इंफाल: आतंकवादियों के हमले में मणिपुर के बिष्णुपुर इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवानों की उनके चौकी पर मारे जाने के एक दिन बाद, सीआरपीएफ के महानिरीक्षक, अखिलेश प्रसाद सिंह ने रविवार को कहा कि हमलावरों की जल्द ही पहचान कर उन्हें उनके कृत्य की सजा दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत दुखद था, बड़ी संख्या में सीआरपीएफ कर्मियों को यहां तैनात किया गया है. हम पिछले वर्ष से विभिन्न कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं. यह पहली बार था कि हमारे दूरस्थ शिविर पर हमला किया गया था.
सीआरपीएफ आईजी ने कहा कि इससे उन्हें अंदर घुसने और हमें नुकसान पहुंचाने में मदद मिली. हम पता लगाएंगे कि वे कौन थे और बहुत जल्द उन्हें उनके कृत्य के लिए दंडित किया जाएगा. जान गंवाने वाले जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ 128 बटालियन के थे.
पश्चिम बंगाल सीआरपीएफ के आईजी बीरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि मृतक सीआरपीएफ कर्मियों की पहचान सब इंस्पेक्टर एन सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में की गई है. घायल कर्मियों की पहचान इंस्पेक्टर जदाब दास (पोस्ट कमांडर) और कांस्टेबल आफताब उल हुसैन के रूप में हुई. सीआरपीएफ आईजी अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मणिपुर में सीआरपीएफ की तैनाती 1980 के दशक से है.
उन्होंने कहा कि हम उग्रवादी विरोधी अभियान, कानून-व्यवस्था के कर्तव्य और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी कर रहे हैं. यह 3 मई, 2023 से पहले की बात है. जब जातीय झड़पें हुईं, सीआरपीएफ की कई कंपनियों को शामिल किया गया. हमारी पहली जिम्मेदारी थी इन झड़पों को नियंत्रित करने और कानून एवं व्यवस्था बहाल करने की.
ताजा वारदात के बारे में उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ कर्मी चल रहे आम चुनावों के तहत ड्यूटी पर गए थे और हमलावरों ने इसका फायदा उठाया. चुनाव में सीआरपीएफ की भारी तैनाती थी और उस समय हमारी फोर्स कुछ इलाकों से चुनाव ड्यूटी के लिए गई थी. इन असामाजिक तत्वों को मौका मिल गया. उन्हें लगा कि हमारी ताकत संख्या में कम है और उन्होंने इसका फायदा उठाया.
सीआरपीएफ आईजी ने कहा कि ऐसे बहुत कम लोग हैं जो राष्ट्र-विरोधी सोच रखते हैं. कई अच्छे लोग हैं लेकिन कुछ लोग हैं, यह एक छोटा समूह है जो सफल है. छोटे समूह से मेरा मतलब है कि उनके पास लोग और हथियार कम हैं.