चेन्नई: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे बम विस्फोट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चेन्नई में कई स्थानों पर छापेमारी की है. जानकारी के मुताबिक ये छापेमारी इसलिए की गई है क्योंकि विस्फोट में शामिल दो पूर्व दोषी इन स्थानों पर आकर रुके थे. कर्नाटक के राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारियों द्वारा वांछित संदिग्ध कथित तौर पर घटना से पहले लगभग एक महीने तक चेन्नई के तिरुवल्लिकेनी इलाके में एक छात्रावास में रह रहे थे.
एनआईए जेल में बंद दोषियों मेघबूब बाशा और गाजा मोइदीन के सहयोगियों के साथ मिलकर कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों में कई स्थानों पर तलाशी ले रही है. जानकारी के अनुसार तमिलनाडु में पांच स्थानों पर छापेमारी की जा रही है, जिनमें चेन्नई में तीन और रामनाथपुरम जिले में दो स्थान शामिल हैं.
बता दें एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के अधिकारी विशेष रूप से मोटाइकरन स्ट्रीट, मन्नाडी, और विनायकर कोइल स्ट्रीट, मुथियालपेट में व्यक्तियों के घरों की तलाशी ले रहे हैं. साथ ही उस छात्रावास की भी तलाशी ले रहे हैं जहां संदिग्ध तिरुवल्लिकेनी में रुके थे. इन अभियानों से प्रभावित क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है, निवासी और अधिकारी समान रूप से हाई अलर्ट पर हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस विस्फोट के पीछे शिवमोग्गा आईएसआईएस मॉड्यूल हो सकता है. अधिकारियों के मुताबिक, इस मॉड्यूल के 11 लोगों को कर्नाटक के तीर्थहल्ली में कट्टरपंथी बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण भारत में अपना नेटवर्क बढ़ाया हैं.
एनआईए के प्रयास बेंगलुरु बम विस्फोट की व्यापक जांच का हिस्सा हैं, क्योंकि देश आगामी संसदीय चुनावों को लेकर पहले से सतर्क है. बता दें एनआईए ने हमलावर की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. इतना ही नही संदिग्ध की सीसीटीवी तस्वीरें और वीडियो भी जारी किए हैं.