नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई है. फातिमा नाम की एक महिला ने वकील सुनील कुमार अग्रवाल के माध्यम से याचिका दायर की है. याचिका में चुनाव आयोग को जन प्रतिनिधत्व अधिनियम के तहत पीएम मोदी को छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई. याचिकाकर्ता ने पीएम मोदी पर एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते समय आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
याचिका में दलील दी गई कि, 21 अप्रैल, 2024 को पीएम ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव प्रचार के दौरान राजस्थान के बांसवाड़ा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया था. याचिका में दलील दी गई कि, 'पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ऐसे बयान दिए जिनका उद्देश्य सप्ष्ट रूप से समहूों के बीच दश्मनी पैदा करना था'. याचिका में चुनाव आयोग को आदर्श आचार संहिता के मुताबिक पीएम के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की भी मांग की गई. याचिका में उल्लेख किया गया कि, विभिन्न संगठनों और कई लोगों ने चुनाव आयोग के पास शिकायतें दर्ज की हैं. लेकिन ईसीआई पीएम के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रहा. याचिका में पीएम के बयान को भड़काऊ और गैरकानूनी बताया गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि, 'पीएम मोदी का संबोधन आचार संहिता का उल्लंघन है. इस तरह भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत अपराध किया है और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अयोग्यता का प्रावधान है.'
पिछले महीने, दिल्ली हाई कोर्ट ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी. याचिकाकर्ता ने पीएम मोदी पर उत्तर प्रदेश में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते समय आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था.
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