तिरुवनंतपुरम: पलायम इमाम वीपी सुहैब मौलवी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे सांप्रदायिकता के खिलाफ हैं और लोगों ने नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोल दी है. वह बकरीद के दिन सुबह की नमाज के बाद तिरुवनंतपुरम के चंद्रशेखरन नायर स्टेडियम में नमाजियों को तकरीर दे रहे थे. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता फासीवादी शासन को चेतावनी देने में सक्षम है.
पलायम इमाम वीपी सुहैब मौलवी ने आगे कहा, 'यहां तक कि अयोध्या मंदिर जिस स्थान पर बनाया गया था, वहां भी फासीवादी ताकतों को हार माननी पड़ी. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) को इतिहास का मजाक उड़ाने से बचना चाहिए. एनसीईआरटी से बाबरी मस्जिद का नाम हटा दिया गया. बच्चों को सही इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए. अगर वे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियां निस्संदेह इसे पहचान लेंगी.
देश में आम चुनाव के नतीजे आश्वस्त करने वाले हैं. चुनाव नतीजों ने साबित कर दिया है कि अगर देश के समान विचारधारा वाले लोग मिलकर काम करें तो सांप्रदायिकता पर काबू पाया जा सकता है. महीनों तक चले उग्रवाद के बावजूद अधिकारी मणिपुर पहुंचकर शांति स्थापित नहीं कर पाए. सरकार निष्क्रिय है.
बाद में मणिपुर में देखा गया कि फैसला प्रशासन के खिलाफ लिखा गया था. चुनावों ने यह भी साबित कर दिया कि देश में नफरत फैलाने वाले भाषणों का कोई भविष्य नहीं है. शासकों सहित अधिकारियों ने अत्यधिक जातिवादी शब्दों का इस्तेमाल किया. सांप्रदायिकता को सांप्रदायिकता से या आतंकवाद को आतंकवाद से नहीं हराया जा सकता.
पलायम इमाम ने केरल सरकार से जाति जनगणना की तैयारी करने का भी आग्रह किया, अगर केंद्र इसे लागू करने के लिए आगे नहीं आता है. डॉ वीपी सुहैब मौलवी ने कहा कि फिलिस्तीन में लोग बहुत पीड़ित हैं. वे रोटी के लिए, आश्रय के लिए और अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए बहुत परेशान हैं. हालांकि उन्हें जल्द ही विश्व नेता का खिताब मिलने वाला है.