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Yogi सरकार में सबकुछ ठीक नहीं; प्रयागराज में सीएम की बैठक में फिर नहीं पहुंचे डिप्टी सीएम, RSS-BJP की बैठक भी टली - CM Yogi Vs Keshav Prasad Maurya

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 5:25 PM IST

एक बार फिर केशव प्रसाद मौर्य सीएम योगी की बैठक में नहीं पहुंचे. जबकि वह उसी शहर में थे. दरअसल, सीएम योगी शनिवार को प्रयागराज में कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए गए थे. वहीं पर केशव मौर्य का भी एक कार्यक्रम था. लेकिन, केशव मौर्य सीएम योगी की बैठक से पहले ही लखनऊ लौट आए. इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं.

प्रयागराज में सीएम की बैठक में फिर नहीं पहुंचे डिप्टी सीएम.
प्रयागराज में सीएम की बैठक में फिर नहीं पहुंचे डिप्टी सीएम. (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊ/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और भाजपा संगठन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. प्रदेश कार्य समिति की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकार से बड़ा संगठन वाले बयान के बाद से अभी स्थिति ठीक नहीं हो पाई है. सरकार और संगठन के बीच खींचतान चल रही है.

योगी सरकार, भाजपा संगठन और नेताओं के बीच चल रही उठापटक को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भारतीय जनता पार्टी के साथ एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक भी बुलाई गई लेकिन, फिर बैठक को टाल दिया गया. बैठक को टालने के पीछे किसी भी स्तर से कोई कारण नहीं बताया गया है.

इस बीच एक बार फिर केशव प्रसाद मौर्य सीएम योगी की बैठक में नहीं पहुंचे. जबकि वह उसी शहर में थे. दरअसल, सीएम योगी शनिवार को प्रयागराज में कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए गए थे. वहीं पर केशव मौर्य का भी एक कार्यक्रम था. लेकिन, केशव मौर्य सीएम योगी की बैठक से पहले ही लखनऊ लौट आए. इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं.

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के पास सरकार और संगठन के बीच समन्वय की जिम्मेदारी है. वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों और सरकार संगठन के कामकाज की समीक्षा, सभी वरिष्ठ नेताओं से फीडबैक लेने के लिए अरुण कुमार की महत्वपूर्ण बैठक सरकार और संगठन के वरिष्ठ लोगों के साथ तय की गई थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को राजधानी लखनऊ में ही रहने के निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कल वाराणसी दौरा था. आरएसएस और बीजेपी समन्वय बैठक की वजह से उनका भी दौरा निरस्त किया कर दिया गया. वहीं केशव प्रसाद मौर्य की प्रयागराज में पार्टी की काशी क्षेत्र की बैठक में शामिल होना था. उनका भी कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया.

योगी और केशव लखनऊ में ही रुक गए. इसके अलावा अन्य नेता भी लखनऊ में रुक गए. लेकिन बाद में ऐन मौके पर कहा गया कि शनिवार और रविवार को होने वाली समन्वय बैठक रद कर दी गई है. अब यह बैठक अगस्त के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में आयोजित की जाएगी, जिसमें सरकार संगठन के बीच चल रही खींचतान, सरकार के कामकाज की समीक्षा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों और अभियानों को आगे बढ़ाने जैसे तमाम बिंदुओं पर सरकार और संगठन के स्तर पर बातचीत की जाएगी.

साथ ही उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और अन्य संगठनात्मक कामकाज पर भी चर्चा की जाएगी. साथ ही योगी सरकार में चल रही खींचतान पर पूरी तरीके से विराम लगाने, नेताओं से उनका फीडबैक लेने और हर स्तर पर सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने और बड़ों के बीच चल रहे मनमुटाव को दूर करने का काम किया जाएगा.

अगस्त में होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव में हुई स्थिति, योगी सरकार में अफसरों की मनमानी, कार्यकर्ताओं की नहीं सुने जाने जैसे विषयों को लेकर लगातार नेताओं की तरफ से सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. ऐसे तमाम विषयों पर चर्चा करते हुए इन पर विराम लगाने की बात की जा सकती है.

आरएसएस के एक वरिष्ठ प्रचारक ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि अचानक इस बैठक को बुलाए जाने के पीछे एक ही मंशा थी कि सब कुछ ठीक हो. जैसा कि चल रही खींचतान को लेकर पानी सर के ऊपर जा रहा था.

योगी सरकार और संगठन के बीच सब कुछ ठीक नहीं होने की बात निचले स्तर तक जा चुकी है. मीडिया में लगातार सरकार और संगठन में खींचतान की खबरें आना, पार्टी के कई नेताओं विधायकों सांसदों की तरफ से सवाल खड़े करना, दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ यूपी के नेताओं की मुलाकात और मीडिया में तरह-तरह की बातें करना नेतृत्व परिवर्तन जैसी बातें होना, जिससे सरकार और संगठन का नुकसान हो रहा था.

समाज में और अन्य दलों के बीच संदेश गलत जा रहा था भारतीय जनता पार्टी में में सबकुछ ठीक नहीं है. ऐसे में खींचतान पर विराम लगाने, वरिष्ठ लोगों के बीच समन्वय बनाने को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया और बैठक बुलाई गई लेकिन फिर बाद में इसे अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है.

प्रयागराज में होने के बावजूद नहीं मिले सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बीच खिंची तलवार तमाम प्रयास के बाद भी युद्ध विराम नहीं हो पा रहा है. इसकी बानगी शनिवार को संगम नगरी प्रयागराज में भी देखने को मिली. जहां पर सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक दिन में एक शहर में होने के बाद भी दोनों नेताओं का आमना सामना नहीं हुआ.

जिससे यह साबित हो रहा है कि दिल्ली और लखनऊ के नेताओं और संघ के पदाधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद सीएम और डिप्टी सीएम के बीच की दरार बढ़ती जा रही है. कम नहीं होती नहीं दिख रही है. हालांकि इस मामले में सवाल पूछने पर डिप्टी सीएम ने दो शब्दों में कहा कि सबकुछ ठीक है. यह सब मीडिया की चर्चा मात्र है.

सीएम के पहुंचने तक डिप्टी सीएम प्रयागराज से निकल गए: शनिवार की सुबह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज पहुंचे थे, जहां पर डिप्टी सीएम ने सर्किट हाउस में अफसरों और नेताओं के साथ बैठक की. उसके बाद चंद्र शेखर आजाद पार्क में पौधरोपण करने चले गए. जहां से वो सीधे कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के घर नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंच गए. फिर वहां से कौशांबी के लिए रवाना हो गए.

इसी बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी संगम नगरी प्रयागराज में पहुंच चुके थे. लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शहर में होने के बावजूद सीएम योगी का स्वागत करने नहीं गए. यही नहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम का स्वागत करना तो दूर कुम्भ के कार्यों को लेकर सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक तक में हिस्सा नहीं लिया. जबकि सीएम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी शामिल होने पहुंचे थे.

जिले के समस्त जनप्रतिनिधियों और अफसरों के साथ हुई बैठक में डिप्टी सीएम का शामिल न होना यब साबित करता है कि डिप्टी सीएम और सीएम के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. वहीं सूबे के सीएम और डिप्टी सीएम के बीच चल रहे विवाद को लेकर चंद्रशेखर आजाद पार्क में पूछे गए सवाल पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये अफवाह मीडिया की है. सबकुछ ठीक है.

ये भी पढ़ेंः BJP में सुलह की राजनीति; केशव मौर्य-भूपेंद्र चौधरी को जेपी नड्डा ने दिल्ली में रोका, होगा बड़ा फैसला

ये भी पढ़ेंः योगी की 'सरकार' या केशव मौर्या का 'संगठन'; अब संघ तय करेगा कौन बड़ा?

लखनऊ/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और भाजपा संगठन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. प्रदेश कार्य समिति की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकार से बड़ा संगठन वाले बयान के बाद से अभी स्थिति ठीक नहीं हो पाई है. सरकार और संगठन के बीच खींचतान चल रही है.

योगी सरकार, भाजपा संगठन और नेताओं के बीच चल रही उठापटक को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भारतीय जनता पार्टी के साथ एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक भी बुलाई गई लेकिन, फिर बैठक को टाल दिया गया. बैठक को टालने के पीछे किसी भी स्तर से कोई कारण नहीं बताया गया है.

इस बीच एक बार फिर केशव प्रसाद मौर्य सीएम योगी की बैठक में नहीं पहुंचे. जबकि वह उसी शहर में थे. दरअसल, सीएम योगी शनिवार को प्रयागराज में कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए गए थे. वहीं पर केशव मौर्य का भी एक कार्यक्रम था. लेकिन, केशव मौर्य सीएम योगी की बैठक से पहले ही लखनऊ लौट आए. इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं.

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के पास सरकार और संगठन के बीच समन्वय की जिम्मेदारी है. वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों और सरकार संगठन के कामकाज की समीक्षा, सभी वरिष्ठ नेताओं से फीडबैक लेने के लिए अरुण कुमार की महत्वपूर्ण बैठक सरकार और संगठन के वरिष्ठ लोगों के साथ तय की गई थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को राजधानी लखनऊ में ही रहने के निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कल वाराणसी दौरा था. आरएसएस और बीजेपी समन्वय बैठक की वजह से उनका भी दौरा निरस्त किया कर दिया गया. वहीं केशव प्रसाद मौर्य की प्रयागराज में पार्टी की काशी क्षेत्र की बैठक में शामिल होना था. उनका भी कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया.

योगी और केशव लखनऊ में ही रुक गए. इसके अलावा अन्य नेता भी लखनऊ में रुक गए. लेकिन बाद में ऐन मौके पर कहा गया कि शनिवार और रविवार को होने वाली समन्वय बैठक रद कर दी गई है. अब यह बैठक अगस्त के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में आयोजित की जाएगी, जिसमें सरकार संगठन के बीच चल रही खींचतान, सरकार के कामकाज की समीक्षा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों और अभियानों को आगे बढ़ाने जैसे तमाम बिंदुओं पर सरकार और संगठन के स्तर पर बातचीत की जाएगी.

साथ ही उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और अन्य संगठनात्मक कामकाज पर भी चर्चा की जाएगी. साथ ही योगी सरकार में चल रही खींचतान पर पूरी तरीके से विराम लगाने, नेताओं से उनका फीडबैक लेने और हर स्तर पर सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने और बड़ों के बीच चल रहे मनमुटाव को दूर करने का काम किया जाएगा.

अगस्त में होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव में हुई स्थिति, योगी सरकार में अफसरों की मनमानी, कार्यकर्ताओं की नहीं सुने जाने जैसे विषयों को लेकर लगातार नेताओं की तरफ से सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. ऐसे तमाम विषयों पर चर्चा करते हुए इन पर विराम लगाने की बात की जा सकती है.

आरएसएस के एक वरिष्ठ प्रचारक ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि अचानक इस बैठक को बुलाए जाने के पीछे एक ही मंशा थी कि सब कुछ ठीक हो. जैसा कि चल रही खींचतान को लेकर पानी सर के ऊपर जा रहा था.

योगी सरकार और संगठन के बीच सब कुछ ठीक नहीं होने की बात निचले स्तर तक जा चुकी है. मीडिया में लगातार सरकार और संगठन में खींचतान की खबरें आना, पार्टी के कई नेताओं विधायकों सांसदों की तरफ से सवाल खड़े करना, दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ यूपी के नेताओं की मुलाकात और मीडिया में तरह-तरह की बातें करना नेतृत्व परिवर्तन जैसी बातें होना, जिससे सरकार और संगठन का नुकसान हो रहा था.

समाज में और अन्य दलों के बीच संदेश गलत जा रहा था भारतीय जनता पार्टी में में सबकुछ ठीक नहीं है. ऐसे में खींचतान पर विराम लगाने, वरिष्ठ लोगों के बीच समन्वय बनाने को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया और बैठक बुलाई गई लेकिन फिर बाद में इसे अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है.

प्रयागराज में होने के बावजूद नहीं मिले सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बीच खिंची तलवार तमाम प्रयास के बाद भी युद्ध विराम नहीं हो पा रहा है. इसकी बानगी शनिवार को संगम नगरी प्रयागराज में भी देखने को मिली. जहां पर सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक दिन में एक शहर में होने के बाद भी दोनों नेताओं का आमना सामना नहीं हुआ.

जिससे यह साबित हो रहा है कि दिल्ली और लखनऊ के नेताओं और संघ के पदाधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद सीएम और डिप्टी सीएम के बीच की दरार बढ़ती जा रही है. कम नहीं होती नहीं दिख रही है. हालांकि इस मामले में सवाल पूछने पर डिप्टी सीएम ने दो शब्दों में कहा कि सबकुछ ठीक है. यह सब मीडिया की चर्चा मात्र है.

सीएम के पहुंचने तक डिप्टी सीएम प्रयागराज से निकल गए: शनिवार की सुबह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज पहुंचे थे, जहां पर डिप्टी सीएम ने सर्किट हाउस में अफसरों और नेताओं के साथ बैठक की. उसके बाद चंद्र शेखर आजाद पार्क में पौधरोपण करने चले गए. जहां से वो सीधे कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के घर नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंच गए. फिर वहां से कौशांबी के लिए रवाना हो गए.

इसी बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी संगम नगरी प्रयागराज में पहुंच चुके थे. लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शहर में होने के बावजूद सीएम योगी का स्वागत करने नहीं गए. यही नहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम का स्वागत करना तो दूर कुम्भ के कार्यों को लेकर सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक तक में हिस्सा नहीं लिया. जबकि सीएम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी शामिल होने पहुंचे थे.

जिले के समस्त जनप्रतिनिधियों और अफसरों के साथ हुई बैठक में डिप्टी सीएम का शामिल न होना यब साबित करता है कि डिप्टी सीएम और सीएम के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. वहीं सूबे के सीएम और डिप्टी सीएम के बीच चल रहे विवाद को लेकर चंद्रशेखर आजाद पार्क में पूछे गए सवाल पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये अफवाह मीडिया की है. सबकुछ ठीक है.

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