अनंतनाग: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को केंद्र सरकार पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि 'जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद से हमारी पार्टी को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है.'
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के नेताओं को पीडीपी छोड़ने के लिए लालच दिया जा रहा है और ब्लैकमेल किया जा रहा है. महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी सीट से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ रही हीं. यहां पत्रकारों से बातचीत से पहले वह बिजबेहरा में स्थित अपने पिता और पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर गईं.
'नेताओं को ब्लैकमेल किया जा रहा': पीडीपी चीफ ने बिना किसी का नाम लिए कहा, 'साल 2019 के बाद से पीडीपी को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है. पार्टी को तोड़ा जा रहा है और हमारे नेताओं को पीडीपी छोड़ने के लिए या तो लालच दिया जा रहा है या ब्लैकमेल किया जा रहा है. मैंने 2019 के बाद उनके उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की लेकिन, मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को इसके कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं अपनी बात पर कायम रही.'
उन्होंने कहा, 'उन्हें लगता है अगर मेरी आवाज संसद तक पहुंच गई तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.' उन्होंने कहा कि 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की वास्तविक स्थिति सामने आ जाएगी और जो लोग यह दावा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ सामान्य है वे बेनकाब हो जाएंगे. यही वजह है कि वह मुझे संसद से बाहर रखना चाहते हैं.'
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'मेरे लोग मेरी आशा हैं… पीर पंजाल के लोग, जब वे संकट में थे तब मैं हर गांव और हर क्षेत्र में गई.' उन्होंने कहा, 'मैंने अपने स्तर पर प्रयास किया है. मैं एक शक्तिशाली व्यक्ति नहीं हूं लेकिन मैंने उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई है. हमारी कबिलाई आबादी गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ी लोगों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं था. जम्मू-कश्मीर के लोग, विशेषकर मेरे अपने लोग मेरे द्वारा किए गए कार्यों का सम्मान करेंगे और मेरी आवाज को मजबूत करेंगे.'
अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों के बीच मुकाबले के बारे में पूछे जाने पर पीडीपी नेता ने कहा कि 'लोकतंत्र में हर कोई चुनाव लड़ सकता है और आप किसी को रोक नहीं सकते.' इस सीट पर सात मई को मतदान होगा. अनंतनाग-राजौरी सीट पर महबूबा का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद और 'अपनी पार्टी' के जफर इकबाल मन्हास से है.