नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अकेले आरक्षण देने से सभी लोगों का सशक्तिकरण सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना होगा, लेकिन यह धर्म पर आधारित नहीं होना चाहिए. धर्म आधारित आरक्षण के खिलाफ सहयोगी दल बीजेपी के रुख पर टीडीपी प्रमुख ने एएनआई से कहा, 'हर किसी को आर्थिक सुधार या आर्थिक सशक्तीकरण की ओर बढ़ना होगा, न कि धर्म के आधार पर.'
उन्होंने कहा, 'ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से यहां कुछ जातियां या धर्म अधिक पिछड़े हैं. यहां तक कि जब भी मैं इन सभी चीजों का अध्ययन करता हूं तो सोचता हूं कि एक विशेष समुदाय पिछड़ा क्यों है? '
जागरूकता की कमी के कारण पिछड़े हैं मुसलमान
टीडीपी चीफ ने कहा, 'मैं हमेशा यही कहता रहता हूं कि आदिवासी इतने पिछड़े क्यों हैं? बीस साल पहले मैंने आदिवासियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए चैतन्यम की शुरुआत की थी. आदिवासियों के पास बहुत समृद्ध संसाधन हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण वे हमेशा पिछड़े हुए हैं. यहां तक कि मुस्लिम भी.'
सिर्फ आरक्षण से नहीं होगा समाधान
नायडू ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कहा कि आज मैं बहुत स्पष्ट हूं कि हमें पिछड़ापन दूर करने के लिए केवल तुष्टिकरण नहीं, बल्कि कई गुना आक्रामक दृष्टिकोण अपनाना होगा. उन्होंने आगे कहा कि आरक्षण देने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता, हमें अब उससे आगे सोचना होगा.
नायडू ने दावा किया कि हमने दशकों तक एससी, एसटी और जैसे वर्गों को आरक्षण दिया है. क्या वे आज बेहतर स्थिति में हैं? क्या यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है कि आप कुछ और करें या कुछ और करें? हमें सोचना होगा. तभी सभी वर्गों का सशक्तिकरण होगा. आरक्षण ही एकमात्र ऐसी चीज नहीं है जिसे करने की जरूरत है.
आरक्षण से लोगों को सशक्त नहीं बनाया जा सकता
उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप आरक्षण हटा दें. लेकिन अकेले आरक्षण से लोगों को सशक्त नहीं बनाया जा सकता है. मैंने अपने कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मुसलमानों के 4 फीसदी आरक्षण समर्थन किया और फिर मैंने रिजर्वेशन प्रोटेक्ट करने के लिए बेस्ट वकीलों को इंगेज किया.
बता दें कि टीडीपी, जनसेना और बीजेपी दक्षिणी राज्य में साथ मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं. जहां एक ओर वह मुस्लिम आरक्षण की वकालत कर रहे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य प्रमुख बीजेपी नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बीजेपी धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देगी.
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