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पटरियों की निगरानी के लिए 'ट्रैक मित्र' नियुक्त करेगा रेलवे, किसान, स्थानीय लोग और चरवाहे संभालेंगे जिम्मा - Track Mitra monitor railway tracks - TRACK MITRA MONITOR RAILWAY TRACKS

Track Mitra Monitor Railway Tracks, रेल पटरियों में तोड़फोड़ के बढ़ते मामले को देखते हुए रेलवे के द्वारा किसानों, स्थानीय निवासियों के अलावा चरवाहों को रेलवे पटरियों की निगरानी के लिए शामिल किया जाएगा. इसके लिए उन्हें ट्रैक मित्र बनाया जाएगा. पढ़िए ईटीवी भारत के संवाददाता चंचल मुखर्जी की रिपोर्ट...

Railways will appoint 'track friends' to monitor tracks
पटरियों की निगरानी के लिए 'ट्रैक मित्र' नियुक्त करेगा रेलवे (file photo-ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 5:09 PM IST

नई दिल्ली : देश भर में रेलवे पटरियों पर तोड़फोड़ या ट्रेनों को पटरी से उतारने की बढ़ती कोशिशों के बीच रेलवे किसानों, स्थानीय निवासियों और चरवाहों को रेलवे पटरियों की निगरानी के लिए 'ट्रैक मित्र' के रूप में शामिल करेगा. जिससे ऐसी किसी भी घटना पर अंकुश लग सकेगा. रेलवे के सूत्रों ने बताया कि ये ट्रैक मित्र रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कर्मियों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे. साथ ही पटरियों के पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में सुरक्षा कर्मियों को अहम जानकारी देने के लिए नियमित अंतराल पर बैठकें भी करेंगे.

इस उद्देश्य के लिए पूर्वोत्तर रेलवे जोन में अब तक करीब 170 ट्रैक मित्र बनाए जा चुके हैं. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने पहले ही रेल पटरियों पर आरपीएफ कर्मियों और इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों के साथ संयुक्त गश्त शुरू कर दी है, ताकि ट्रेन संचालन में बाधा डालने या तोड़फोड़ के किसी भी प्रयास पर नजर रखी जा सके.

आरपीएफ कर्मी गांवों और रेलवे पटरियों के आसपास रहने वाले लोगों तथा उन किसानों की सूची तैयार करेंगे, जिनकी कृषि भूमि पटरियों के पास है. उन्हें ट्रैक मित्र बनाया जाएगा, ताकि वे अपने स्थानों से रेल पटरियों को पार करने पर आसानी से नजर रख सकें. अधिकारी ने बताया कि ट्रैक मित्र के रूप में ये लोग पटरियों पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति को देखने पर तुरंत अधिकारियों को बताएंगे. इसके अलावा, रेलवे सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पटरियों की सक्रिय निगरानी भी कर रहा है, जिसमें अधिकारी रेल पटरियों के पास संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए गांव के लोगों, ग्राम प्रधानों और छात्रों की मदद ले रहे हैं.

इसी क्रम में ट्रेनों और पटरियों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय करके रेलवे अधिकारी उन अपराधियों की भी जांच और स्कैनिंग कर रहे हैं जो पहले भी इसी तरह के मामलों में शामिल रहे हैं. एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि ऐसे अपराधियों की एक सूची भी तैयार की गई है ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. वहीं आरपीएफ चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है और सुरक्षाकर्मियों ने पटरियों पर शरारती गतिविधियों को रोकने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए अपने मुखबिरों और स्रोतों को सक्रिय कर दिया है. अधिकारियों के सख्त निर्देश के बाद कर्मचारियों द्वारा पटरियों के पास रेल लाइन, स्लीपर, बोल्डर व अन्य सामान जैसे लावारिस हालत में पड़े स्क्रैप को हटाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- बठिंडा में टला बड़ा रेल हादसा, शरारती तत्वों ने ट्रैक पर बिछाई सरिया

नई दिल्ली : देश भर में रेलवे पटरियों पर तोड़फोड़ या ट्रेनों को पटरी से उतारने की बढ़ती कोशिशों के बीच रेलवे किसानों, स्थानीय निवासियों और चरवाहों को रेलवे पटरियों की निगरानी के लिए 'ट्रैक मित्र' के रूप में शामिल करेगा. जिससे ऐसी किसी भी घटना पर अंकुश लग सकेगा. रेलवे के सूत्रों ने बताया कि ये ट्रैक मित्र रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कर्मियों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे. साथ ही पटरियों के पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में सुरक्षा कर्मियों को अहम जानकारी देने के लिए नियमित अंतराल पर बैठकें भी करेंगे.

इस उद्देश्य के लिए पूर्वोत्तर रेलवे जोन में अब तक करीब 170 ट्रैक मित्र बनाए जा चुके हैं. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने पहले ही रेल पटरियों पर आरपीएफ कर्मियों और इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों के साथ संयुक्त गश्त शुरू कर दी है, ताकि ट्रेन संचालन में बाधा डालने या तोड़फोड़ के किसी भी प्रयास पर नजर रखी जा सके.

आरपीएफ कर्मी गांवों और रेलवे पटरियों के आसपास रहने वाले लोगों तथा उन किसानों की सूची तैयार करेंगे, जिनकी कृषि भूमि पटरियों के पास है. उन्हें ट्रैक मित्र बनाया जाएगा, ताकि वे अपने स्थानों से रेल पटरियों को पार करने पर आसानी से नजर रख सकें. अधिकारी ने बताया कि ट्रैक मित्र के रूप में ये लोग पटरियों पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति को देखने पर तुरंत अधिकारियों को बताएंगे. इसके अलावा, रेलवे सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पटरियों की सक्रिय निगरानी भी कर रहा है, जिसमें अधिकारी रेल पटरियों के पास संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए गांव के लोगों, ग्राम प्रधानों और छात्रों की मदद ले रहे हैं.

इसी क्रम में ट्रेनों और पटरियों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय करके रेलवे अधिकारी उन अपराधियों की भी जांच और स्कैनिंग कर रहे हैं जो पहले भी इसी तरह के मामलों में शामिल रहे हैं. एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि ऐसे अपराधियों की एक सूची भी तैयार की गई है ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. वहीं आरपीएफ चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है और सुरक्षाकर्मियों ने पटरियों पर शरारती गतिविधियों को रोकने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए अपने मुखबिरों और स्रोतों को सक्रिय कर दिया है. अधिकारियों के सख्त निर्देश के बाद कर्मचारियों द्वारा पटरियों के पास रेल लाइन, स्लीपर, बोल्डर व अन्य सामान जैसे लावारिस हालत में पड़े स्क्रैप को हटाया जा रहा है.

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