नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान बुधवार को विपक्षी दलों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. इस पर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि पीएम के भाषण के दौरान विपक्षी सदन से क्यों चले गए थे.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान विपक्षी दलों ने इसलिए राज्यसभा से वॉकआउट किया क्योंकि वह झूठ बोल रहे थे. उन्होंने मोदी पर हमला करते हुए कहा कि ‘झूठ बोलना और लोगों को गुमराह करना प्रधानमंत्री की ‘आदत’ है.
'झूठ बोलना पीएम मोदी की आदत'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खड़गे ने कहा, "झूठ बोलना, लोगों को गुमराह करना और सच्चाई से परे बातें करना उनकी (पीएम मोदी) आदत है. वे (बीजेपी) कहते हैं कि हम (कांग्रेस) संविधान के खिलाफ हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बीजेपी-आरएसएस, जनसंघ और उनके राजनीतिक पूर्वजों ने भारत के संविधान का कड़ा विरोध किया था. उन्होंने उस समय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और पंडित जवाहरलाल नेहरू के पुतले जलाए थे. यह एक शर्मनाक बात थी."
INDIA पार्टियों ने राज्य सभा से इसलिए walk-out किया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जी झूठ बोल रहे थे। वे कहते हैं कि हम संविधान के विरोध में हैं, बल्कि सच्चाई यह है कि BJP-RSS, जनसंघ और उनके राजनीतिक पुरखों ने भारत के संविधान का जमकर विरोध किया था। उन लोगों ने डॉ बाबासाहेब अंबेडकर व… pic.twitter.com/8JxavLoMi0
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 3, 2024
खड़गे के अनुसार, अंबेडकर ने संविधान का मसौदा तैयार करने का क्रेडिट कांग्रेस को दिया था. कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं बस यह स्पष्ट करना चाहता था कि कौन संविधान के पक्ष में था और कौन इसके खिलाफ था. आरएसएस ने 1950 में अपने एडिटोरियल में लिखा था कि संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें भारतीय कुछ भी नहीं है... प्राचीन भारत के अद्भुत संवैधानिक विकास के बारे में इसमें कोई जिक्र ही नहीं है..."
राज्यसभा में क्या बोले पीएम मोदी
इससे पहले पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में डॉ बीआर अंबेडकर के तैयार संविधान के महत्व के बारे में बात की और बताया कि कैसे इसने उन्हें सार्वजनिक पद संभालने में सक्षम बनाया.पीएम मोदी ने कहा, "संविधान मेरे लिए सिर्फ नियमों का संकलन नहीं है और मैं इसकी भावना और इसके हर शब्द का सम्मान करता हूं."
इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि उन्होंने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था, लेकिन ये वे लोग हैं जो आजकल संविधान की दुहाई देते हैं, जिन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही गणतंत्र दिवस है और मेरे विचार को खारिज कर दिया. इस पर, विपक्षी नेताओं ने संसद में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
जब विपक्षी नेता सदन से बाहर निकले, तो मोदी ने कहा कि देश देख रहा है और जो लोग झूठ फैलाते हैं, उनमें सच सुनने की ताकत नहीं है. इनमें सच का सामना करने का साहस नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठाए गए सवालों के जवाब सुनने का साहस नहीं है. वे उच्च सदन, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं.