नासिक : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम तैयारियां की जा रही है.जोनल-सेक्टर मजिस्ट्रेट समेत कई अधिकारियों और कार्मिकों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आचार संहिता लागू होते ही इलेक्शन से जुड़े कामों का दबाव बढ़ गया है. इस बीच महाराष्ट्र के नासिक में लोकसभा चुनाव के लिए करीब 30 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी. इन सभी को नियुक्ति पत्र भी भेज दिया गया है. नियुक्ति पत्र दिए गए सभी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कक्षाएं भी शुरू कर दी गई हैं.
हालांकि, जो कर्मचारी चुनाव कार्य करने में इच्छुक नहीं हैं, उनकी ओर से तरह-तरह का कारण बताकर ड्यूटी रद्द करने का आवेदन दिया जा रहा है. चुनाव के लिए नियुक्त किए गए कुछ कर्मचारियों के नाम दो-दो जगह हैं, कुछ ने हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और शरीर में विभिन्न दर्द जैसे कारण बताए हैं, आचार संहिता लागू होने के बाद से हर दिन लगभग 8 से 10 कर्मचारी चुनाव कार्य रद्द करने का आवेदन लेकर कलेक्टर कार्यालय के निर्वाचन विभाग में आ रहे हैं.
कर्मचारी चुनाव कार्य रद्द करने के लिए अलग-अलग कारण बता रहे हैं. इनमें चलने में सांस फूलना, अधिक परिश्रम से चक्कर आना, हार्ट सर्जरी, हाई ब्लड प्रेशर, बुजुर्ग माता-पिता की जिम्मेदारी जैसे कई कारण बता कर सरकारी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी चुनाव कार्य से बचने की कोशिश कर रहे हैं. इससे चुनाव अधिकारियों को परेशानी हो रही है. जिला निर्वाचन अधिकारियों के यहां आवेदन करने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है. इसके चलते चुनाव अधिकारी परेशान हैं. चुनाव अधिकारियों के सामने अब यह सवाल है कि वे चुनाव कार्यों की योजना बनाएं या आवेदन स्वीकार करें. यह भी देखा जा रहा है कि शिक्षक वर्ग चुनाव कार्य से बचने के प्रति अधिक आग्रही है.
जिलाधिकारी ने जारी किया आदेश
जब से चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है तब से यह बात सामने आई है कि चुनाव कार्यों मे हिस्सा लेने के डर से सरकारी कर्मचारी इस तरह के बहाने बना रहे हैं. ड्यूटी रद्द करने को लेकर लगातार आ रहे आवेदनों के बाद जिलाधिकारी ने बड़ा आदेश जारी किया है. जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि केवल चार कारणों से चुनाव कार्य रद्द किया जा सकता है. पहला तो, जिनका काम दो अलग-अलग जगहों पर रखा गया है उनका. दूसरा, वे कर्मचारी जो राजनीतिक दलों से जुड़े हैं (उनके पास इसका प्रमाण होना चाहिए), और तीसरा जिन्होंने चुनाव से पहले विदेश यात्रा की बुकिंग करा रखी हो. चौथा, जो कर्मचारी तीव्र हृदय रोग, लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं. हालांकि, उप चुनाव कलेक्टर शशिकांत मंगरुले ने कहा कि इन सबका सबूत देना जरूरी है.
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