ओडिशा : पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कमला पुजारी का कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. अस्पताल के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
जानकारी के मुताबिक, 70 वर्षीय कमला पुजारी का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ. दो दिन पहले उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण एससीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कमला पुजारी ओडिशा के कोरापुट की रहने वाली थी. वह आदिवासी समाज से आती थीं. महिला जैविक कृषि में अपने अग्रणी कार्य के लिए जानी जाती थी. इसी कारण उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था. पुजारी ने 2002 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ‘इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड’ जीतकर राज्य का नाम रोशन किया था.
खबरों के अनुसार, पुजारी की तबीयत ठीक नहीं रहती थी, वे पहले भी कई बार एससीबी में इलाज करा चुकी थीं. वह किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं. दो दिन पहले फिर से तबियत खराब होने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हो गया.
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने कमला पुजारी के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि पद्मश्री कमला पुजारी ने देशी धान की किस्मों और अन्य बीजों को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया. पर्यावरण संरक्षण में उनका योगदान बहुत बड़ा था जिसे ओडिशा और देश कभी नहीं भूल सकता.
कोरापुट जिले के एक सुदूर गांव की आदिवासी महिला कमला पुजारी ने जैविक खेती की शुरुआत की थी, पारंपरिक बीजों को संरक्षित किया और जैविक पद्धति का उपयोग करके पारंपरिक बीजों को संरक्षित करने और खेती करने के लिए आदिवासियों के बीच जागरूकता अभियान चलाया था. वह पहली आदिवासी महिला थीं, जिन्हें 2018 में राज्य योजना बोर्ड का सदस्य बनाया गया था. इसी कारण उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
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