गुवाहाटी: 16 राजनीतिक दलों वाले विपक्षी एकता मंच ने गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात की और असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के खिलाफ राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें अनुरोध किया गया कि राज्य में कानून लागू नहीं किया जाना चाहिए. विपक्षी एकता मंच के अध्यक्ष भूपेन बोरा, महासचिव लुरिनज्योति गोगोई, रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई, असम तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा, असम आप के अध्यक्ष भाबेन चौधरी, सीपीआई (एम) नेता इसफाकुर रहमान सहित अन्य लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन सौंपने के बाद असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए को रद्द किया जाना चाहिए. यह एक असंवैधानिक कानून है. अगर सीएए को रद्द नहीं किया गया तो हम असम में एक जन आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि विपक्षी मंच ने राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री से मिलने की इजाजत मांगी है.
असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा,'हम सीएए का पालन नहीं करते हैं. इस अधिनियम के मूल में सांप्रदायिक लक्ष्य हैं. बीजेपी इस एक्ट के जरिए धार्मिक ध्रुवीकरण करना चाहती है. यह कानून असम के खिलाफ है. असम विदेशियों के लिए चारागाह नहीं है. कानून रद्द होना चाहिए. अन्यथा असम में जन आंदोलन होगा. हमने इस संबंध में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की है.'
गोगोई ने आगे कहा कि इतिहास गवाह है कि जनता ने धोखा देने वाले नेताओं को कभी माफ नहीं किया है. जनता गद्दारों को सही समय पर जवाब देगी.
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