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पीएम मोदी प्रयागराज दौरा; 5500 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण, बोले-कुंभ एकता का महायज्ञ - PM MODI CM YOGI GANGA PUJAN

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा स्थल से 5500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई 167 परियोजनाओं का लोकार्पण बटन दबाकर किया.

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प्रयागराज में जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 13, 2024, 9:47 AM IST

Updated : Dec 13, 2024, 6:52 PM IST

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुम्भ मेले की शुरुआत होनी है. इस महाआयोजन से ठीक एक महीने पहले आज यानी 13 दिसम्बर दिन शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी प्रयागराज पहुंचे और उन्होंने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए गंगा पूजन किया. पूजा स्थल पर उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं.

प्रयागराज में पीएम मोदी की सभा. (Video Credit; ETV Bharat)

गंगा पूजन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी संगम किनारे स्थित जनसभा स्थल पर पहुंचे. यहां पर उन्होंने जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा स्थल से 5500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई 167 परियोजनाओं का लोकार्पण बटन दबाकर किया.

पीएम मोदी ने अक्षयवट कॉरिडोर, हनुमान मंदिर कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर, श्रृंगवेरपुर कॉरिडोर के साथ कुंभ सहायक चैट बॉट का लोकार्पण किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा पूजा के बाद अक्षयवट के दर्शन किए. मत्था टेकने के बाद उन्होंने अक्षय वट की परिक्रमा की.

अक्षय वट का दर्शन पूजन करने के बाद पीएम मोदी बड़े हनुमान मंदिर पहुंचे. यहां पर हनुमान मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर के मॉडल का अवलोकन किया. इस दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी ने पीएम को परियोजना के बारे में बताया. प्रधानमंत्री ने लेटे हनुमान जी के दर्शन-पूजन किए और आरती उतारी.

लेटे हनुमान जी के दर्शन-पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम तट पर लगाई गई महाकुंभ प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए पहुंचे. अधिकारियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन आदि के बारे में पीएम मोदी को विस्तार से जानकारी दी. साथ ही कई भाषाओं में एनाउंसमेंट किए जाने के सिस्टम को भी दिखाया.

पीएम ने महाकुंभ और प्रयागराज की धरा का किया बखान: पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 45 दिन तक चलने वाले इस महायज्ञ के जरिये इस धरती पर नया इतिहास रचा जा रहा है. महाकुम्भ 2025 देश की आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगा. महाकुम्भ एकता का ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी.

उन्होंने कहा भारत पवित्र तीर्थ स्थलों का देश है. यह पवित्र नदियों का देश है और इन नदियों की प्रवाहता का अलग महत्व है. प्रयागराज केवल तीन नदियों का ही संगम नहीं है. यहां के बारे में कहा गया है कि माघ मकर रवि गति जब होइहि तीरथपति आवही सब कोई. प्रयागराज वह स्थान है जिसके बिना पुराण पूरे नहीं हो सकते हैं. प्रयागराज की महिमा का वर्णन खुद वेदों की ऋचाओं में किया गया है.

इसके साथ ही पीएम मोदी ने प्रयागराज के पांच नायकों के बारे में बताते हुए मंत्र को भी पढ़ा. पीएम मोदी ने प्रयागराज तीर्थ की महिमा का वर्णन करने के लिए कई मंत्रों को पढ़कर जनता को सुनाया और उसका अर्थ भी बताते हुए इस धरती की महिमा का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि पिछले कुंभ में उन्हें यहां स्नान का मौका मिला था और आज उन्हें फिर से गंगा की पूजा करने के साथ ही हनुमान मंदिर और अक्षयवट का दर्शन करने का सौभाग्य मिला है.

महाकुंभ को बातया सनातन संस्कार का प्रतीक: पीएम मोदी ने कहा कि राजा महाराजाओं का दौर रहा हो या फिर गुलामी का दौर रहा हो यह महाआयोजन कभी रुका नहीं है. इसका एक कारण यह भी है कि यह आयोजन किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाता है. यह हमारी अंदर की चेतना का आयोजन है, जिस कारण देश दुनिया के सनातनी यहां खिंचे चले आते हैं. यहां आकर ऋषि मुनि ज्ञानी महाज्ञानी आम इंसान सब आकर एक हो जाते हैं. यहां आकर सब एक हो जाते हैं. यहां जातियों संप्रदायों का भेद मिट जाता है. यहां पर अलग-अलग भाषा के लोगों का संगम हो जाता है. इसी कारण यह आयोजन एकता का महाकुम्भ है.

साधु-संत कुंम्भ की धरती से मंथन कर लेते रहे हैं फैसला: पीएम मोदी ने कहा कि महाकुम्भ जैसे बड़े आयोजन में आने वाले साधु-संत देश और समाज में मौजूद विषयों पर चर्चा कर समाज को सही दिशा दिखाने वाला फैसला लेते हैं. इस धरती पर संतों के सामने देश के विभिन्न विषयों पर मंथन होता है. महाकुम्भ जैसे आयोजन में बड़े सामाजिक परिवर्तन लाने वाले फैसले साधु-संत लेते रहे हैं. आज भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन का महत्व उसी तरह से है यहां से समाज में देश और राष्ट्र चिंतन के विचार देश भर में जाते हैं.

पहले की सरकारों ने महाकुम्भ का ध्यान नहीं दिया: पीएम मोदी ने संगम के नजदीक बने जनसभा स्थल से भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने इस तरह के महा आयोजनों पर विशेष ध्यान नही दिया. जिसका मुख्य कारण था कि उन सरकारों को यहां की आस्था संस्कृति से लगाव नहीं था. इस कारण वो महाकुंभ जैसे आयोजनों पर ध्यान नहीं देते थे.

वर्तमान केंद्र और प्रदेश सरकार इस आयोजन को भव्य दिव्य बनाने में हजारों करोड़ रुपये खर्च कर इस आयोजन को बेहतर बना रही है. इसके साथ ही प्रयागराज के रास्तों और रेल रूटों के साथ हवाई मार्ग को भी विकसित कर देश भर से कनेक्टविटी की जा रही है. जिससे कुम्भ में आने की सोचने वाला कोई व्यक्ति छूट न जाए. पीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार धार्मिक आध्यात्मिक स्थलों का विकास कर रही है. जिसका उदाहरण काशी उज्जैन और प्रयागराज जैसे ये शहर हैं.

पीएम ने कहा निषादराज की भूमि में है प्रयागराज: पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान निषादराज का नाम भी कई बार लिया. उन्होंने श्रृंगवेरपुर धाम में बनाए गए कॉरिडोर के साथ ही अन्य विकास कार्यों का वर्चुअली लोकार्पण किया और अपने भाषण के दौरान कहा कि भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाने में निषादराज की भूमिका भी अहम है. निषादराज ने राम को गंगा पार कराया था. निषादराज और भगवार राम के मित्रता के प्रतीक श्रृंगवेरपुर का भी विकास किया गया है. वहां पर भी कॉरिडोर बनाने के साथ ही पूरे इलाके का विकास किया गया है.

सफाई कर्मियों को दी अग्रिम बधाई: महाकुम्भ के आयोजन में सफाई का कार्य करने वाले सफाई कर्मियों का पीएम मोदी ने सराहना की है. उन्होंने कहा कि पिछले कुंभ में सफाई कर्मियों का पैर धुलने से जो संतोष मिला था, वह जीवन भर के लिए यादगार पल बन चुका है. महाकुंभ में साफ सफाई के कार्य में जुटे सफाई कर्मियो को पीएम मोदी ने महाकुम्भ के शुरू होने से पहले ही अग्रिम बधाई दी है.

जिससे उनके अथक परिश्रम से महाकुम्भ स्वछता का प्रतीक बनेगा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि महाकुम्भ से शहर की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. महाकुंभ से सामाजिक मजबूती मिलने के साथ ही आर्थिक मजबूती भी इस शहर के लोगों को मिलेगी.इतने बड़े आयोजन की वजह से यहां पर बहुत से लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

11 भारतीय भाषाओं में सक्षम है चैटबॉट: पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में शुरू किए जाने वाले चैटबॉट के बारे में बताया और कहा कि इसकी मदद से श्रद्धालुओं को मदद मिलेगी. चैटबॉट 11 भारतीय भाषाओं में काम करेगा. इसकी मदद से महाकुम्भ में आने वाले देश भर के अलग अलग राज्यों के क्षेत्रीय भाषाओं को बोलने जानने वाले लोग इस चैटबॉट की मदद से महाकुंभ से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकेंगे.

पीएम के भाषण की जमकर सराहना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संगम के नजदीक आयोजित की गई जनसभा में मौजूद भीड़ ने उनके भाषण की जमकर सराहना की. पीएम मोदी को सुनने के लिए सुबह से जनसभा स्थल पर पहुंचे महिलाओं और पुरुषों ने कहा कि जब से देश और प्रदेश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाली है, उस समय से सनातन धर्म और संस्कृति के उत्थान के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. सनातन धर्म संस्कृति के जिन आयोजनों को पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया है, वर्तमान केंद्र और प्रदेश की सरकार ऐसे सभी आयोजनों को सफल बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ 2025; प्रयागराज के अलावा रायबरेली-गोरखपुर-मिर्जापुर समेत अन्य जिलों में भी बढ़ेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुम्भ मेले की शुरुआत होनी है. इस महाआयोजन से ठीक एक महीने पहले आज यानी 13 दिसम्बर दिन शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी प्रयागराज पहुंचे और उन्होंने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए गंगा पूजन किया. पूजा स्थल पर उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं.

प्रयागराज में पीएम मोदी की सभा. (Video Credit; ETV Bharat)

गंगा पूजन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी संगम किनारे स्थित जनसभा स्थल पर पहुंचे. यहां पर उन्होंने जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा स्थल से 5500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई 167 परियोजनाओं का लोकार्पण बटन दबाकर किया.

पीएम मोदी ने अक्षयवट कॉरिडोर, हनुमान मंदिर कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर, श्रृंगवेरपुर कॉरिडोर के साथ कुंभ सहायक चैट बॉट का लोकार्पण किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा पूजा के बाद अक्षयवट के दर्शन किए. मत्था टेकने के बाद उन्होंने अक्षय वट की परिक्रमा की.

अक्षय वट का दर्शन पूजन करने के बाद पीएम मोदी बड़े हनुमान मंदिर पहुंचे. यहां पर हनुमान मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर के मॉडल का अवलोकन किया. इस दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी ने पीएम को परियोजना के बारे में बताया. प्रधानमंत्री ने लेटे हनुमान जी के दर्शन-पूजन किए और आरती उतारी.

लेटे हनुमान जी के दर्शन-पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम तट पर लगाई गई महाकुंभ प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए पहुंचे. अधिकारियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन आदि के बारे में पीएम मोदी को विस्तार से जानकारी दी. साथ ही कई भाषाओं में एनाउंसमेंट किए जाने के सिस्टम को भी दिखाया.

पीएम ने महाकुंभ और प्रयागराज की धरा का किया बखान: पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 45 दिन तक चलने वाले इस महायज्ञ के जरिये इस धरती पर नया इतिहास रचा जा रहा है. महाकुम्भ 2025 देश की आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगा. महाकुम्भ एकता का ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी.

उन्होंने कहा भारत पवित्र तीर्थ स्थलों का देश है. यह पवित्र नदियों का देश है और इन नदियों की प्रवाहता का अलग महत्व है. प्रयागराज केवल तीन नदियों का ही संगम नहीं है. यहां के बारे में कहा गया है कि माघ मकर रवि गति जब होइहि तीरथपति आवही सब कोई. प्रयागराज वह स्थान है जिसके बिना पुराण पूरे नहीं हो सकते हैं. प्रयागराज की महिमा का वर्णन खुद वेदों की ऋचाओं में किया गया है.

इसके साथ ही पीएम मोदी ने प्रयागराज के पांच नायकों के बारे में बताते हुए मंत्र को भी पढ़ा. पीएम मोदी ने प्रयागराज तीर्थ की महिमा का वर्णन करने के लिए कई मंत्रों को पढ़कर जनता को सुनाया और उसका अर्थ भी बताते हुए इस धरती की महिमा का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि पिछले कुंभ में उन्हें यहां स्नान का मौका मिला था और आज उन्हें फिर से गंगा की पूजा करने के साथ ही हनुमान मंदिर और अक्षयवट का दर्शन करने का सौभाग्य मिला है.

महाकुंभ को बातया सनातन संस्कार का प्रतीक: पीएम मोदी ने कहा कि राजा महाराजाओं का दौर रहा हो या फिर गुलामी का दौर रहा हो यह महाआयोजन कभी रुका नहीं है. इसका एक कारण यह भी है कि यह आयोजन किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाता है. यह हमारी अंदर की चेतना का आयोजन है, जिस कारण देश दुनिया के सनातनी यहां खिंचे चले आते हैं. यहां आकर ऋषि मुनि ज्ञानी महाज्ञानी आम इंसान सब आकर एक हो जाते हैं. यहां आकर सब एक हो जाते हैं. यहां जातियों संप्रदायों का भेद मिट जाता है. यहां पर अलग-अलग भाषा के लोगों का संगम हो जाता है. इसी कारण यह आयोजन एकता का महाकुम्भ है.

साधु-संत कुंम्भ की धरती से मंथन कर लेते रहे हैं फैसला: पीएम मोदी ने कहा कि महाकुम्भ जैसे बड़े आयोजन में आने वाले साधु-संत देश और समाज में मौजूद विषयों पर चर्चा कर समाज को सही दिशा दिखाने वाला फैसला लेते हैं. इस धरती पर संतों के सामने देश के विभिन्न विषयों पर मंथन होता है. महाकुम्भ जैसे आयोजन में बड़े सामाजिक परिवर्तन लाने वाले फैसले साधु-संत लेते रहे हैं. आज भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन का महत्व उसी तरह से है यहां से समाज में देश और राष्ट्र चिंतन के विचार देश भर में जाते हैं.

पहले की सरकारों ने महाकुम्भ का ध्यान नहीं दिया: पीएम मोदी ने संगम के नजदीक बने जनसभा स्थल से भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने इस तरह के महा आयोजनों पर विशेष ध्यान नही दिया. जिसका मुख्य कारण था कि उन सरकारों को यहां की आस्था संस्कृति से लगाव नहीं था. इस कारण वो महाकुंभ जैसे आयोजनों पर ध्यान नहीं देते थे.

वर्तमान केंद्र और प्रदेश सरकार इस आयोजन को भव्य दिव्य बनाने में हजारों करोड़ रुपये खर्च कर इस आयोजन को बेहतर बना रही है. इसके साथ ही प्रयागराज के रास्तों और रेल रूटों के साथ हवाई मार्ग को भी विकसित कर देश भर से कनेक्टविटी की जा रही है. जिससे कुम्भ में आने की सोचने वाला कोई व्यक्ति छूट न जाए. पीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार धार्मिक आध्यात्मिक स्थलों का विकास कर रही है. जिसका उदाहरण काशी उज्जैन और प्रयागराज जैसे ये शहर हैं.

पीएम ने कहा निषादराज की भूमि में है प्रयागराज: पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान निषादराज का नाम भी कई बार लिया. उन्होंने श्रृंगवेरपुर धाम में बनाए गए कॉरिडोर के साथ ही अन्य विकास कार्यों का वर्चुअली लोकार्पण किया और अपने भाषण के दौरान कहा कि भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाने में निषादराज की भूमिका भी अहम है. निषादराज ने राम को गंगा पार कराया था. निषादराज और भगवार राम के मित्रता के प्रतीक श्रृंगवेरपुर का भी विकास किया गया है. वहां पर भी कॉरिडोर बनाने के साथ ही पूरे इलाके का विकास किया गया है.

सफाई कर्मियों को दी अग्रिम बधाई: महाकुम्भ के आयोजन में सफाई का कार्य करने वाले सफाई कर्मियों का पीएम मोदी ने सराहना की है. उन्होंने कहा कि पिछले कुंभ में सफाई कर्मियों का पैर धुलने से जो संतोष मिला था, वह जीवन भर के लिए यादगार पल बन चुका है. महाकुंभ में साफ सफाई के कार्य में जुटे सफाई कर्मियो को पीएम मोदी ने महाकुम्भ के शुरू होने से पहले ही अग्रिम बधाई दी है.

जिससे उनके अथक परिश्रम से महाकुम्भ स्वछता का प्रतीक बनेगा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि महाकुम्भ से शहर की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. महाकुंभ से सामाजिक मजबूती मिलने के साथ ही आर्थिक मजबूती भी इस शहर के लोगों को मिलेगी.इतने बड़े आयोजन की वजह से यहां पर बहुत से लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

11 भारतीय भाषाओं में सक्षम है चैटबॉट: पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में शुरू किए जाने वाले चैटबॉट के बारे में बताया और कहा कि इसकी मदद से श्रद्धालुओं को मदद मिलेगी. चैटबॉट 11 भारतीय भाषाओं में काम करेगा. इसकी मदद से महाकुम्भ में आने वाले देश भर के अलग अलग राज्यों के क्षेत्रीय भाषाओं को बोलने जानने वाले लोग इस चैटबॉट की मदद से महाकुंभ से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकेंगे.

पीएम के भाषण की जमकर सराहना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संगम के नजदीक आयोजित की गई जनसभा में मौजूद भीड़ ने उनके भाषण की जमकर सराहना की. पीएम मोदी को सुनने के लिए सुबह से जनसभा स्थल पर पहुंचे महिलाओं और पुरुषों ने कहा कि जब से देश और प्रदेश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाली है, उस समय से सनातन धर्म और संस्कृति के उत्थान के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. सनातन धर्म संस्कृति के जिन आयोजनों को पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया है, वर्तमान केंद्र और प्रदेश की सरकार ऐसे सभी आयोजनों को सफल बनाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है.

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Last Updated : Dec 13, 2024, 6:52 PM IST
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