नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी में बम विस्फोट की घटना की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों को एक सप्ताह बीतने को है, लेकिन अभी तक मामले को सुलझाने के लिए कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है. मामले में दिल्ली पुलिस की मदद कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी कोई सुराग नहीं जुटा पाई है.
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को ईटीवी भारत से कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस की मदद कर रहे हैं. लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है."
अधिकारी के अनुसार, हालांकि सुरक्षा एजेंसियां कुछ लोगों से पूछताछ कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है. अधिकारी ने कहा, "इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है."
20 अक्टूबर को दिल्ली के रोहिणी में सीआरपीएफ स्कूल में विस्फोट हुआ था. हालांकि, इस मामले में अब तक कम से कम 50 लोगों से पूछताछ के बावजूद यह मामला जांच एजेंसियों के लिए रहस्य बना हुआ है. विभिन्न एजेंसियों द्वारा अपनाई जा रही तकनीकी सहायता भी कोई नतीजा नहीं निकाल पाई है.
'खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स' ने ली थी जिम्मेदारी
विस्फोट के बाद, खालिस्तानी समर्थक समूह 'खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स' ने टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो के साथ विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी और एक संदेश भी जारी किया था.
'खालिस्तान जिंदाबाद' वॉटरमार्क वाले वीडियो संदेश में कहा गया कि, अगर भारतीय एजेंसियां और उनके मालिक सोचते हैं कि वे हमारी आवाज को दबाने के लिए हमारे सदस्यों को निशाना बनाने के लिए 'गुंडों' को किराए पर ले सकते हैं, तो वे मूर्खों की दुनिया में रहते हैं. वे कल्पना नहीं कर सकते कि हम उनके कितने करीब हैं और हम किसी भी समय हमला करने में कितने सक्षम हैं.
खालिस्तानी भूमिका स्थापित नहीं हुई!
रोहिणी बम विस्फोट मामले में जांच प्रक्रिया से जुड़े एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खालिस्तानी भूमिका का संकेत देने वाले कोई भी संबंध अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं. अधिकारी ने कहा, "न तो किसी का पता लगाया गया है, न ही कोई सीसीटीवी फुटेज है जिसमें विस्फोट स्थल पर बैग रखने वाले व्यक्ति को कैद किया गया हो."
बता दें, दिल्ली के रोहिणी में बीते रविवार की सुबह हुए विस्फोट के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सोमवार को एक ईमेल मिला जिसमें दिल्ली और तेलंगाना में उसके तीन स्कूलों को उड़ाने की धमकी दी गई थी. हालांकि बाद में यह ईमेल फर्जी निकलना था.
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