बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने भारत सरकार से कई महिलाओं का यौन शोषण करने के आरोपी निलंबित जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने का आरोप किया है. कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने रविवार को कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार को केंद्र से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
परमेश्वर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान पर कटाक्ष किया कि प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का कर्नाटक सरकार का अनुरोध 21 मई को प्राप्त हुआ. कांग्रेस नेता ने जयशंकर से सवाल किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा एक मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए पत्र का क्या हुआ.
उन्होंने कहा, जहां तक मेरी जानकारी है, हमें अभी तक केंद्र से कोई सूचना या पत्र नहीं मिला है. मैंने देखा है कि विदेश मंत्री ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि वे कार्रवाई कर रहे हैं और एक दो दिनों में वे राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर देंगे, लेकिन हमें इस पर कोई लिखित सूचना नहीं मिली है.
बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि सीएम सिद्धारमैया ने एक मई को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था. इसके बाद आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने भी केंद्र को पत्र लिखकर राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया.
उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब कहां है? जब एक मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखता है, तो उसे उचित सम्मान मिलना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विदेश मंत्री कह रहे हैं कि उन्हें 21 मई को राज्य सरकार का पत्र मिला है, तो हमें पता होना चाहिए कि पहला पत्र कहां गया? वे कार्रवाई कर रहे हैं.
वहीं, सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्रालय ने प्रज्वल को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द क्यों न किया जाए, जैसा कि उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने मांग की थी. बता दें, सीएम सिद्धारमैया ने 22 मई को प्रधानमंत्री मोदी को दूसरा पत्र लिखकर हासन सांसद प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए त्वरित और आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया था.
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