बेंगलुरु: कर्नाटक में डेंगू का कहर जारी है. इसी बीच राज्य सरकार ने डेंगू को गंभीरता से लेते हुए इसे अधिसूचित रोग घोषित कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने स्पष्ट किया है कि सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज मुफ्त किया जा रहा है, जबकि निजी अस्पतालों में भी सरकार ने डेंगू के लिए होने वाले टेस्टों की दरें तय कर दी है. विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता धनंजय सरजी के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पिछली बार की तुलना में इस बार डेंगू अधिक मात्रा में सामने आया है. पिछली बार कर्नाटक में 25 हजार केस सामने आए थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा करीब 60 हजार है. इसलिए राज्य सरकार ने डेंगू को अधिसूचित रोग घोषित किया है.
कोविड की तरह डेंगू की ट्रैकिंग
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि, 'हम डेंगू के मामलों के आंकड़ों में कोई अंतर नहीं कर रहे हैं, हमने इसे गंभीरता से लिया है और अधिकारियों को कोविड की तरह इसे भी ट्रैक करने का सुझाव दिया गया है. अगर एक ही इलाके में डेंगू के दो मामले पाए जाते हैं, तो हम उस इलाके में फीवर क्लिनिक की जाएगी.'
22 लैब्स पर छापेमारी
राव ने बताया कि सरकारी अस्पताल में बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों के लिए निशुल्क इलाज और जांच की व्यवस्था है. साथ ही निजी अस्पताल में भी इसके लिए दरें निर्धारित हैं.बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने निर्धारित दर से अधिक पैसे वसूलने वाली 22 लैब्स पर छापेमारी की और उन्हें नोटिस जारी किया था. इन लैब के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
क्या है सरकारी रेट?
सरकार की ओर से तय दरों के अनुसार, डेंगू एलिसा NS1 टेस्ट 300 रुपये, स्टेनिंग टेस्ट, NS1, IgM और IgG के लिए रैपिड कार्ड टेस्ट की कीमत 250 रुपये निर्धारित है. अगर कोई लैब इससे अधिक चार्ज लेती है, तो आप 9449843037 पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा लोग जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी का कार्यालय में भी शिकायत कर सकते हैं.