मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र दौरे का आज दूसरा दिन है. प्रधानमंत्री राज्य में एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार के प्रचार अभियान में जुटे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सोलापुर, कराड, पुणे में सभाएं की हैं. इस अभियान में उन्होंने एनसीपी संस्थापक शरद पवार के साथ-साथ भारत अघाड़ी (राज्य में महाविकास अघाड़ी) की तीखी आलोचना की. इस आलोचना पर विपक्षी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11.45 बजे माधा और मालशिरस में महायुति उम्मीदवार रणजीतसिंह नाइक निंबालकर के प्रचार के लिए बैठक करेंगे. दोपहर 1.30 बजे महायुति की उम्मीदवार अर्चना पाटिल के लिए धाराशिव (पूर्व में उस्मानाबाद) में चुनाव प्रचार करेंगे. इसके बाद दोपहर 3 बजे प्रधानमंत्री मोदी लातूर में बीजेपी उम्मीदवार सुधाकर श्रृंगारे के प्रचार के लिए एक जनसभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार के लिए मालशिरस, धाराशिव और लातूर में महायुति की ओर से जबरदस्त तैयारियां की गई हैं.
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की आलोचना करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र में कुछ भटकती आत्माएं हैं. उनके सपने पूरे नहीं होते.' राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार पार्टी (एनसीपी एसपी) की बैठक में बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने सोमवार को इस पर प्रतिक्रिया दी है. जयंत पाटिल ने कहा, 'पवार को महाराष्ट्र की 'आत्मा' के रूप में देखा जाता है. पीएम मोदी को 4 जून को पता चलेगा.
विधायक जितेंद्र अवध ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से सवाल किया. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'पूरी भाजपा और अजित पवार की एनसीपी ये बताएं कि शरद पवार साहब के बारे में उन्हें 'भटकती आत्मा' कहना स्वीकार्य है? मराठी लोग उन्हें चुनाव में दिखा देंगे.'
क्या आप पवार साहब की मौत का इंतजार नहीं कर रहे हैं? जितेंद्र अवध ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने एक्स मीडिया में एक पोस्ट में कहा, 'आदरणीय शरद पवार साहब को 'भटकटी आत्मा' कहकर ताना मारा गया था. हर मराठी व्यक्ति 'भटकटी आत्मा' शब्द का अर्थ समझता है. किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद ही आत्मा के बारे में बात की जाती है.' किसी जीवित व्यक्ति और आत्मा का कभी जिक्र नहीं.'
राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने सतारा में एक सभा में मोदी सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में सबसे पहले लोकतांत्रिक व्यवस्था के अस्तित्व पर ध्यान देना चाहिए. दो-दो साल तक कोई चुनाव नहीं होता. वे लोगों के लिए निर्णय लेने के अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते. इसका मतलब साफ है कि धीरे-धीरे हम एक अलग राह पर जा रहे हैं.
जिला, तालुक स्तर के चुनाव आज बंद हो गए, कुछ और दिनों के बाद राष्ट्रीय चुनाव बंद हो जाएंगे. इसका असर संविधान पर पड़ेगा. प्रधानमंत्री मोदी को इस बात का एहसास हो गया कि महाराष्ट्र में एक अलग राजनीति होने वाली है. इसलिए वे दो दिनों के लिए महाराष्ट्र के कई जिलों में जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहने के लिए उद्धव ठाकरे की आलोचना की कि नकली शिवसेना एक साल में चार प्रधानमंत्री बनाएगी. उद्धव ठाकरे ने खुली चुनौती दी कि प्रधानमंत्री मोदी धाराशिव की सभा में तुलजा भवानी का जिक्र करें.