नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नीट यूजी 2024 परीक्षा में कुछ उम्मीदवारों को ग्रेस अंक दिए जाने के खिलाफ छात्रों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर सकता है. फिजिक्स वाला के मुख्य कार्यकारी अलख पांडे उन कई याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं, जिन्होंने नीट यूजी 2024 परीक्षा में कम से कम 1,500 छात्रों को ग्रेस अंक दिए जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है.
नोएडा स्थित एडटेक फर्म के सीईओ अलख पांडे की ओर से पेश हुए वकील साई दीपक ने परीक्षा एजेंसी पर छात्रों को ग्रेस अंक देने के पीछे के फॉर्मूले को समझाने में अक्षमता का आरोप लगाया है. पांडे ने कहा कि उनकी टीम ने लगभग 20,000 छात्रों से हस्ताक्षर एकत्र किए हैं, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कम से कम 1,500 छात्रों को लगभग 70 से 80 अंक यादृच्छिक रूप से दिए गए हैं.
अलख पांडे ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा कथित तौर पर ग्रेस मार्क्स दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (एससी) का दरवाजा खटखटाया है. ग्रेस मार्क्स 1,500 से अधिक उम्मीदवारों को दिए गए थे, जिन्होंने बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस), बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विवादों से घिरे नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (नीट-यूजी) 2024 में भाग लिया था.
मंगलवार, 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि नीट-यूजी 2024 की शुचिता प्रभावित हुई है. कोर्ट ने परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने की मांग करने वाली एक अन्य याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा है. पांडे की ओर से पेश हुए वकील जे. साई दीपक ने मंगलवार को जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया.
वकील साई दीपक ने कहा कि हम अलख पांडे का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्होंने लगभग 20,000 छात्रों से हस्ताक्षर एकत्र किए हैं, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कम से कम 1,500 छात्रों को यादृच्छिक रूप से लगभग 70 से 80 अंक अनुग्रह अंक दिए गए हैं. हम अनुग्रह अंक दिए जाने के मनमाने तरीके को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कथित तौर पर समय की हानि के कारण अनुग्रह अंक दिए जाने को चुनौती दी गई है, जो जाहिर तौर पर कई कारणों से हुआ है. याचिका को 14 जून के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
बता दें कि 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है. ऐसे में एनटीए को जवाब देना होगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की गई है. याचिका में 5 मई को आयोजित की गई नीट की परीक्षा के आधार पर 4 जून को आए नतीजों के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है.
एक दूसरी याचिका छात्रा शिवांगी मिश्रा और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और नीट की परीक्षा नए सिरे से आयोजित कराए जाने की मांग की है. बता दें कि नीट की परीक्षा पर पेपर लीक और धांधली का आरोप लगाते हुए इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया है. जबकि नीट का आयोजन करने वाली संस्था एनटीए ने पेपर लीक या परीक्षा में धांधली के आरोपों को सिरे से इनकार कर दिया है.