नई दिल्ली: संसद सत्र के छठे दिन विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने NEET पेपर, किसान, अग्निवीर जैसे बड़े मुद्दे उठाए. राहुल गांधी ने कहा कि, नीट के छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी में सालों लगा देते हैं. उनके परिवार उन्हें आर्थिक और भावनात्मक रूप से सहयोग करते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि आज नीट के छात्रों का परीक्षा पर से विश्वास उठ गया है. वह इसलिए क्योंकि छात्रों को लगता है कि, नीट परीक्षा अमीर लोगों के लिए है, मेधावी छात्रों के लिए नहीं.
#WATCH | Leader of Opposition in Lok Sabha, Rahul Gandhi says, " neet students spend years and years preparing for their exam. their family supports them financially, and emotionally and the truth is that neet students today do not believe in the exam because they are convinced… pic.twitter.com/j6VcLq3i99
— ANI (@ANI) July 1, 2024
राहुल गांधी ने आगे कहा कि, वे कई नीट छात्रों से मिले हैं, उनमें से प्रत्येक छात्रों ने उनसे कहा कि, यह परीक्षा अमीर लोगों के लिए कोटा बनाने और सिस्टम में उनके लिए रास्ता बनाने के लिए बनाई गई है. राहुल ने कहा कि, छात्रों ने उन्हें बताया है कि, यह परीक्षा गरीब छात्रों की मदद के लिए नहीं बनाई गई है.
बता दें कि, संसद सत्र के छठे दिन लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस दौरान किसान, अग्निवीर से लेकर नीट पेपर लीक का मुद्दा उठाया. पांचवे दिन लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता ने नीट परीक्षा का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की मांग की थी.
राहुल गांधी ने सदन में अपने भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों से कहा कि, विपक्ष उनका दुश्मन नहीं है, वे सत्ता पक्ष का काम आसान करने के लिए हैं. राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जो पेश कर रही है वह झूठ, साहस का पूर्ण अभाव और हिंसा है. राहुल ने आगे कहा कि, 'जब मैं विपक्ष का नेता बना, तो मुझे अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं का एहसास हुआ, डर को अलग रखना होगा, मैं सभी विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व करता हूं.' अल्पसंख्यक पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि, मायनॉरिटी सभी क्षेत्रों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, राष्ट्र को गौरवान्वित करते हैं.वे देश के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं, देशभक्त हैं.
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में सत्तारूढ़ भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे हिंसा और घृणा में लिप्त हैं. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भारी विरोध जताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर मामला है.
हालांकि, राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बारे में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या मोदी संपूर्ण हिंदू समाज नहीं हैं. कांग्रेस नेता ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि उनका संदेश निर्भयता और अहिंसा के बारे में है. उन्होंने इसी तरह की बात कहने के लिए अन्य धर्मों की शिक्षाओं का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा, 'सभी धर्म और हमारे सभी महापुरुष अहिंसा और निर्भयता की बात करते हैं, लेकिन जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे केवल हिंसा, घृणा और झूठ की बात करते हैं... आप हिंदू हो ही नहीं.'
बता दें कि, पांचवे दिन विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही नहीं चल सकी थी. राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी. हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था.