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मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में NHSRC ने शोर को कम करने के लिए उठाए कदम - Mumbai Ahmedabad High Speed ​​Rail

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर वायडक्ट में शोर अवरोधक कंक्रीट के पैनल हैं, जो रेल स्तर से दो मीटर ऊंचे और एक मीटर चौड़े हैं. एनएचएसआरसी के अधिकारियों ने कहा कि ये पैनल वायडक्ट के दोनों ओर लगाए जा रहे हैं, जो ट्रेन द्वारा उत्पन्न वायुगतिकीय ध्वनि और ट्रेन के निचले हिस्से, मुख्य रूप से पटरियों पर चलने वाले पहियों से उत्पन्न होने वाली ध्वनि को परावर्तित और वितरित करेंगे.

Mumbai-Ahmedabad High Speed ​​Rail Corridor
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (फोटो - X/@RailMinIndia)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 12, 2024, 6:11 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRC) के अधिकारियों ने बताया कि एनएचएसआरसी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर वायडक्ट के दोनों ओर शोर अवरोधक लगा रहा है, ताकि ट्रेन से उत्पन्न होने वाले शोर को कम किया जा सके. एनएचएसआरसी के प्रवक्ता ने बताया कि कॉरिडोर वायडक्ट के दोनों ओर शोर अवरोधक लगाए जा रहे हैं, ताकि परिचालन के दौरान ट्रेन और सिविल संरचना से उत्पन्न होने वाले शोर को कम किया जा सके.

शोर अवरोधकों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए एनएचएसआरसी के अधिकारियों ने बताया कि शिंकानसेन तकनीक के आधार पर शोर अवरोधक कंक्रीट के पैनल हैं, जो रेल स्तर से दो मीटर ऊंचे और एक मीटर चौड़े हैं. ये पैनल वायडक्ट के दोनों ओर लगाए जा रहे हैं. प्रवक्ता ने आगे बताया कि ये शोर अवरोधक ट्रेन द्वारा उत्पन्न वायुगतिकीय ध्वनि और ट्रेन के निचले हिस्से, मुख्य रूप से पटरियों पर चलने वाले पहियों द्वारा उत्पन्न होने वाली ध्वनि को परावर्तित और वितरित करेंगे.

रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना, लेकिन चुपचाप! मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन पर, ट्रेन संचालन के दौरान शोर को कम करने और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने तथा कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए शोर अवरोधक लगाए जा रहे हैं.'

इस तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इससे ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्रियों को बाहर का नजारा देखने में कोई बाधा नहीं आएगी. एनएचएसआरसी के अधिकारी ने बताया कि 'आवासीय और शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाले वायडक्ट में तीन मीटर ऊंचे और लंबे शोर अवरोधक होंगे. दो मीटर कंक्रीट पैनल के अलावा, अतिरिक्त एक मीटर शोर अवरोधक 'पॉलीकार्बोनेट' और पारदर्शी प्रकृति का होगा.'

हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन की डबल-स्किन एल्युमिनियम अलॉय वाली बॉडी ट्रेन के अंदर शोर के स्तर को कम करेगी. एनएचएसआरसी ने कहा कि 'हाई स्पीड ट्रेन की लंबी और तीखी नाक वायुगतिकीय खिंचाव को कम करेगी, जो कि हाई-स्पीड ट्रेन के सुरंग से बाहर निकलते समय उत्पन्न होने वाली सूक्ष्म दबाव तरंगों के कारण उत्पन्न होने वाली धमाकेदार आवाज़ को भी कम करती है. 508 किलोमीटर लंबे एमएएचएसआर संरेखण का 465 किलोमीटर से अधिक हिस्सा एलिवेटेड (वायडक्ट पर) है.'

एनएचएसआरसी के अनुसार, हाई स्पीड ट्रेनें 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी और 508 किलोमीटर की दूरी और 12 स्टेशनों को कवर करेंगी. प्रतिदिन/एक दिशा में 35 ट्रेनें चलेंगी, जिनकी आवृत्ति पीक आवर्स में 20 मिनट और नॉन-पीक आवर्स में 30 मिनट होगी.

नई दिल्ली: नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRC) के अधिकारियों ने बताया कि एनएचएसआरसी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर वायडक्ट के दोनों ओर शोर अवरोधक लगा रहा है, ताकि ट्रेन से उत्पन्न होने वाले शोर को कम किया जा सके. एनएचएसआरसी के प्रवक्ता ने बताया कि कॉरिडोर वायडक्ट के दोनों ओर शोर अवरोधक लगाए जा रहे हैं, ताकि परिचालन के दौरान ट्रेन और सिविल संरचना से उत्पन्न होने वाले शोर को कम किया जा सके.

शोर अवरोधकों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए एनएचएसआरसी के अधिकारियों ने बताया कि शिंकानसेन तकनीक के आधार पर शोर अवरोधक कंक्रीट के पैनल हैं, जो रेल स्तर से दो मीटर ऊंचे और एक मीटर चौड़े हैं. ये पैनल वायडक्ट के दोनों ओर लगाए जा रहे हैं. प्रवक्ता ने आगे बताया कि ये शोर अवरोधक ट्रेन द्वारा उत्पन्न वायुगतिकीय ध्वनि और ट्रेन के निचले हिस्से, मुख्य रूप से पटरियों पर चलने वाले पहियों द्वारा उत्पन्न होने वाली ध्वनि को परावर्तित और वितरित करेंगे.

रेल मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना, लेकिन चुपचाप! मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन पर, ट्रेन संचालन के दौरान शोर को कम करने और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने तथा कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए शोर अवरोधक लगाए जा रहे हैं.'

इस तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इससे ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्रियों को बाहर का नजारा देखने में कोई बाधा नहीं आएगी. एनएचएसआरसी के अधिकारी ने बताया कि 'आवासीय और शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाले वायडक्ट में तीन मीटर ऊंचे और लंबे शोर अवरोधक होंगे. दो मीटर कंक्रीट पैनल के अलावा, अतिरिक्त एक मीटर शोर अवरोधक 'पॉलीकार्बोनेट' और पारदर्शी प्रकृति का होगा.'

हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन की डबल-स्किन एल्युमिनियम अलॉय वाली बॉडी ट्रेन के अंदर शोर के स्तर को कम करेगी. एनएचएसआरसी ने कहा कि 'हाई स्पीड ट्रेन की लंबी और तीखी नाक वायुगतिकीय खिंचाव को कम करेगी, जो कि हाई-स्पीड ट्रेन के सुरंग से बाहर निकलते समय उत्पन्न होने वाली सूक्ष्म दबाव तरंगों के कारण उत्पन्न होने वाली धमाकेदार आवाज़ को भी कम करती है. 508 किलोमीटर लंबे एमएएचएसआर संरेखण का 465 किलोमीटर से अधिक हिस्सा एलिवेटेड (वायडक्ट पर) है.'

एनएचएसआरसी के अनुसार, हाई स्पीड ट्रेनें 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी और 508 किलोमीटर की दूरी और 12 स्टेशनों को कवर करेंगी. प्रतिदिन/एक दिशा में 35 ट्रेनें चलेंगी, जिनकी आवृत्ति पीक आवर्स में 20 मिनट और नॉन-पीक आवर्स में 30 मिनट होगी.

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