जम्मू: श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. यहां 8.7 लाख महिलाओं सहित 17.4 लाख मतदाता 24 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए तैयार हैं. यह एक ऐतिहासिक क्षण है कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने जम्मू में कश्मीरी पंडित (केपी) प्रवासी मतदाताओं के लिए स्थानीय अधिकारियों द्वारा दो सहायक सहित 21 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं.
ये मतदान केंद्र ईसीआई द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए स्थापित किए गए हैं, जिसके तहत 1500 से अधिक मतदाताओं के लिए दो ऐसे मतदान केंद्र स्थापित करना अनिवार्य है.
पूरे निर्वाचन क्षेत्र में तैयारियां जोरों पर हैं, 26 मतदान केंद्र विशेष रूप से कश्मीरी प्रवासियों के लिए नामित किए गए हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ये स्टेशन जम्मू, दिल्ली और उधमपुर में फैले हुए हैं. 1.13 लाख से अधिक पंजीकृत प्रवासी मतदाताओं के साथ, उनकी आवाज़ चुनाव के नतीजे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
दशकों से कश्मीरी पंडित उस स्थान पर वापस जाने के लिए तरस रहे हैं जिसे वे अपना घर कहते हैं. यह चुनाव उन्हें उम्मीद देता है कि आखिरकार उनकी आवाज सुनी जाएगी और कश्मीर लौटने का उनका सपना जल्द ही सच हो सकता है. कश्मीरी प्रवासी पंडित वीरजी जो शोपियां जिले के जीनापोरा के रहने वाले हैं. वह 1993 में जम्मू आ गए थे. उन्होंने कहा कि 'हमारी घर वापसी की मांग को पूरा करें, राज्य नेतृत्व ऐसा नहीं कर सकता लेकिन हमें भारतीय संसद से उम्मीद है कि वह कश्मीर में हमारी वापसी सुनिश्चित करेगी.'