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CAA बीजेपी का नया जुमला, जान देने को भी तैयार पर बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी : ममता

Mamata Banerjee on CAA: केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार 11 मार्च को सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. वहीं, विरोधी दलों ने इसको लेकर बीजेपी को निशाने पर ले लिया. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि अपनी जान कुर्बान करने को तैयार हूं, लेकिन बंगाल में सीएए-एनआरसी लागू नहीं होने दूंगी.

Mamata Banerjee in Howrah Rally
ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के बनीपुर में सभा को संबोधित किया
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 12, 2024, 4:16 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 4:34 PM IST

हावड़ा: केंद्र द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों की अधिसूचना को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने् भाजपा का चुनावी हथकंडा करार दे दिया. उन्होंने मंगलवार को कहा कि जो लोग नए नियमों के तहत आवेदन करेंगे, उन्हें तुरंत अवैध अप्रवासी करार दिया जाएगा.

ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने कल रात नियमों का अध्ययन किया है और कानूनी सलाह ली है. यह भाजपा द्वारा बिछाया गया एक खतरनाक जाल है. सीएए सीधे तौर पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से जुड़ा है. यह सीएए और इसके नियम वैध नागरिकों को अवैध आप्रवासियों में बदल देते हैं. यह धार्मिक आधार पर भेदभाव करता है और संविधान के मूल सिद्धांतों पर सीधा हमला है. सीएए नियमों के तहत आवेदन करने पर वे आपको हिरासत शिविरों में भेज देंगे. जो लोग इसके नियम के तहत आवेदन करेंगे, उनके पास मौजूद संपत्ति पर कोई स्पष्टता नहीं है.

उन्होंने उत्तर 24 परगना के बनीपुर में एक सभा में कहा, 'अब तक खरीदी गई संपत्तियों के भाग्य पर कोई स्पष्टता नहीं है. इस नए नियम के तहत आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति की जाति के अनुसार आरक्षण की स्थिति पर कोई स्पष्टता नहीं है. एक बार आवेदन करने के बाद, वह इस देश का नागरिक नहीं रह जाता है और अवैध आप्रवासी कहा जाएगा. उस व्यक्ति की एससी, एसटी या ओबीसी स्थिति क्या होगी, जिसका वह व्यक्ति अब तक हकदार था. यह सीएए असंवैधानिक है और अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. यह भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को चुनौती देता है. आप ऐसा भी नहीं कर सकते कि किसी भी आवेदन को अदालत में चुनौती दें. मैं बंगाल में सीएए और एनआरसी नहीं होने दूंगी'.

भाजपा पर तीखा हमला करते हुए, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, 'उन्होंने 2019 में असम में चुनाव से ठीक पहले ऐसा किया था. एनआरसी के नाम पर, उन्होंने वहां 19 लाख में से 13 लाख मुख्य रूप से बंगाली निवासियों को सूची से हटा दिया था. अब वे चुनाव से पहले बार-बार ऐसा कर रहे हैं. कल रात से पूरा नॉर्थ ईस्ट रो रहा है'.

ममता ने आगे कहा, 'अफगानिस्तान लाया गया है, म्यांमार या श्रीलंका क्यों नहीं? केवल दो-तीन सीटों के लिए भाजपा इतने सारे लोगों का जीवन और भविष्य खतरे में डाल रही है. जिनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड हैं, जिन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जिनके नाम पर जमीन है, सब कुछ अवैध करार दिया जाएगा. जैसे ही आप सीएए नियमों के तहत आवेदन करेंगे, आप तुरंत विदेशी बन जाएंगे. उन सभी वैध दस्तावेजों का भविष्य क्या होगा, कोई नहीं जानता. यह भाजपा का एक और जुमला है. अगर उनकी मंशा इतनी ही पारदर्शी थी तो आधार कार्ड क्यों निष्क्रिय किये जा रहे थे? सीएए नियमों के तहत आवेदन करने के लिए आपको अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र देना होगा. आपमें से कितने लोगों के पास वे दस्तावेज़ हैं? वे झूठ बोल रहे हैं और चुनाव से पहले लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं'.

इस बात पर जोर देते हुए कि वह बंगाल में सीएए या एनआरसी लागू नहीं होने देंगी, मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे जानते हैं कि अगर वे मुझे छड़ी दिखाएंगे, तो मैं उन्हें लाठी दिखाऊंगी. यहां से यह स्पष्ट है कि भ्रमित होने या डरने का कोई कारण नहीं है. हम सभी इस देश के नागरिक हैं. अगर हमें मौका मिला तो हम इस कानून को रद्द कर देंगे. मैं इसके लिए अपनी जान भी देने को तैयार हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगी. उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के बारे में कभी नहीं सोचा, जब उनके साथ दुर्व्यवहार और अत्याचार किया गया'.

ममता ने कहा कि पिछली बार आपने बीजेपी के 18 सांसद चुने थे. उन्होंने अब तक राज्य के लिए क्या किया है, सिवाय राज्य के धन के वास्तविक हिस्से में बाधा डालने के. मैंने बंगाल को आत्मनिर्भर बनाने का फैसला किया है. हमारी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 45 दिनों की नौकरियों की गारंटी देकर आज से कर्मश्री परियोजना शुरू की है. अगर वे इसके बाद धन स्वीकृत नहीं करते हैं तो हम गरीबों के लिए घर भी बनाएंगे. इसलिए, मैं आप सभी से इस कानून को अस्वीकार करने का आग्रह करती हूं. आप बंगाल में सुरक्षित हैं.

मुख्यमंत्री ने मतुआओं के लिए अपनी सरकार के कार्यों का खाका भी खींचा और सीएए नियमों की निंदा करने के प्रयासों में उनका समर्थन मांगा.
पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: ममता को I.N.D.I.A. गठबंधन न आया रास, पर कांग्रेस नहीं छोड़ रही आस!

हावड़ा: केंद्र द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों की अधिसूचना को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने् भाजपा का चुनावी हथकंडा करार दे दिया. उन्होंने मंगलवार को कहा कि जो लोग नए नियमों के तहत आवेदन करेंगे, उन्हें तुरंत अवैध अप्रवासी करार दिया जाएगा.

ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने कल रात नियमों का अध्ययन किया है और कानूनी सलाह ली है. यह भाजपा द्वारा बिछाया गया एक खतरनाक जाल है. सीएए सीधे तौर पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से जुड़ा है. यह सीएए और इसके नियम वैध नागरिकों को अवैध आप्रवासियों में बदल देते हैं. यह धार्मिक आधार पर भेदभाव करता है और संविधान के मूल सिद्धांतों पर सीधा हमला है. सीएए नियमों के तहत आवेदन करने पर वे आपको हिरासत शिविरों में भेज देंगे. जो लोग इसके नियम के तहत आवेदन करेंगे, उनके पास मौजूद संपत्ति पर कोई स्पष्टता नहीं है.

उन्होंने उत्तर 24 परगना के बनीपुर में एक सभा में कहा, 'अब तक खरीदी गई संपत्तियों के भाग्य पर कोई स्पष्टता नहीं है. इस नए नियम के तहत आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति की जाति के अनुसार आरक्षण की स्थिति पर कोई स्पष्टता नहीं है. एक बार आवेदन करने के बाद, वह इस देश का नागरिक नहीं रह जाता है और अवैध आप्रवासी कहा जाएगा. उस व्यक्ति की एससी, एसटी या ओबीसी स्थिति क्या होगी, जिसका वह व्यक्ति अब तक हकदार था. यह सीएए असंवैधानिक है और अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. यह भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को चुनौती देता है. आप ऐसा भी नहीं कर सकते कि किसी भी आवेदन को अदालत में चुनौती दें. मैं बंगाल में सीएए और एनआरसी नहीं होने दूंगी'.

भाजपा पर तीखा हमला करते हुए, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, 'उन्होंने 2019 में असम में चुनाव से ठीक पहले ऐसा किया था. एनआरसी के नाम पर, उन्होंने वहां 19 लाख में से 13 लाख मुख्य रूप से बंगाली निवासियों को सूची से हटा दिया था. अब वे चुनाव से पहले बार-बार ऐसा कर रहे हैं. कल रात से पूरा नॉर्थ ईस्ट रो रहा है'.

ममता ने आगे कहा, 'अफगानिस्तान लाया गया है, म्यांमार या श्रीलंका क्यों नहीं? केवल दो-तीन सीटों के लिए भाजपा इतने सारे लोगों का जीवन और भविष्य खतरे में डाल रही है. जिनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड हैं, जिन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जिनके नाम पर जमीन है, सब कुछ अवैध करार दिया जाएगा. जैसे ही आप सीएए नियमों के तहत आवेदन करेंगे, आप तुरंत विदेशी बन जाएंगे. उन सभी वैध दस्तावेजों का भविष्य क्या होगा, कोई नहीं जानता. यह भाजपा का एक और जुमला है. अगर उनकी मंशा इतनी ही पारदर्शी थी तो आधार कार्ड क्यों निष्क्रिय किये जा रहे थे? सीएए नियमों के तहत आवेदन करने के लिए आपको अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र देना होगा. आपमें से कितने लोगों के पास वे दस्तावेज़ हैं? वे झूठ बोल रहे हैं और चुनाव से पहले लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं'.

इस बात पर जोर देते हुए कि वह बंगाल में सीएए या एनआरसी लागू नहीं होने देंगी, मुख्यमंत्री ने कहा, 'वे जानते हैं कि अगर वे मुझे छड़ी दिखाएंगे, तो मैं उन्हें लाठी दिखाऊंगी. यहां से यह स्पष्ट है कि भ्रमित होने या डरने का कोई कारण नहीं है. हम सभी इस देश के नागरिक हैं. अगर हमें मौका मिला तो हम इस कानून को रद्द कर देंगे. मैं इसके लिए अपनी जान भी देने को तैयार हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगी. उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के बारे में कभी नहीं सोचा, जब उनके साथ दुर्व्यवहार और अत्याचार किया गया'.

ममता ने कहा कि पिछली बार आपने बीजेपी के 18 सांसद चुने थे. उन्होंने अब तक राज्य के लिए क्या किया है, सिवाय राज्य के धन के वास्तविक हिस्से में बाधा डालने के. मैंने बंगाल को आत्मनिर्भर बनाने का फैसला किया है. हमारी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 45 दिनों की नौकरियों की गारंटी देकर आज से कर्मश्री परियोजना शुरू की है. अगर वे इसके बाद धन स्वीकृत नहीं करते हैं तो हम गरीबों के लिए घर भी बनाएंगे. इसलिए, मैं आप सभी से इस कानून को अस्वीकार करने का आग्रह करती हूं. आप बंगाल में सुरक्षित हैं.

मुख्यमंत्री ने मतुआओं के लिए अपनी सरकार के कार्यों का खाका भी खींचा और सीएए नियमों की निंदा करने के प्रयासों में उनका समर्थन मांगा.
पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: ममता को I.N.D.I.A. गठबंधन न आया रास, पर कांग्रेस नहीं छोड़ रही आस!

Last Updated : Mar 12, 2024, 4:34 PM IST
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