है. दरअसल इसी दौर में सागर में बडे़ पैमाने पर ब्रिटिश सेना को तैनात किया गया था. क्योंकि 1842 में सागर में हुआ बुंदेला विद्रोह इतना असरकारक था कि ब्रिटिश राज की चूलें हिल गयी थीं.
मधुकर शाह और जवाहर सिंह के नेतृत्व में हुए बुंदेला विद्रोह में सागर से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया गया था. इसका असर ये हुआ कि तत्काल अंग्रेजों ने सागर में बडे़ पैमाने पर सेना को तैनात किया. सागर को छावनी बनाया गया. जिसमें बडे़ पैमाने पर आए अंग्रेज अधिकारी और सैनिकों के लिए चर्च सहित कई तरह के निर्माण किए गए.
सागर का सबसे पुराना रोमन कैथोलिक चर्च
सेंट टैरेसा कैथ्रेडल चर्च के मुख्य पुरोहित फादर थामस लाल पैथिल बताते हैं कि, ''इस चर्च के इतिहास को देखेंगे, तो यहां का सबसे पुराना चर्च है. यानि ब्रिटिश लोग जब यहां शासन करते थे, तो उसी समय यहां चर्च की स्थापना हुई थी. पुराने चर्च में जर्जर हो जाने के कारण करीब 13 साल पहले इसका नवनिर्माण किया गया है. छावनी इलाके में होने के कारण अनुमति में समय लगा.''
फादर थामस लाल पैथिल बताते हैं कि, ''ये ब्रिटिश आर्मी के लिए बनाया गया है. अभी भी ये छावनी इलाका है. यहां ब्रिटिश राज में सेना में अधिकतम ईसाई सैन्य अधिकारी और कर्मचारी थे. उन्हीं के लिए यहां ये चर्च बनाया गया है. इसलिए यहां के फादर मिलेट्री चैपलिन के रूप में काम करता है. अभी भी ये व्यवस्था लागू है.''
क्या कहते हैं इतिहासकार
इतिहासकार डाॅ. भरत शुक्ला बताते हैं कि, ''1857 की क्रांति के पहले बुंदेलखंड में 1842 में बुंदेला विद्रोह हुआ था. ये विद्रोह मधुकर शाह और जवाहर सिंह के नेतृत्व में हुआ था. इसका असर इतना व्यापक था कि सागर सहित खुरई और राहतगढ़ से विद्रोहियों ने अंग्रेज सेना को खदेड़ दिया था. विद्रोह का ब्रिटिश राज पर इतना व्यापक असर पड़ा कि उन्होंने सागर को छावनी में तब्दील कर दिया. बडे़ पैमाने पर यहां सेना को स्थायी रूप से तैनात कर दिया.
डाॅ. भरत शुक्ला कहते हैं कि, ''1842 के बुंदेला विद्रोह के बाद अंग्रेजी शासन को समझ आ गया था कि यहां फौज की मात्रा ज्यादा बढ़ानी पडे़गी. नहीं तो इस इलाके में विद्रोह पनप सकता है. क्योंकि ये इलाका बुंदेलों का इलाका था, जो स्वतंत्रता प्रिय थे. इसलिए यहां विद्रोह के बाद बडे़ पैमाने पर फौज रखी गयी. जब अंग्रेजों की फौज आयी, तो उनके धार्मिक क्रियाकलाप के लिए चर्च की स्थापना की. यहां का जो सबसे पुराना रोमन कैथोलिक चर्च है, उसकी स्थापना 1850 में की गयी थी. सागर छावनी की स्थापना भी उसी समय हुई थी. रेलवे का विकास भी उसी समय हुआ था.
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प्री क्रिसमस सेलिब्रेशन शुरु
सागर के सेंट टैरेसा कैथेड्रल चर्च में क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो गयी हैं, चर्च को संजाया संवारा जा रहा है. स्थानीय ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशु की जन्मस्थली बैथलेहम शहर की झांकी बना रहे हैं. वहीं जहां प्रभु यीशु का जन्म हुआ था, उस चरनी (गौशाला) की झांकी भी बनायी गयी है. सागर में करीब 128 ईसाई परिवार निवास करते हैं. जिनके घरों में भी चरनी की झांकियां बनायी गयी हैं. जिनकी प्रतियोगिता भी रखी गयी है. प्री सैलिब्रेशन के रूप में सभी फादर और सिस्टर रोजाना ईसाई परिवारों में पहुंचते हैं और गौशाला की झांकियां देखते हैं. कैरोल मेकिंग के साथ केक कटिंग भी होती है. इसके साथ क्रिसमस का मुख्य कार्यक्रम 24 दिसंबर की रात से शुरू हो जाएगा.