नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि 140 करोड़ भारतीय बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी 'विकास यात्रा' में पड़ोसी देश के लिए "शुभकामनाएं" जारी रखेगा, क्योंकि वह मानवता के कल्याण के बारे में सोचता है.
78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार के खिलाफ छात्रों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति "जल्द से जल्द सामान्य हो जाएगी". प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "एक पड़ोसी देश के तौर पर मैं बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उससे जुड़ी चिंता को समझ सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि वहां स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाएगी."
प्रधानमंत्री ने कहा कि "140 करोड़ देशवासियों की चिंता वहां के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है - भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश समृद्धि और शांति के मार्ग पर चलें." इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने पड़ोसी देशों में शांति और समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई तथा बांग्लादेश की प्रगति और मानवता के कल्याण की कामना की.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "हम शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं... आने वाले दिनों में हम बांग्लादेश की 'विकास यात्रा' के लिए शुभकामनाएं देते रहेंगे, क्योंकि हम मानवता के कल्याण के बारे में सोचते हैं." बता दें कि शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़कर नई दिल्ली चली गईं. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली.
इस बीच, आज का भाषण देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का लगातार 11वां स्वतंत्रता दिवस भाषण था. इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस का विषय 'विकसित भारत @ 2047' था. यह समारोह 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की दिशा में सरकार के प्रयासों को नए सिरे से बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.