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अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद की तलाश में जुटी पुलिस, फरारी के दौरान 'आवभगत' करने वाले रडार पर - हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा

Haldwani Violence हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मोईद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर पुलिस तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है. जबकि पुलिस अब्दुल मोईद के पिता अब्दुल मलिक को बीते दिनों गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं हिंसा में शामिल लोगों पर पुलिस लगातार एक्शन ले रही है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 26, 2024, 9:24 AM IST

हल्द्वानी (उत्तराखंड): बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक की गिरफ्त में आने के बाद अब पुलिस उसके बेटे अब्दुल मोईद की तलाश में जुटी हुई है. नैनीताल पुलिस की पांच टीमें अब्दुल मोईद की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है. बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस अब्दुल मोईद की तलाश में लगातार दबिश दे रही है. बताया जा रहा है कि पुलिस को अब्दुल मोईद के बारे में ठोस जानकारी मिली है. पुलिस ने एक ठिकाने पर छापा भी मारा था, लेकिन वह वहां से कुछ घंटे पहले ही फरार हो गया था.

गौर हो कि आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी.पथराव, आगजनी में पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ पत्रकारों के साथ ही 300 से अधिक लोग घायल हुए थे. उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को भी आग के हवाले कर दिया. जहां पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. पुलिस और उपद्रवियों के बीच हुई फायरिंग में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे.घटना के बाद से ही अब्दुल मलिक फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस फरार चल रहे नौ लोगों के खिलाफ वांटेड की सूची जारी कर उनके घर की कुर्की भी कर चुकी है. आरोपी अब्दुल मलिक को पुलिस शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि वांटेड आरोपियों में अब्दुल मलिक का बेटा अब्दुल मोईद अभी भी फरार चल रहा है. जबकि पुलिस सभी वांटेड आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं अब्दुल मलिक का बेटा अब्दुल मोईद अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है. कई राज्यों की खाक छानने के बाद अब्दुल मलिक पुलिस के हत्थे चढ़ा था.अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद को पनाह देने वालों पर कार्रवाई तय है.

पुलिस ने फरारी के दौरान कई लोगों की सूची तैयार की है, इनमें से कई लोग ऊंची पहुंच वाले भी बताए जा रहे हैं. बनभूलपुरा हिंसा के बाद अब्दुल मलिक दिल्ली, गुजरात, चंडीगढ़ और भोपाल तक छिपता रहा. पुलिस के मुताबिक जहां-जहां मलिक ठहरा, वहां उसकी आवभगत में कोई कमी नहीं रखी गई. पुलिस ने कुछ लोगों को भी चिन्हित किया है, जिन्होंने मलिक की मदद की हैं. लेकिन पूरे मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है. बताया जा रहा है कि पनाह देने वालों में राजनीतिक संबंध रखने वाले और ऊंची पहुंच वाले लोग शामिल हैं.

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब अब्दुल मलिक खुद फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था तो आखिर किस तरह से वह फरार होने के लिए लोगों से संपर्क कर रहा था. इसका लिंक भी ढूंढा जा रहा है. एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि पुलिस की टीमें अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद की तलाश में जुटी हुई है. जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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हल्द्वानी (उत्तराखंड): बनभूलपुरा हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक की गिरफ्त में आने के बाद अब पुलिस उसके बेटे अब्दुल मोईद की तलाश में जुटी हुई है. नैनीताल पुलिस की पांच टीमें अब्दुल मोईद की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है. बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस अब्दुल मोईद की तलाश में लगातार दबिश दे रही है. बताया जा रहा है कि पुलिस को अब्दुल मोईद के बारे में ठोस जानकारी मिली है. पुलिस ने एक ठिकाने पर छापा भी मारा था, लेकिन वह वहां से कुछ घंटे पहले ही फरार हो गया था.

गौर हो कि आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी.पथराव, आगजनी में पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ पत्रकारों के साथ ही 300 से अधिक लोग घायल हुए थे. उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को भी आग के हवाले कर दिया. जहां पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. पुलिस और उपद्रवियों के बीच हुई फायरिंग में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे.घटना के बाद से ही अब्दुल मलिक फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस फरार चल रहे नौ लोगों के खिलाफ वांटेड की सूची जारी कर उनके घर की कुर्की भी कर चुकी है. आरोपी अब्दुल मलिक को पुलिस शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि वांटेड आरोपियों में अब्दुल मलिक का बेटा अब्दुल मोईद अभी भी फरार चल रहा है. जबकि पुलिस सभी वांटेड आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं अब्दुल मलिक का बेटा अब्दुल मोईद अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है. कई राज्यों की खाक छानने के बाद अब्दुल मलिक पुलिस के हत्थे चढ़ा था.अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद को पनाह देने वालों पर कार्रवाई तय है.

पुलिस ने फरारी के दौरान कई लोगों की सूची तैयार की है, इनमें से कई लोग ऊंची पहुंच वाले भी बताए जा रहे हैं. बनभूलपुरा हिंसा के बाद अब्दुल मलिक दिल्ली, गुजरात, चंडीगढ़ और भोपाल तक छिपता रहा. पुलिस के मुताबिक जहां-जहां मलिक ठहरा, वहां उसकी आवभगत में कोई कमी नहीं रखी गई. पुलिस ने कुछ लोगों को भी चिन्हित किया है, जिन्होंने मलिक की मदद की हैं. लेकिन पूरे मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है. बताया जा रहा है कि पनाह देने वालों में राजनीतिक संबंध रखने वाले और ऊंची पहुंच वाले लोग शामिल हैं.

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब अब्दुल मलिक खुद फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था तो आखिर किस तरह से वह फरार होने के लिए लोगों से संपर्क कर रहा था. इसका लिंक भी ढूंढा जा रहा है. एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि पुलिस की टीमें अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद की तलाश में जुटी हुई है. जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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