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क्वाड इस बात की अभिव्यक्ति है कि हमारी पसंद पर कोई और 'वीटो' नहीं कर सकता: जयशंकर

EAM S Jaishankar : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रायसीना डायलॉग क्वाड थिंक टैंक फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि क्वाड एक रचनात्मक, उत्तरदायी और खुले विचारों वाला समूह है. पढ़िए पूरी खबर...

EAM S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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By PTI

Published : Feb 24, 2024, 4:43 PM IST

Updated : Feb 24, 2024, 6:13 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर वैश्विक चिंताओं के बीच कहा कि क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) इस बात की अभिव्यक्ति है कि समान विचारधारा वाले देशों की पसंद पर कोई अन्य 'वीटो' का इस्तेमाल नहीं कर सकता और यह गठबंधन टिके रहने, विकास करने और वैश्विक समृद्धि में योगदान देने के लिए किया गया है.

जयशंकर ने एक थिंक-टैंक मंच को संबोधित करते हुए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के गठबंधन को एक ओवरहेड लाइट (पथ प्रदर्शक प्रकाश पुंज) के रूप में वर्णित किया जो एक 'रचनात्मक, लचीला, सक्रिय, जवाबदेह और खुले दृष्टिकोण वाला' उपक्रम है. विदेश मंत्री ने कहा कि 'क्वाड' एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के विकास को दर्शाता है और इसका मुख्य दृष्टिकोण एकतरफा नहीं, सहयोगात्मक है.

जिन सिद्धांतों के लिए यह चार देशों वाला क्वाड समूह खड़ा है, उनका जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, 'सभी चारों देशों की सरकारों ने अपने सामान्य व्यवहार से अलग व्यवहार किया है. क्वाड एक 'ओवरहेड लाइट' है और रचनात्मक, लचीला, सक्रिय, जवाबदेह और व्यापक दृष्टिकोण वाला उपक्रम है. ये ऐसे विशेषण नहीं हैं जिन्हें हम नौकरशाही के साथ आम तौर पर जोड़ते हैं.'

जयशंकर ने कहा कि क्वाड के पांच संदेश हैं 'पहला संदेश है - यह बहुध्रुवीय व्यवस्था के विकास को दर्शाता है; दूसरा संदेश है - यह गठबंधन के बाद और शीत युद्ध के बाद की सोच है; तीसरा संदेश है- यह प्रभाव क्षेत्रों के खिलाफ है, चौथा संदेश है - यह वैश्विक क्षेत्र के लोकतंत्रीकरण और एकतरफा नहीं, बल्कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण को व्यक्त करता है और पांचवां संदेश है - यह इस बात की अभिव्यक्ति है कि इस समय और इस दौर में हमारी पसंद पर कोई और 'वीटो' का इस्तेमाल नहीं कर सकता.'

उन्होंने कहा कि क्वाड हिंद प्रशांत के उद्भव से जुड़ा है और यह ऐसी वैश्विक व्यवस्था में बदलाव से प्रेरित है जिसके लिए 'कम नहीं, अधिक सहयोग' की आवश्यकता है. विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि क्वाड 'यहां टिके रहने के लिए है, क्वाड यहां विकास करने के लिए है और क्वाड यहां योगदान देने के लिए है.' उन्होंने इसे और अधिक समसामयिक, प्रासंगिक और अधिक प्रभावशाली बनाने का आह्वान किया.

इस कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से शामिल हुईं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि क्वाड एक ऐसे क्षेत्र के लिए खड़ा है जहां किसी को डराया-धमकाया नहीं जाता, जहां प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित किया जाता है और विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निपटाया जाता है. जापानी विदेश मंत्री योको कामिकावा ने एक संक्षिप्त वीडियो संदेश में कहा कि दुनिया गहरे विभाजन से जूझ रही है और कानून के शासन पर आधारित एक स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना और मजबूत करना आवश्यक है.

उन्होंने कहा, 'क्वाड इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक है, जिसने महत्वपूर्ण और उभरती समुद्री प्रौद्योगिकियों, साइबर और आतंकवाद विरोधी पहलों को लगातार लागू किया है. ये पहलें जारी रहनी चाहिए.' अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा कि हिंद-प्रशांत दुनिया का सबसे गतिशील और तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र बना हुआ है और क्वाड की ताकत चारों देशों की क्षमताओं और संसाधनों का एक साथ उपयोग करने की क्षमता है ताकि सभी को लाभ पहुंचाने वाले ठोस परिणाम मिल सकें. कैंपबेल ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से डिजिटल माध्यम से बात की.

ये भी पढ़ें - यह समझना महत्वपूर्ण है, 'व्हाई भारत मैटर्स': जयशंकर

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर वैश्विक चिंताओं के बीच कहा कि क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) इस बात की अभिव्यक्ति है कि समान विचारधारा वाले देशों की पसंद पर कोई अन्य 'वीटो' का इस्तेमाल नहीं कर सकता और यह गठबंधन टिके रहने, विकास करने और वैश्विक समृद्धि में योगदान देने के लिए किया गया है.

जयशंकर ने एक थिंक-टैंक मंच को संबोधित करते हुए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के गठबंधन को एक ओवरहेड लाइट (पथ प्रदर्शक प्रकाश पुंज) के रूप में वर्णित किया जो एक 'रचनात्मक, लचीला, सक्रिय, जवाबदेह और खुले दृष्टिकोण वाला' उपक्रम है. विदेश मंत्री ने कहा कि 'क्वाड' एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के विकास को दर्शाता है और इसका मुख्य दृष्टिकोण एकतरफा नहीं, सहयोगात्मक है.

जिन सिद्धांतों के लिए यह चार देशों वाला क्वाड समूह खड़ा है, उनका जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, 'सभी चारों देशों की सरकारों ने अपने सामान्य व्यवहार से अलग व्यवहार किया है. क्वाड एक 'ओवरहेड लाइट' है और रचनात्मक, लचीला, सक्रिय, जवाबदेह और व्यापक दृष्टिकोण वाला उपक्रम है. ये ऐसे विशेषण नहीं हैं जिन्हें हम नौकरशाही के साथ आम तौर पर जोड़ते हैं.'

जयशंकर ने कहा कि क्वाड के पांच संदेश हैं 'पहला संदेश है - यह बहुध्रुवीय व्यवस्था के विकास को दर्शाता है; दूसरा संदेश है - यह गठबंधन के बाद और शीत युद्ध के बाद की सोच है; तीसरा संदेश है- यह प्रभाव क्षेत्रों के खिलाफ है, चौथा संदेश है - यह वैश्विक क्षेत्र के लोकतंत्रीकरण और एकतरफा नहीं, बल्कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण को व्यक्त करता है और पांचवां संदेश है - यह इस बात की अभिव्यक्ति है कि इस समय और इस दौर में हमारी पसंद पर कोई और 'वीटो' का इस्तेमाल नहीं कर सकता.'

उन्होंने कहा कि क्वाड हिंद प्रशांत के उद्भव से जुड़ा है और यह ऐसी वैश्विक व्यवस्था में बदलाव से प्रेरित है जिसके लिए 'कम नहीं, अधिक सहयोग' की आवश्यकता है. विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि क्वाड 'यहां टिके रहने के लिए है, क्वाड यहां विकास करने के लिए है और क्वाड यहां योगदान देने के लिए है.' उन्होंने इसे और अधिक समसामयिक, प्रासंगिक और अधिक प्रभावशाली बनाने का आह्वान किया.

इस कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से शामिल हुईं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि क्वाड एक ऐसे क्षेत्र के लिए खड़ा है जहां किसी को डराया-धमकाया नहीं जाता, जहां प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित किया जाता है और विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निपटाया जाता है. जापानी विदेश मंत्री योको कामिकावा ने एक संक्षिप्त वीडियो संदेश में कहा कि दुनिया गहरे विभाजन से जूझ रही है और कानून के शासन पर आधारित एक स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना और मजबूत करना आवश्यक है.

उन्होंने कहा, 'क्वाड इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक है, जिसने महत्वपूर्ण और उभरती समुद्री प्रौद्योगिकियों, साइबर और आतंकवाद विरोधी पहलों को लगातार लागू किया है. ये पहलें जारी रहनी चाहिए.' अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा कि हिंद-प्रशांत दुनिया का सबसे गतिशील और तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र बना हुआ है और क्वाड की ताकत चारों देशों की क्षमताओं और संसाधनों का एक साथ उपयोग करने की क्षमता है ताकि सभी को लाभ पहुंचाने वाले ठोस परिणाम मिल सकें. कैंपबेल ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से डिजिटल माध्यम से बात की.

ये भी पढ़ें - यह समझना महत्वपूर्ण है, 'व्हाई भारत मैटर्स': जयशंकर

Last Updated : Feb 24, 2024, 6:13 PM IST
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