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निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति: केंद्र को रोकने की याचिका पर तत्काल सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले शुक्रवार सुबह पद से इस्तीफा दे दिया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया और केंद्रीय विधि मंत्रालय ने इसकी घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की.

appointing CEC and ECs
केंद्र को रोकने की याचिका पर तत्काल सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 11, 2024, 2:15 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह केंद्र सरकार को 2023 के एक कानून के अनुसार नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करने वाली यचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा. इस कानून के प्रावधानों को पहले ही न्यायालय में चुनौती दी गयी है. निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद निर्वाचन आयुक्तों के दो पद खाली हो गए हैं.

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, 'एक ईमेल भेजिए. हम देखेंगे.' कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया. स्थानीय कांग्रेस नेता ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है.

ठाकुर ने अपनी याचिका में न्यायालय को बताया कि उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान 'निर्वाचन आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने नौ मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.' उन्होंने कहा कि उनकी याचिका पर 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति नए निर्वाचन आयुक्तों के नामों को तय करने के लिए 15 मार्च को बैठक करेगी.

निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले शुक्रवार सुबह पद से इस्तीफा दे दिया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया और केंद्रीय विधि मंत्रालय ने इसकी घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की. इससे निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार इकलौते सदस्य रह गए हैं.

पढ़ें: चुनावी बॉन्ड मामला : एसबीआई को बड़ा झटका, चुनावी चंदे की पूरी जानकारी कल तक देने के आदेश

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह केंद्र सरकार को 2023 के एक कानून के अनुसार नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करने वाली यचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा. इस कानून के प्रावधानों को पहले ही न्यायालय में चुनौती दी गयी है. निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद निर्वाचन आयुक्तों के दो पद खाली हो गए हैं.

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, 'एक ईमेल भेजिए. हम देखेंगे.' कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया. स्थानीय कांग्रेस नेता ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है.

ठाकुर ने अपनी याचिका में न्यायालय को बताया कि उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान 'निर्वाचन आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने नौ मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.' उन्होंने कहा कि उनकी याचिका पर 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति नए निर्वाचन आयुक्तों के नामों को तय करने के लिए 15 मार्च को बैठक करेगी.

निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले शुक्रवार सुबह पद से इस्तीफा दे दिया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया और केंद्रीय विधि मंत्रालय ने इसकी घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की. इससे निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार इकलौते सदस्य रह गए हैं.

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