बेंगलुरु: क्या आपके वाहन का बीमा अपडेट है? क्या आपके पास फिटनेस सर्टिफिकेट है? यदि नहीं, तो इन मामलों का तुरंत समाधान करना महत्वपूर्ण है. उचित पंजीकरण के बिना वाहनों में उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) नहीं लगाया जा सकता है. आपकी पुरानी नंबर प्लेटों को हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (एचएसआरपी) से बदलने की आखिरी तारीख शुरू में 17 फरवरी निर्धारित की गई थी.
हालांकि, राज्य में काफी कम वाहन पंजीकृत हुए थे, इसलिए कर्नाटक परिवहन विभाग ने समय सीमा (तीन महीने) 31 मई तक के लिए बढ़ा दी थी, जो अब समाप्त होने वाला है. लेकिन अभी भी राज्य में 2 करोड़ (20 मिलियन) से अधिक वाहनों में से केवल 35 लाख (3.5 मिलियन) का पंजीकरण किया गया है. अब सवाल यह है कि क्या समय सीमा फिर बढ़ाई जाएगी या फिर जुर्माना वसूला जाएगा ?
कर्नाटक सरकार ने पहले एचएसआरपी की समय सीमा 17 फरवरी से बढ़ाकर 31 मई 2024 कर दी थी. केवल 13 दिन शेष रहने से वाहन मालिक हैरान हैं.हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाने की समय सीमा भले ही तीसरी बार बढ़ा दी गई है, लेकिन कर्नाटक में मोटर चालकों से की तरफ से अभी तक कोई अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है. पिछले फरवरी में कर्नाटक सरकार ने तीसरी बार एक आदेश जारी किया था, जिसमें मोटर चालकों को एचएसआरपी नंबर प्लेट अपनाने के लिए 31 मई की समय सीमा दी गई थी.
HSRP से लैस वाहनों की संख्या कितनी है?
सरकार ने वाहन चालकों को 1 अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के सभी मॉडलों पर नई एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने का निर्देश दिया था. सरकार ने अन्य कारणों के अलावा वेब पोर्टल में जानकारी की कमी और सर्वर समस्याओं के कारण तब समय सीमा बढ़ा दी थी. बता दें, 2 करोड़ वाहनों में से अब तक केवल 37.5 लाख वाहनों में ही HSRP नंबर प्लेट लगाई जा सकी है.
परिवहन विभाग ने क्या कहा?
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि, बेंगलुरु, मंगलुरु, मैसूरु और बेलगावी में बड़ी संख्या में नंबर प्लेट पंजीकृत हैं. गडग, कोप्पल और हावेरी सहित अन्य जिलों में नंबर प्लेटें कम संख्या में पंजीकृत हैं. हालांकि इसके बारे में उचित जानकारी और जागरूकता पैदा की गई है, लेकिन जनता ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि अगर 31 मई के बाद भी समय सीमा बढ़ाई जाती है, तो हम और अधिक जागरूकता पैदा कर सकेंगे.
हालांकि, नंबर प्लेट को लेकर अभी तक तीन बार समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है, लेकिन वाहन चालकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है. परिवहन विभाग ने सरकार को पत्र लिखकर 31 मई के बाद अपनाए जाने वाले रुख के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया है. इस बार समय सीमा बढ़ाए जाने पर लगभग संशय है. एक अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि लोग तभी इसके प्रति जागरूक होंगे जब उन्हें फाइन भरना पड़ेगा.
परिवहन विभाग ने केंद्र को लिखा पत्र
कुछ पुराने वाहन कंपनियों के पास उपलब्ध नहीं होने के कारण एचएसआरपी नंबर प्लेट को नहीं अपनाया जा रहा है. जो कंपनियां बहुत पुरानी हो चुकी हैं, उन्हें अब पंजीकरण से रोका जाता है क्योंकि वे भारत में अधिवासित नहीं हैं. इसलिए राज्य सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र को पत्र लिखा है. अधिकारियों ने कहा कि वे निकट भविष्य में संबंधित जिला केंद्र और शहर में वाहन कंपनियों के साथ एक समझौता करने के बारे में सोच रहे हैं.
HSRP का क्या उपयोग है?
HSRP से असली और नकली नंबर प्लेट की आसानी से पहचान करने में मदद मिलेगी. वाहन चोरी और दुर्घटना की स्थिति में नई नंबर प्लेट अपनाने से फायदा होगा. इन्हें बदला या विकृत नहीं किया जा सकता. दोपहिया वाहन या कार की नेमप्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ एक लेजर कोड होगा. इसमें इंजन नंबर और चेसिस नंबर समेत कई जानकारियां सेंट्रल डेटा में समाहित होंगी. इस जानकारी का उपयोग करके वाहन चोरी का आसानी से पता लगाया जा सकता है. चोर इसे विरूपित या छेड़छाड़ नहीं कर सकते. इसका इस्तेमाल आतंकवाद समेत अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए होने से रोका जा सकेगा.
किस वाहन के लिए कितना शुल्क?
एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने के लिए दोपहिया वाहनों के लिए 450 रुपये, तीन पहिया वाहनों के लिए 550 रुपये, कारों के लिए 650 रुपये, अन्य चार पहिया वाहनों के लिए 780 रुपये और भारी वाहनों और 10 पहिया वाहनों के लिए 650 से 800 रुपये शुल्क है.
कितना है जुर्माना?
नंबर प्लेट नहीं अपनाने पर 500 से 1 हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा. एचएसआरपी नंबर प्लेट पाने के लिए आप https://transport.karnataka.gov.in/english या https://www.siam.in/ वेबसाइट पर जा सकते हैं.
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