नई दिल्ली: कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा 11 नवंबर को केरल के वायनाड में अपना लोकसभा उपचुनाव प्रचार समाप्त करने के बाद महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव प्रचार करेंगी. वह, दोनों राज्यों में अंतिम चरण में होने वाले चुनाव प्रचार में शामिल होंगी.
महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और इसके लिए प्रचार 18 नवंबर को समाप्त होगा. वहीं, झारखंड की सभी 81 विधानसभा सीटों के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना और इसके लिए प्रचार 11 नवंबर और 18 नवंबर को समाप्त होगा.
दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ विपक्षी दल खड़ा है. विपक्षी दल झारखंड में सत्ता बरकरार रखने और महाराष्ट्र में भगवा पार्टी को हराने की उम्मीद कर रहा है, जहां पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के अभियान की शुरुआत की है.
उपचुनाव पर ध्यान केंद्रित
फिलहाल दोनों चुनावी राज्यों में लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा प्रचार में शामिल होंगी या नहीं. गौरतलब है कि प्रियंका गांधी पूरी तरह से उपचुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और 18 नवंबर को प्रचार समाप्त होने से पहले जितना संभव हो सके उतने क्षेत्रों को कवर करने की कोशिश करेंगी.
महाराष्ट्र एआईसीसी सचिव काजी निजामुद्दीन ने ईटीवी भारत को बताया, "पूरे राज्य में प्रियंका गांधी के प्रचार के लिए भारी डिमांड है. 6 नवंबर को एमवीए चुनाव गारंटी की घोषणा के बाद संयुक्त गठबंधन अभियान पूरे महाराष्ट्र में शुरू होगा."
राहुल गांधी झारखंड में करेंगे चुनाव प्रचार
वहीं, झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजाद अनवर ने ईटीवी भारत को बताया, "राज्य में प्रियंका गांधी को प्रचार करने से पहले अपने चुनाव पर ध्यान देना होगा. मुझे उम्मीद है कि 13 नवंबर को वायनाड चुनाव समाप्त होने के बाद वह यहां आएंगी. यह बहुत अच्छा होगा. वैसे भी, कांग्रेस का अभियान जारी है. राहुल गांधी 8 और 9 नवंबर को यहां आ रहे हैं और अन्य वरिष्ठ नेता भी आएंगे."
अनवर के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी विधायक पत्नी कल्पना सोरेन पूरे राज्य में इंडिया ब्लॉक के लिए समर्थन जुटाने के लिए प्रचार कर रही हैं. उन्होंने कहा, "आदिवासी मतदाताओं के बीच उनको काफी समर्थन मिल रहा है. कल्पना सोरेन प्रतिदिन चार-पांच रैलियों को संबोधित कर रही हैं और महिला मतदाताओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं, जिन्हें उनके लिए विशेष भत्ता योजना का लाभ मिला है."
बीजेपी पर आरोप
अनवर ने कहा, "यह सच है. राज्य में सिर्फ 81 सीटें हैं, लेकिन भगवा पार्टी ने यहां इंडिया ब्लॉक से मुकाबला करने के लिए उतने ही मंत्री भेजे हैं. दरअसल, वे यहां रहने वाले आदिवासियों के हितों की रक्षा करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं, बल्कि वे राज्य में बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण करना चाहते हैं.
भगवा पार्टी ओबीसी के बारे में बात करती रहती है, लेकिन यह हमारी राज्य सरकार ही थी जिसने राज्य में ओबीसी के लिए आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था, लेकिन राज्यपाल ने इसे मंजूरी नहीं दी. भाजपा ने अतीत में बहुत सारे वादे किए, लेकिन उन्हें कभी पूरा नहीं किया."
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