भुवनेश्वर: ओडिशा में इस साल एक-दो नहीं, बल्कि 50 से ज्यादा हाथियों की अप्राकृतिक मौत होने की खबर सामने आई है. वहीं, दूसरी ओर जांच की धीमी गति के चलते अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की गई. इसके बाद राज्य सरकार हरकत में आई और जांच के आदेश दिए.
राज्य के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश देते हुए कहा कि चाहे वे शिकारी हों या वन कर्मचारी या अधिकारी या कोई और किसी को बख्शा नहीं जाएगा. बता दें, विभागीय सचिव मामले की जांच कर एक महीने के भीतर मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे.
हाथियों की सुरक्षा के लिए विभिन्न योजनाएं, लेकिन बढ़ता ही जा रहा मौतों का आंकड़ा
ओडिशा के वन पर्यावरण विभाग ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस साल की शुरुआत से अब तक राज्य में 50 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है. यह बेहद चिंताजनक है. राज्य सरकार हाथियों की असामान्य मौत को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है. जैसे 'गजसाथी' (हाथी मित्र स्वयंसेवक दल), रैपिड एक्शन टीम, लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं.
बर्दाश्त नहीं की जाएगी लापरवाही
वन मंत्री ने कहा कि सभी जंगली जानवरों का अधिकार है कि वे सुरक्षित वातावरण में रहें. उन्हें कानूनी सुरक्षा भी मिलनी चाहिए. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए. यह बहुत महत्वपूर्ण और जरूरी कदम है. किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
विभाग ने छिपाई मौत की सूचना
वन विभाग ने इस साल हाथियों की मौत पर चिंता जताई है. राज्य वन विभाग में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए 397 दस्ते काम कर रहे हैं. इतने दस्ते होने के बावजूद इस साल अब तक 50 से ज़्यादा हाथियों की मौत हो चुकी है. पीसीसीएफ (वन्यजीव) ने चिंता जताते हुए बताया कि उचित गश्त नहीं हो रही है, जंगली जानवरों की सुरक्षा पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.
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