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क्या अगले साल रिटायर होंगे मोदी, 75 के होने के बाद किसके लिए छोड़ेंगे कुर्सी ? जानिए - PM Modi Birthday

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2024, 7:46 PM IST

PM Narendra Modi 74th Birthday : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन पर एक बार फिर उनके रिटायरमेंट का मुद्दा जोर पकड़ रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या पीएम मोदी अगले साल 75 वर्ष की आयु के बाद सक्रिय राजनीति से पीछे हट जाएंगे. इस मुद्दे पर क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार, पढ़ें पूरी स्टोरी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PTI)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (17 सितंबर) 74 साल के हो गए हैं और 75 वर्ष में प्रवेश कर गए. अगले साल वह अपना 75वां जन्मदिन मनाएंगे. इसलिए अब इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या पीएम मोदी भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य की तरह 75 साल की आयु के बाद सक्रिय राजनीति से पीछे हट जाएंगे. ये भी सवाल उठने लगा है कि भाजपा में पीएम मोदी का विकल्प कौन हो सकता है.

इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव से फोन पर बात की. वो कहते हैं कि ऐसी कोई संभावना नहीं है कि अगले साल 75 वर्ष की उम्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद से पद छोड़ देंगे. उनका कहना है कि पीएम मोदी सत्ता के जिस शिखर पर हैं, वहां बैठे व्यक्ति के लिए नियम-सिद्धांत बदलना कोई बड़ी बात नहीं है.

फिलहाल पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं...
आरएसएस और संगठन की तरफ से किसी तरह के दवाब के संबंध में राहुल देव ने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता है कि पीएम मोदी पर किसी तरह का कोई दबाव डाला जाएगा, क्योंकि पूरे संघ परिवार में फिलहाल पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं दिखता है. उन्होंने कहा कि अगले साल संघ भी अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, इतने वर्षों में संघ को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता दिलाने वाले सिर्फ नरेंद्र मोदी हैं. पीएम मोदी ने दो बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता दिलाई है. ऐसे में संघ पीएम मोदी को क्यों हटाना चाहेगा. जबकि उसे पीएम मोदी के पद पर रहने से कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं दिख रहा हो.

पीएम मोदी के विकल्प के संबंध में राहुल देव कहते हैं कि फिलहाल उनका कोई विकल्प नहीं दिख रहा है. लेकिन अमित शाह को उनके विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश हो रही है ताकि किसी विपरीत स्थिति में वो चीजें संभाल सकेंगे.

यह सिद्धांत वरिष्ठ नेताओं को हाशिए पर धकेलने के लिए था...
ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी कहते हैं कि मोदी जी का 75 साल का सिद्धांत सिर्फ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर रखने और हाशिए पर धकेलने के लिए था. उन्होंने वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र का जिक्र किया, जिन्हें इसी सिद्धांत के चलते पीएम मोदी के पहले कार्यकाल के मध्य में ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था.

सिद्धांत दूसरों के लिए बनाए जाते हैं...
क्या पीएम मोदी इस सिद्धांत का पालन करेंगे, इस सवाल पर प्रमोद गोस्वामी कहते हैं कि आज राजनीति में कोई नैतिकता नहीं बची है. सिद्धांत दूसरों के लिए बनाए जाते हैं. सत्ता पर अंकुश के लिए ऐसे सिद्धांत-नियम बनाए जाते हैं जिसके पीछे खास उद्देश्य होते हैं. उनका कहना है कि सिर्फ भाजपा ही नहीं सभी राजनीतिक दलों में सत्ता हथियाने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाए जाते हैं.

हो सकता है इसे भी एक जुमला बता दिया जाए...
गोस्वामी कहते हैं कि अगर मूल्यों और सिद्धांतों की बात की जाए तो 75 वर्ष की आयु पूरी होने पर पीएम मोदी को भी सक्रिया राजनीति से खुद को अलग कर लेना चाहिए. लेकिन उन्हें लगता कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में जब विपक्ष ने पीएम मोदी की आयु का मुद्दा उठाया था तो अमित शाह ने सामने आकर कहा था कि भाजपा में ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से 15-15 लाख रुपये देने के वादे को 'जुमला' करार दिया गया था, हो सकता है कि इस सिद्धांत को भी एक जुमला बता दिया जाए.

क्या कहा था अरविंद केजरीवाल ने
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मई में तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार पीएम मोदी के रिटायरमेंट का मुद्दा उठाया था. केजरीवाल ने इसी साल 11 मई को दावा किया था, "पीएम मोदी 17 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो रहे हैं. 2014 में मोदी जी ने खुद नियम बनाया था कि भाजपा के अंदर जो भी 75 साल का होगा, उसको रिटायर कर दिया जाएगा." तब केजरीवाल ने यह भी दावा किया था कि पीएम मोदी अपने लिए नहीं, बल्कि अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं.

केजरीवाल के दावे पर अमित शाह ने दिया था ऐसा जवाब
केजरीवाल के इस दावे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना पक्ष रखा था. शाह ने कहा था, "अरविंद केजरीवाल और पूरे इंडी अलायंस को मैं कहना चाहता हूं कि मोदी जी 75 साल के हो जाएंगे.. इससे आपको खुश होने की जरूरत नहीं है. ये भाजपा के संविधान में कहीं नहीं लिखा है. मोदी जी प्रधानमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करेंगे और आगे भी देश का नेतृत्व करते रहेंगे. इस बात को लेकर भाजपा में कोई कंफ्यूजन नहीं है."

इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने कह दी थी बड़ी बात
केजरीवाल के दावा के बाद पीएम मोदी ने खुद 12 मई को कहा था कि परिवार का मुखिया अपने बच्चों के लिए कुछ छोड़कर जाना चाहता है. वो अपने वारिस को कुछ देकर जाना चाहता है, लेकिन मोदी के वारिस कौन हैं भाई? मुझे किसके लिए छोड़ना है? मेरे वारिस तो सारे देशवासी हैं. आप ही मेरा परिवार हैं. आप ही मेरे वारिस हैं.

क्या कहा कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी के रिटायरमेंट का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्होंने लिखा, "मोदी जी का आज 74वां जन्मदिन है, बधाई हो. पर अपने ही बनाये नियम के मुताबिक, 17 सितंबर 2025 को जब आप 75 साल के हो जाएंगे तो बाकी लोगों की तरह आप भी मार्गदर्शक मंडल में चले जायेंगे. तो संभवतः प्रधानमंत्री पद पर आपके पास एक ही साल और है, इसलिए अभी भी वक्त है जनता की सुध लीजिए. वरना क्या यह अच्छा लगता है कि पंडित नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का शिक्षा दिवस, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का छात्र दिवस, चौधरी चरण सिंह का किसान दिवस, बाबा साहेब का समानता दिवस के रूप में मनाया जाए और आपका जन्मदिन देश के युवा 'राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस' के रूप में मनाएं? कुछ भला कीजिए लोगों का वरना ऐसे ही याद किए जाएंगे - बेरोजगार दिवस वाले चचा!"

यह भी पढ़ें- मोदी 3.0 रिपोर्ट कार्ड: एनडीए सरकार ने पहले 100 दिनों में किए ये अहम फैसले

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (17 सितंबर) 74 साल के हो गए हैं और 75 वर्ष में प्रवेश कर गए. अगले साल वह अपना 75वां जन्मदिन मनाएंगे. इसलिए अब इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या पीएम मोदी भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य की तरह 75 साल की आयु के बाद सक्रिय राजनीति से पीछे हट जाएंगे. ये भी सवाल उठने लगा है कि भाजपा में पीएम मोदी का विकल्प कौन हो सकता है.

इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव से फोन पर बात की. वो कहते हैं कि ऐसी कोई संभावना नहीं है कि अगले साल 75 वर्ष की उम्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद से पद छोड़ देंगे. उनका कहना है कि पीएम मोदी सत्ता के जिस शिखर पर हैं, वहां बैठे व्यक्ति के लिए नियम-सिद्धांत बदलना कोई बड़ी बात नहीं है.

फिलहाल पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं...
आरएसएस और संगठन की तरफ से किसी तरह के दवाब के संबंध में राहुल देव ने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता है कि पीएम मोदी पर किसी तरह का कोई दबाव डाला जाएगा, क्योंकि पूरे संघ परिवार में फिलहाल पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं दिखता है. उन्होंने कहा कि अगले साल संघ भी अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, इतने वर्षों में संघ को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता दिलाने वाले सिर्फ नरेंद्र मोदी हैं. पीएम मोदी ने दो बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता दिलाई है. ऐसे में संघ पीएम मोदी को क्यों हटाना चाहेगा. जबकि उसे पीएम मोदी के पद पर रहने से कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं दिख रहा हो.

पीएम मोदी के विकल्प के संबंध में राहुल देव कहते हैं कि फिलहाल उनका कोई विकल्प नहीं दिख रहा है. लेकिन अमित शाह को उनके विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश हो रही है ताकि किसी विपरीत स्थिति में वो चीजें संभाल सकेंगे.

यह सिद्धांत वरिष्ठ नेताओं को हाशिए पर धकेलने के लिए था...
ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी कहते हैं कि मोदी जी का 75 साल का सिद्धांत सिर्फ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर रखने और हाशिए पर धकेलने के लिए था. उन्होंने वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र का जिक्र किया, जिन्हें इसी सिद्धांत के चलते पीएम मोदी के पहले कार्यकाल के मध्य में ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था.

सिद्धांत दूसरों के लिए बनाए जाते हैं...
क्या पीएम मोदी इस सिद्धांत का पालन करेंगे, इस सवाल पर प्रमोद गोस्वामी कहते हैं कि आज राजनीति में कोई नैतिकता नहीं बची है. सिद्धांत दूसरों के लिए बनाए जाते हैं. सत्ता पर अंकुश के लिए ऐसे सिद्धांत-नियम बनाए जाते हैं जिसके पीछे खास उद्देश्य होते हैं. उनका कहना है कि सिर्फ भाजपा ही नहीं सभी राजनीतिक दलों में सत्ता हथियाने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाए जाते हैं.

हो सकता है इसे भी एक जुमला बता दिया जाए...
गोस्वामी कहते हैं कि अगर मूल्यों और सिद्धांतों की बात की जाए तो 75 वर्ष की आयु पूरी होने पर पीएम मोदी को भी सक्रिया राजनीति से खुद को अलग कर लेना चाहिए. लेकिन उन्हें लगता कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में जब विपक्ष ने पीएम मोदी की आयु का मुद्दा उठाया था तो अमित शाह ने सामने आकर कहा था कि भाजपा में ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से 15-15 लाख रुपये देने के वादे को 'जुमला' करार दिया गया था, हो सकता है कि इस सिद्धांत को भी एक जुमला बता दिया जाए.

क्या कहा था अरविंद केजरीवाल ने
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मई में तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार पीएम मोदी के रिटायरमेंट का मुद्दा उठाया था. केजरीवाल ने इसी साल 11 मई को दावा किया था, "पीएम मोदी 17 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो रहे हैं. 2014 में मोदी जी ने खुद नियम बनाया था कि भाजपा के अंदर जो भी 75 साल का होगा, उसको रिटायर कर दिया जाएगा." तब केजरीवाल ने यह भी दावा किया था कि पीएम मोदी अपने लिए नहीं, बल्कि अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं.

केजरीवाल के दावे पर अमित शाह ने दिया था ऐसा जवाब
केजरीवाल के इस दावे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना पक्ष रखा था. शाह ने कहा था, "अरविंद केजरीवाल और पूरे इंडी अलायंस को मैं कहना चाहता हूं कि मोदी जी 75 साल के हो जाएंगे.. इससे आपको खुश होने की जरूरत नहीं है. ये भाजपा के संविधान में कहीं नहीं लिखा है. मोदी जी प्रधानमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करेंगे और आगे भी देश का नेतृत्व करते रहेंगे. इस बात को लेकर भाजपा में कोई कंफ्यूजन नहीं है."

इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने कह दी थी बड़ी बात
केजरीवाल के दावा के बाद पीएम मोदी ने खुद 12 मई को कहा था कि परिवार का मुखिया अपने बच्चों के लिए कुछ छोड़कर जाना चाहता है. वो अपने वारिस को कुछ देकर जाना चाहता है, लेकिन मोदी के वारिस कौन हैं भाई? मुझे किसके लिए छोड़ना है? मेरे वारिस तो सारे देशवासी हैं. आप ही मेरा परिवार हैं. आप ही मेरे वारिस हैं.

क्या कहा कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी के रिटायरमेंट का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्होंने लिखा, "मोदी जी का आज 74वां जन्मदिन है, बधाई हो. पर अपने ही बनाये नियम के मुताबिक, 17 सितंबर 2025 को जब आप 75 साल के हो जाएंगे तो बाकी लोगों की तरह आप भी मार्गदर्शक मंडल में चले जायेंगे. तो संभवतः प्रधानमंत्री पद पर आपके पास एक ही साल और है, इसलिए अभी भी वक्त है जनता की सुध लीजिए. वरना क्या यह अच्छा लगता है कि पंडित नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का शिक्षा दिवस, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का छात्र दिवस, चौधरी चरण सिंह का किसान दिवस, बाबा साहेब का समानता दिवस के रूप में मनाया जाए और आपका जन्मदिन देश के युवा 'राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस' के रूप में मनाएं? कुछ भला कीजिए लोगों का वरना ऐसे ही याद किए जाएंगे - बेरोजगार दिवस वाले चचा!"

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