मंगलुरु: संघर्ष समिति ने नाबालिग लड़कियों के रेप के मामलों, हत्या के मामलों को न्यायपालिका द्वारा गंभीरता से लेने की मांग करते हुए 'नोटा' अभियान चलाने का फैसला किया है. इसका मकसद राजनीतिक दलों को ऐसे मामलों में गंभीरता दिखाने के लिए संदेश देना है.
एक प्रेसवार्ता में इस बारे में बोलते हुए संघर्ष समिति के नेता गिरीश मटन्नानवर ने कहा, 'संघर्ष समिति ने आगामी लोकसभा चुनाव में दक्षिण कन्नड़ जिले में नोटा अभियान शुरू किया है. इस बार कार्यकर्ता नोटा को वोट देकर राजनीतिक दलों को चेतावनी देने के लिए आगे आए हैं.'
मटन्नानवर ने कहा, 'यह निर्णय धर्मस्थल में एक लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले सहित राज्य में लड़कियों के साथ सभी रेप के मामलों पर गंभीरता से विचार करने के लिए लिया गया है. कोर्ट ने खुद कहा कि नोटा को लेकर जन जागरूकता की जरूरत है. चुनाव आयोग ने भी हमारे अभियान में सहयोग किया और लोगों से अनुरोध किया कि वे बालिकाओं को प्राथमिकता देने वाले इस अभियान में सहयोग करें.'
उन्होंने कहा कि 'यह अभियान दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिले के तटीय हिस्से में चल रहा है और हम 24 अप्रैल को सुल्या में एक नोटा जन जागरूकता बैठक आयोजित कर रहे हैं.' प्रेसमीट में प्रसन्ना रवि, तम्मन्ना शेट्टी और जयन मौजूद थे.