हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपनी मां वाईएस विजयम्मा और बहन वाईएस शर्मिला के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की हैदराबाद पीठ का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने 6 जुलाई, 2024 को सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों को उनकी मां के पक्ष में हस्तांतरित करने को रद्द करने का आग्रह किया है.
आंध्र प्रदेश में शर्मिला के राजनीतिक कदम उठाने के बाद जगन का अपनी मां और बहन से मतभेद हो गया है. न्यायिक सदस्य राजीव भारद्वाज और तकनीकी सदस्य संजय पुरी की पीठ ने विजयम्मा, शर्मिला, सरस्वती पावर और तेलंगाना में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जगन की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है.
जगन मोहन रेड्डी ने अपनी याचिका में कहा कि पूरी तरह से प्यार और स्नेह के कारण, उन्होंने भविष्य में अपनी कुछ संपत्तियों को अपनी बहन को हस्तांतरित करने का इरादा किया था. अपने इरादे के अनुसरण में, उन्होंने 31 अगस्त, 2019 को अपनी मां के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें भविष्य में शर्मिला के पक्ष में उनके और उनकी पत्नी के पास मौजूद कुछ संपत्तियों और शेयरों को हस्तांतरित करने का इरादा व्यक्त किया गया.
पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 8 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है. 2019 में आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद जगन ने अपनी मां और बहन से वादा किया था कि वह अपनी कंपनियों के कुछ शेयर उन्हें हस्तांतरित करेंगे. इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी भारती के साथ मिलकर इस आशय का एक उपहार विलेख पंजीकृत कराया.