कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के चांदगढ़ स्थित बुजवाड़े धनगरवाड़ा इलाका आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. दरअसल, यहां एक बुजुर्ग को लकवा का दौरा पड़ने के बाद भी इलाज के लिए अस्पताल तक जाने के लिए सड़क सुविधा नहीं होने के कारण पूरी रात घर में रहने को मजबूर होना पड़ा.
जब सुबह हुई तो बीमार बुजुर्ग को इलाज के लिए ग्रामीणों ने उन्हें प्लास्टिक की टोकरी पर बिठाकर अस्पताल ले गए. बुजुर्ग का नाम नवलू कस्तूरे बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक नवलू कस्तूरे नाम के बुजुर्ग रविवार रात लकवा का दौरा पड़ा था. लेकिन धनगरवाड़ा से अस्पताल तक कोई सड़क नहीं होने की वजह से उन्हें पूरी रात घर पर ही रहना पड़ा. बाद में अगली सुबह ग्रामीणों ने जंगल के रास्ते पांच किलोमीटर पैदल चलकर उन्हें अस्पताल तक पहुंचाया. बुजुर्ग के आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जानकारी के मुताबिक, कोल्हापुर जिले के कई ऐसे गांव हैं, जहां अभी भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से लोग वंचित हैं. खासकर मानसून के दौरान, धनगरवाड़ा के ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दरअसल, धनगरवाड़ा में मतदाता कम हैं. ऐसे में नाराज ग्रामिणों का सवाल है कि, क्या कम साक्षरता के कारण जनप्रतिनिधि वहां की जनता की उपेक्षा कर रहे हैं?
चांदगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश पाटिल से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने विधानसभा क्षेत्र के धनगरवाड़ा से संबंधित सड़कों के लिए कलेक्टर कार्यालय को प्रस्ताव भेजा है. हालांकि, पैतृक खेतों और घरों के कारण, लगभग 300 से 400 लोगों की आबादी वाले धनगरवाड़ा के निवासियों को इस जगह से दूसरे जगह नहीं भेजा गया है. वहां की जनता ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, वे धनगरवाड़ा की सड़कों की समस्या को हल करने का प्रयास कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: सिस्टम बेहाल! महाराष्ट्र में बच्चों के शव कंधे पर लेकर 15 किलोमीटर चले माता-पिता, नहीं मिली एंबुलेंस