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कांग्रेस ने बघेल और गहलोत को सौंपी रायबरेली-अमेठी की जिम्मेदारी, क्या बचा पाएंगे पारिवारिक गढ़? - Congress in Raebareli and Amethi - CONGRESS IN RAEBARELI AND AMETHI

Baghel & Gehlot: कांग्रेस ने भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को रायबरेली और अमेठी के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, प्रियंका गांधी प्रचार अभियान की कमान संभालेंगी. एआईसीसी के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी से दोनों सीटों पर गंभीरता का संदेश जाएगा.

Baghel & Gehlot
कांग्रेस ने भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को रायबरेली और अमेठी के लिए पर्यवेक्षक किया नियुक्त (IANS File Photo)
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By Amit Agnihotri

Published : May 6, 2024, 6:01 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की सहायता के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को तैनात किया है. ये उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पारिवारिक गढ़ रायबरेली और अमेठी में पार्टी अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे. बघेल रायबरेली में एआईसीसी पर्यवेक्षक होंगे, जहां पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी का मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है. वहीं, गहलोत अमेठी में एआईसीसी पर्यवेक्षक होंगे, जहां पार्टी के उम्मीदवार केएल शर्मा का मुकाबला केंद्रीय मंत्री और मौजूदा भाजपा सांसद स्मृति ईरानी से है.

हालांकि छत्तीसगढ़ में बघेल और राजस्थान में गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस 2023 का विधानसभा चुनाव हार गई, लेकिन दोनों नेताओं ने क्रमशः पाटन और सरदारपुरा सीटें जीत लीं. दोनों दिग्गज प्रियंका गांधी की सहायता करेंगे जो 6 मई की शाम को अमेठी पहुंचेंगी और दो प्रमुख सीटों पर पार्टी के अभियान की कमान संभालेंगी. एआईसीसी के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, 'पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी दो सीटों पर हमारी गंभीरता का संदेश देगी. वे स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेंगे और चुनाव लड़ने का उनका अनुभव हाई-प्रोफाइल सीटों पर अभियान के प्रबंधन में काम आएगा'.

उन्होंने कहा, 'प्रियंका गांधी ने दशकों से दोनों सीटों पर प्रबंधन किया है. वह दो प्रमुख सीटों पर काफी समय बिताएंगी, हालांकि वह पार्टी के लिए एक राष्ट्रीय स्टार प्रचारक हैं'. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी से उम्मीद की जाती है कि वह मतदाताओं के साथ छोटी-छोटी बैठकें करेंगी. उन मतदाताओं को एकजुट करने के लिए घर-घर जाएंगी, जिनसे वह काफी परिचित हैं. यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रमुख बृजलाल खाबरी के अनुसार, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी स्थानीय अधिकारियों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगी. साथ ही, स्थानीय और एआईसीसी टीमों के बीच समन्वय के मुद्दों को आसान बनाएगी.

खाबरी ने ईटीवी भारत को बताया, 'राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद से भाजपा चिंतित है. 5 मई को हमारे वाहनों पर भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया. आने वाले दिनों में ऐसे और भी मामले हो सकते हैं. दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति जिला अधिकारियों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगी'. दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा, पार्टी स्थानीय मतदाताओं को एकजुट करके अमेठी और रायबरेली में अभियान को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ राज्य पदाधिकारियों को तैनात करने की भी योजना बना रही है.

खाबरी ने कहा, 'मैं 10 मई को वहां पहुंचूंगा. नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नकुल दुबे, अनिल यादव और योगेश दीक्षित जैसे अन्य नेता भी दो सीटों पर प्रचार करेंगे. हमारी भूमिका मतदाताओं से बातचीत करना और मतदान के दिन पार्टी के लिए अधिकतम समर्थन जुटाना होगा. पार्टी पहले से ही दो सीटों पर मजबूत है लेकिन कुछ अतिरिक्त प्रयास बेहतर परिणाम लाएंगे'. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, दो प्रमुख सीटों पर कांग्रेस का अभियान ज्यादातर अतीत में पार्टी के पुराने नेताओं द्वारा किए गए विकास कार्यों और 2024 में पार्टी के सामाजिक न्याय के एजेंडे के इर्द-गिर्द घूमेगा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए खाबरी ने कहा, 'भाजपा सांसद ने अमेठी में बहुत कुछ नहीं किया है, लेकिन वह बड़े-बड़े दावे करती हैं. हमारी 25 गारंटी बहुत शक्तिशाली हैं. हमारे उम्मीदवार केएल शर्मा को मतदाता दशकों से जानते हैं, वह आसानी से जीत जाएंगे'. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2004 से 2019 तक अमेठी का प्रतिनिधित्व किया और सोनिया गांधी ने 2004 से 2024 तक रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया, अब राज्यसभा सदस्य हैं.

पढ़ें: 'वायनाड,रायबरेली से हार तय...किस तीसरी सीट से नामांकन करेंगे राहुल गांधी', BJP ने कसा तंज

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की सहायता के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को तैनात किया है. ये उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पारिवारिक गढ़ रायबरेली और अमेठी में पार्टी अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे. बघेल रायबरेली में एआईसीसी पर्यवेक्षक होंगे, जहां पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी का मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है. वहीं, गहलोत अमेठी में एआईसीसी पर्यवेक्षक होंगे, जहां पार्टी के उम्मीदवार केएल शर्मा का मुकाबला केंद्रीय मंत्री और मौजूदा भाजपा सांसद स्मृति ईरानी से है.

हालांकि छत्तीसगढ़ में बघेल और राजस्थान में गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस 2023 का विधानसभा चुनाव हार गई, लेकिन दोनों नेताओं ने क्रमशः पाटन और सरदारपुरा सीटें जीत लीं. दोनों दिग्गज प्रियंका गांधी की सहायता करेंगे जो 6 मई की शाम को अमेठी पहुंचेंगी और दो प्रमुख सीटों पर पार्टी के अभियान की कमान संभालेंगी. एआईसीसी के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, 'पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी दो सीटों पर हमारी गंभीरता का संदेश देगी. वे स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेंगे और चुनाव लड़ने का उनका अनुभव हाई-प्रोफाइल सीटों पर अभियान के प्रबंधन में काम आएगा'.

उन्होंने कहा, 'प्रियंका गांधी ने दशकों से दोनों सीटों पर प्रबंधन किया है. वह दो प्रमुख सीटों पर काफी समय बिताएंगी, हालांकि वह पार्टी के लिए एक राष्ट्रीय स्टार प्रचारक हैं'. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी से उम्मीद की जाती है कि वह मतदाताओं के साथ छोटी-छोटी बैठकें करेंगी. उन मतदाताओं को एकजुट करने के लिए घर-घर जाएंगी, जिनसे वह काफी परिचित हैं. यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रमुख बृजलाल खाबरी के अनुसार, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी स्थानीय अधिकारियों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगी. साथ ही, स्थानीय और एआईसीसी टीमों के बीच समन्वय के मुद्दों को आसान बनाएगी.

खाबरी ने ईटीवी भारत को बताया, 'राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद से भाजपा चिंतित है. 5 मई को हमारे वाहनों पर भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया. आने वाले दिनों में ऐसे और भी मामले हो सकते हैं. दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति जिला अधिकारियों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेगी'. दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा, पार्टी स्थानीय मतदाताओं को एकजुट करके अमेठी और रायबरेली में अभियान को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ राज्य पदाधिकारियों को तैनात करने की भी योजना बना रही है.

खाबरी ने कहा, 'मैं 10 मई को वहां पहुंचूंगा. नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नकुल दुबे, अनिल यादव और योगेश दीक्षित जैसे अन्य नेता भी दो सीटों पर प्रचार करेंगे. हमारी भूमिका मतदाताओं से बातचीत करना और मतदान के दिन पार्टी के लिए अधिकतम समर्थन जुटाना होगा. पार्टी पहले से ही दो सीटों पर मजबूत है लेकिन कुछ अतिरिक्त प्रयास बेहतर परिणाम लाएंगे'. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, दो प्रमुख सीटों पर कांग्रेस का अभियान ज्यादातर अतीत में पार्टी के पुराने नेताओं द्वारा किए गए विकास कार्यों और 2024 में पार्टी के सामाजिक न्याय के एजेंडे के इर्द-गिर्द घूमेगा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए खाबरी ने कहा, 'भाजपा सांसद ने अमेठी में बहुत कुछ नहीं किया है, लेकिन वह बड़े-बड़े दावे करती हैं. हमारी 25 गारंटी बहुत शक्तिशाली हैं. हमारे उम्मीदवार केएल शर्मा को मतदाता दशकों से जानते हैं, वह आसानी से जीत जाएंगे'. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2004 से 2019 तक अमेठी का प्रतिनिधित्व किया और सोनिया गांधी ने 2004 से 2024 तक रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया, अब राज्यसभा सदस्य हैं.

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