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पीएम मोदी का विपक्ष पर कटाक्ष, कहा- कुछ लोग देश की प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे - PM Modi dig opposition - PM MODI DIG OPPOSITION

PM Modi indirect dig at opposition Independence Day speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों का नाम लिए बगैर उनपर कटाक्ष किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ लोग भारत की प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (ANI VIDEO)
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By ANI

Published : Aug 15, 2024, 12:37 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि देश एकजुट संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ लोग इस प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने संबोधन में कहा, 'हम उसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते या भारत की प्रगति के बारे में तब तक नहीं सोच सकते जब तक कि इससे उन्हें लाभ न हो. वे अराजकता चाहते हैं. देश को इन मुट्ठी भर निराशावादी लोगों से खुद को बचाने की जरूरत है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाहरी और आंतरिक दोनों तरह की चुनौतियां हैं. ऐसी और चुनौतियां सामने आएंगी. उन्होंने कहा, 'मैं ऐसी ताकतों से कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए खतरा नहीं होगा. दुनिया को भारत के विकास को देखकर चिंता नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भ्रष्टाचार ने भारत को वर्षों तक त्रस्त किया है. हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हम इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे. हमारा दृष्टिकोण ईमानदार है और देश के प्रति समर्पण है. इन सभी लोगों के बावजूद, हम इस देश को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे.'

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देश की प्रगति कभी भी दूसरों की कीमत पर नहीं होती. उन्होंने कहा, 'युद्ध हमारा रास्ता नहीं है. यह बुद्ध का देश है. तमाम चुनौतियों के बावजूद हमें आगे बढ़ना चाहिए. क्या कोई सोच सकता है कि लोग खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं? जो लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं, वे चिंता का विषय हैं.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर जोर दिया और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों पर जोर दिया. अपने पारंपरिक संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री ने जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों की सराहना की और कहा कि भारत विकसित भारत (विकसित राष्ट्र) की ओर बढ़ते हुए दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बन सकता है.

उन्होंने कहा, 'हमें कृषि क्षेत्र में सुधार करने की आवश्यकता है. हम जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों के आभारी हैं. इस वर्ष के बजट में हमने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ बड़े प्रावधान किए हैं. अगर कोई देश दुनिया के लिए जैविक खाद्य टोकरी बन सकता है, तो वह मेरा देश है, और यह हमारे किसान ही हैं जो इसे संभव बना सकते हैं. हमें किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए.'

प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इन सुधारों से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और उनमें बड़ी छलांग लगाने की इच्छाशक्ति पैदा हुई है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में यथास्थिति का माहौल था जिसे तोड़ने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'लोग सुधारों का इंतजार कर रहे थे. हमें अवसर मिला और हमने बड़े सुधार किए. सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ संपादकीय तक सीमित नहीं है. हमारे सुधार छोटी-मोटी प्रशंसा के लिए नहीं हैं, बल्कि देश को मजबूत बनाने के लिए है. इससे आत्मविश्वास बढ़ा है. हमारे युवाओं के लिए अब कई रास्ते खुले हैं. युवा अब धीरे-धीरे नहीं चलना चाहते, वे आगे बढ़ना चाहते हैं और नई चीजें हासिल करना चाहते हैं. वे बड़े कदम उठाना चाहते हैं. यह भारत के लिए स्वर्णिम युग है.'

ये भी पढ़ें -पीएम मोदी बोले, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को बिना देरी सजा दी जाए

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि देश एकजुट संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ लोग इस प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने संबोधन में कहा, 'हम उसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते या भारत की प्रगति के बारे में तब तक नहीं सोच सकते जब तक कि इससे उन्हें लाभ न हो. वे अराजकता चाहते हैं. देश को इन मुट्ठी भर निराशावादी लोगों से खुद को बचाने की जरूरत है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाहरी और आंतरिक दोनों तरह की चुनौतियां हैं. ऐसी और चुनौतियां सामने आएंगी. उन्होंने कहा, 'मैं ऐसी ताकतों से कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए खतरा नहीं होगा. दुनिया को भारत के विकास को देखकर चिंता नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भ्रष्टाचार ने भारत को वर्षों तक त्रस्त किया है. हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हम इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे. हमारा दृष्टिकोण ईमानदार है और देश के प्रति समर्पण है. इन सभी लोगों के बावजूद, हम इस देश को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे.'

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देश की प्रगति कभी भी दूसरों की कीमत पर नहीं होती. उन्होंने कहा, 'युद्ध हमारा रास्ता नहीं है. यह बुद्ध का देश है. तमाम चुनौतियों के बावजूद हमें आगे बढ़ना चाहिए. क्या कोई सोच सकता है कि लोग खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं? जो लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं, वे चिंता का विषय हैं.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर जोर दिया और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों पर जोर दिया. अपने पारंपरिक संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री ने जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों की सराहना की और कहा कि भारत विकसित भारत (विकसित राष्ट्र) की ओर बढ़ते हुए दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बन सकता है.

उन्होंने कहा, 'हमें कृषि क्षेत्र में सुधार करने की आवश्यकता है. हम जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों के आभारी हैं. इस वर्ष के बजट में हमने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ बड़े प्रावधान किए हैं. अगर कोई देश दुनिया के लिए जैविक खाद्य टोकरी बन सकता है, तो वह मेरा देश है, और यह हमारे किसान ही हैं जो इसे संभव बना सकते हैं. हमें किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए.'

प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इन सुधारों से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और उनमें बड़ी छलांग लगाने की इच्छाशक्ति पैदा हुई है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में यथास्थिति का माहौल था जिसे तोड़ने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'लोग सुधारों का इंतजार कर रहे थे. हमें अवसर मिला और हमने बड़े सुधार किए. सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ संपादकीय तक सीमित नहीं है. हमारे सुधार छोटी-मोटी प्रशंसा के लिए नहीं हैं, बल्कि देश को मजबूत बनाने के लिए है. इससे आत्मविश्वास बढ़ा है. हमारे युवाओं के लिए अब कई रास्ते खुले हैं. युवा अब धीरे-धीरे नहीं चलना चाहते, वे आगे बढ़ना चाहते हैं और नई चीजें हासिल करना चाहते हैं. वे बड़े कदम उठाना चाहते हैं. यह भारत के लिए स्वर्णिम युग है.'

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