नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 6 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखा दी है. ये ट्रेनें भागलपुर-दुमका-हावड़ा, टाटानगर-पटना, गया-हावड़ा, ब्रह्मपुर-टाटानगर, देवघर-वाराणसी और राउरकेला-हावड़ा रेल मार्गों पर चलेंगी, जबकि 4 ट्रेनें सोमवार से पटरी पर दौड़ेंगी.
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि ये ट्रेनें चल रहे विनायक चतुर्थी उत्सव के अवसर पर तेलुगु लोगों के लिए एक उपहार हैं. सिकंदराबाद से लगभग चार वंदे भारत ट्रेन सेवाएं हैं और नई ट्रेन पांचवीं होगी. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, मोदी 10 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे.
इससे पहले 31 अगस्त को पीएम मोदी ने तीन मार्गों पर तीन वंदे भारत ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई थी. इनमें मेरठ-लखनऊ, मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल शामिल हैं. इन ट्रेनों को उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था.
वंदे भारत ट्रेन की खासियत
बता दें कि देश में सबसे पहले वंदे भारत ट्रेन 18 फरवरी 2019 को दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू की गई थी, जिसकी स्पीड 160 किमी प्रति घंटा थी. भारतीय रेलवे नेटवर्क पर वर्तमान में चल रही वंदे भारत ट्रेनों के एडवांस वर्जन में बेहतर सुरक्षा सुविधाएं, तेज स्पीड, बेहतर राइड इंडेक्स और यात्री सुविधाएं दे रहा है. वंदे भारत की ट्रेन में ऑटोमैटिक प्लग डोर, रिक्लाइनिंग एर्गोनोमिक सीटें, एग्जीक्यूटिव क्लास में घूमने वाली सीटों के साथ आरामदायक सीटिंग, हर सीट के लिए मोबाइल चार्जिंग सॉकेट और कवच बचाव प्रणाली होती है.
वंदे भारत ट्रेन का कहां होता है निर्माण?
वंदे भारत ट्रेन का निर्माण चेन्नई में होता है. चेन्नई के लक्ष्मीपुरम में वंदे भारत ट्रेन की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) स्थित है. आईसीएफ में करीब18,000 कर्मचारी काम करते हैं. इसमें सालाना 1,500 कोच का प्रोडक्शन होता है. आईसीएफ ने वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण 2018 में शुरू किया था.
अब तक आईसीएफ ने 100 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया है. वंदे भारत ट्रेनें भारत की सबसे तेज और आधुनिक ट्रेनें हैं. इनकी स्पीड 160 से 180 किमी के बीच होती.