सूरत: हाल में सूरत जिले के किम स्टेशन के पास ट्रेन को पलटने का प्रयास किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच शुरू की गई. पुलिस की जांच से सभी हैरान रह गए. इसमें पता चला कि ट्रेन पलटने की साजिश रेलवे कर्मचारियों ने ही रची थी.
जांच में पता चला कि आरोपी सुभाष जल्द तरक्की पाना चाहता था. उसने तरक्की पाने के लिए साजिश रची. उसने खुद से फिशप्लेट निकाल दिया और चाबियों को खोल दिया. फिर इसकी सूचना रेलवे को दी. उसने सोचा कि उसकी सतर्कता की वजह से उसे जल्द प्रमोशन मिल जाएगा. इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. 21 सितंबर को किम के पास ट्रैक से फिशप्लेट निकालकर ट्रेन पलटने का प्रयास किया गया था. उस समय गश्त कर रहे सुभाष पोदार ने तीन अज्ञात लोगों को रेलवे ट्रैक पर चलते हुए देखा था. शक होने पर उसने शोर मचाया तो वे भाग निकले.
घटनास्थल पर 140 पुलिसकर्मी: गंभीरता से जांच करने पर पूरे मामले का खुलासा हो गया. हालांकि, पूरी घटना को लेकर जिला पुलिस का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. गौरतलब है कि घटना के दिन से ही मौके पर 140 पुलिसकर्मी तैनात थे. आसपास के खेतों में झाड़ियों की जांच की गई. डॉग स्क्वायड, एफएसएल, ड्रोन कैमरे की मदद ली गई. फिर साजिश में शामिल तत्वों के पकड़े जाने पर सभी ने राहत की सांस ली.
आरोपियों के नाम: रेलवे के तीन कर्मचारी सुभाषकुमार पोदार, मनीष कुमार मिस्त्री, शुभम जयसवाल इस मामले में पकड़े गए हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 मोबाइल फोन जब्त कर छानबीन की.
घटना का चश्मदीद है मुख्य आरोपी: सूरत ग्रामीण पुलिस प्रमुख हितेश जॉयसर ने कहा, 'आरोपी सुभाष रेलवे कर्मचारी है. वह 9 साल से रेलवे में तैनात है. दूसरा आरोपी मनीष पिछले डेढ़ साल से काम कर रहा है. तीसरा आरोपी शुभम कॉन्ट्रैक्ट बेस मजदूर है और कुछ दिन पहले ही काम पर आया था. सुभाष के कहने पर मनीष उसके साथ रुका और वारदात को अंजाम दिया. इसमें सुभाष मुख्य आरोपी है. तीनों आरोपियों पर ट्रैकमैन के तौर पर ट्रैक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी थी.