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सियाचिन वीरता और साहस की राजधानी है: राजनाथ सिंह - Rajnath Siachen visit

Defence Minister Rajnath Singh Siachen visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को लद्दाख के सियाचिन पहुंचे. उन्होंने सशस्त्र बलों के साथ बातचीत की.

Rajnath Singh leaves for Siachen (Photo ANI Video)
राजनाथ सिंह सियाचिन के लिए रवाना (फोटो एएनआई वीडियो)
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By ANI

Published : Apr 22, 2024, 9:32 AM IST

Updated : Apr 22, 2024, 12:45 PM IST

सियाचिन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को सियाचिन पहुंचे और मोर्चे पर तैनात सशस्त्र बलों के साथ बातचीत की. इन जवानों में कैप्टन सुमन भी शामिल हैं जो एक मई को सियाचिन ग्लेशियर के कुमार पोस्ट पर तैनात होने वाले हैं. रक्षा मंत्री और लद्दाख के सियाचिन में तैनात सशस्त्र बल के जवानों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए.

सियाचिन बेस कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर आप जिस तरह से देश की रक्षा करते हैं, उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं. सियाचिन की भूमि कोई सामान्य भूमि नहीं है. यह एक प्रतीक है. यह देश की संप्रभुता और दृढ़ता का प्रतिनिधित्व करता है. हमारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है. मुंबई हमारी आर्थिक राजधानी है, हमारी तकनीकी राजधानी बेंगलुरु है, लेकिन सियाचिन वीरता और साहस की राजधानी है.'

इससे पहले एक्स पर एक पोस्ट में राजनाथ सिंह ने कहा, 'सियाचिन के लिए नई दिल्ली से रवाना हो रहा हूं. वहां तैनात हमारे साहसी सशस्त्र बल के कर्मियों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं.' पहले उनका 24 मार्च को सैनिकों के साथ होली मनाने के लिए सियाचिन जाने का कार्यक्रम था, लेकिन 'खराब मौसम' के कारण कार्यक्रम को बदलकर लेह कर दिया गया. जहां रक्षा मंत्री ने लेह सैन्य स्टेशन पर सशस्त्र बलों के साथ इस अवसर का जश्न मनाया. उन्होंने सियाचिन में तैनात कमांडिंग ऑफिसर से फोन पर बात की और जल्द से जल्द उनसे मिलने का वादा किया और अपने वादे को पूरा करने के लिए वह यह दौरा कर रहे हैं.

सियाचिन ग्लेशियर हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है और इसे अक्सर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है. इससे पहले 13 अप्रैल को भारतीय वायु सेना ने प्रसिद्ध 'ऑपरेशन मेघदूत' की 40वीं वर्षगांठ मनाई थी, जिसे भारतीय सेना ने सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा करने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल करके उस पर नियंत्रण हासिल करने के लिए चलाया था. भारतीय सेना द्वारा यह ऑपरेशन 13 अप्रैल 1984 को किया गया था जो भारतीय सेना द्वारा किए गए सबसे बड़े ऑपरेशनों में से एक था.

राजनाथ सिंह बोले-पीओके के लोग भारत के साथ रहने की मांग करेंगे: बता दें कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'पीओके हमारा था, है और हमारा ही रहेगा.' रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत में हो रहे विकास को देखते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग खुद भारत के साथ रहने की मांग करेंगे.

रक्षा मंत्री ने आगे कहा,'भारत की शक्ति बढ़ रही है. दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है. हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. तेजी से प्रगति हो रही है. अब पीओके में हमारे भाई-बहन खुद भारत के साथ आने की मांग करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संदेशखाली में हाल की घटनाओं को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि जिस सरकार के शासन में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. उसे सत्ता में नहीं रहना चाहिए. पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है बहुत हद तक किसी भी राज्य का विकास करना हो तो सबसे पहली शर्त होती है.

ये भी पढ़ें-जम्मू में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गरजे, कहा, भारत के पास दुश्मन के इलाके में हमला करने की ताकत - Defence Minister Rajnath Singh

सियाचिन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को सियाचिन पहुंचे और मोर्चे पर तैनात सशस्त्र बलों के साथ बातचीत की. इन जवानों में कैप्टन सुमन भी शामिल हैं जो एक मई को सियाचिन ग्लेशियर के कुमार पोस्ट पर तैनात होने वाले हैं. रक्षा मंत्री और लद्दाख के सियाचिन में तैनात सशस्त्र बल के जवानों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए.

सियाचिन बेस कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर आप जिस तरह से देश की रक्षा करते हैं, उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं. सियाचिन की भूमि कोई सामान्य भूमि नहीं है. यह एक प्रतीक है. यह देश की संप्रभुता और दृढ़ता का प्रतिनिधित्व करता है. हमारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है. मुंबई हमारी आर्थिक राजधानी है, हमारी तकनीकी राजधानी बेंगलुरु है, लेकिन सियाचिन वीरता और साहस की राजधानी है.'

इससे पहले एक्स पर एक पोस्ट में राजनाथ सिंह ने कहा, 'सियाचिन के लिए नई दिल्ली से रवाना हो रहा हूं. वहां तैनात हमारे साहसी सशस्त्र बल के कर्मियों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं.' पहले उनका 24 मार्च को सैनिकों के साथ होली मनाने के लिए सियाचिन जाने का कार्यक्रम था, लेकिन 'खराब मौसम' के कारण कार्यक्रम को बदलकर लेह कर दिया गया. जहां रक्षा मंत्री ने लेह सैन्य स्टेशन पर सशस्त्र बलों के साथ इस अवसर का जश्न मनाया. उन्होंने सियाचिन में तैनात कमांडिंग ऑफिसर से फोन पर बात की और जल्द से जल्द उनसे मिलने का वादा किया और अपने वादे को पूरा करने के लिए वह यह दौरा कर रहे हैं.

सियाचिन ग्लेशियर हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है और इसे अक्सर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है. इससे पहले 13 अप्रैल को भारतीय वायु सेना ने प्रसिद्ध 'ऑपरेशन मेघदूत' की 40वीं वर्षगांठ मनाई थी, जिसे भारतीय सेना ने सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा करने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल करके उस पर नियंत्रण हासिल करने के लिए चलाया था. भारतीय सेना द्वारा यह ऑपरेशन 13 अप्रैल 1984 को किया गया था जो भारतीय सेना द्वारा किए गए सबसे बड़े ऑपरेशनों में से एक था.

राजनाथ सिंह बोले-पीओके के लोग भारत के साथ रहने की मांग करेंगे: बता दें कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'पीओके हमारा था, है और हमारा ही रहेगा.' रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत में हो रहे विकास को देखते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग खुद भारत के साथ रहने की मांग करेंगे.

रक्षा मंत्री ने आगे कहा,'भारत की शक्ति बढ़ रही है. दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है. हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. तेजी से प्रगति हो रही है. अब पीओके में हमारे भाई-बहन खुद भारत के साथ आने की मांग करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संदेशखाली में हाल की घटनाओं को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि जिस सरकार के शासन में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. उसे सत्ता में नहीं रहना चाहिए. पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है बहुत हद तक किसी भी राज्य का विकास करना हो तो सबसे पहली शर्त होती है.

ये भी पढ़ें-जम्मू में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गरजे, कहा, भारत के पास दुश्मन के इलाके में हमला करने की ताकत - Defence Minister Rajnath Singh
Last Updated : Apr 22, 2024, 12:45 PM IST
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