कोलकाता: शपथ ग्रहण को लेकर जारी गतिरोध के बीच तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में धरना शुरू कर दिया. वे राज्यपाल सी वी आनंद बोस के आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे उन्हें पद की शपथ दिला सकें या अध्यक्ष को ऐसा करने के लिए अधिकृत कर सकें.
विधायक सायंतिका बंद्योपाध्याय कोलकाता के निकट बारानगर और रयात हुसैन सरकार मुर्शिदाबाद जिले के भगवानगोला सीट से निर्वाचित हुए हैं. मामले में सरकार ने संवाददाताओं से कहा, "हमने माननीय राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे विधानसभा में आएं और पद की शपथ दिलाएं या यह जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दें. हालांकि, उन्होंने दोनों विकल्पों को अस्वीकार कर दिया है. इसलिए, हम विधानसभा की सीढ़ियों पर इंतजार कर रहे हैं."
सरकार ने बताया कि वह और बंदोपाध्याय राज्यपाल द्वारा शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की उपस्थिति में शपथ ग्रहण के लिए अपनी सहमति देने के लिए शाम तक प्रतीक्षा करेंगे. वहीं, बंदोपाध्याय ने कहा, "जब तक हम शपथ नहीं ले लेते, हम विधायक के रूप में काम नहीं कर सकते. हमारे निर्वाचन क्षेत्र के लोग परेशान हैं."
शपथ ग्रहण समारोह एक संवैधानिक प्रोटोकॉल
स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा, "शपथ ग्रहण समारोह एक संवैधानिक प्रोटोकॉल है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम इस स्थिति का सामना कर रहे हैं. अगर राज्यपाल चाहें तो वे विधानसभा में आकर शपथ दिला सकते हैं. हम सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करेंगे. हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कोई गतिरोध नहीं होना चाहिए."
बता दें कि इससे पहले राज्यपाल ने दोनों विधायकों को 26 जून को राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. संवैधानिक नियमों के अनुसार राज्यपाल किसी भी विधायक को शपथ दिला सकते हैं. हालांकि, उपचुनावों के मामले में परंपरागत रूप से वह विधानसभा में यह दायित्व अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को सौंपते हैं.
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